राजपथ - जनपथ
अंबिकापुर रेल लाइन, अपना दल का साथ
सरगुजा के कुछ भाजपा नेताओं की इलाके में रेल सुविधाएं बढ़ाने की मुहिम अब धीरे-धीरे रंग ला रही है। ये नेता अंबिकापुर से रेणुकूट (यूपी) तक 106 किमी रेल लाइन बिछाने के लिए अभियान चला रहे हैं। स्थानीय सांसद, और केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह भी अब इस मुहिम से जुड़ चुकी हैं। यही नहीं, अंबिकापुर से रेल लाइन आगे बढ़ाने के प्रस्ताव को पड़ोसी राज्य यूपी के अपना दल (एस) का भी समर्थन मिल गया है।
अपना दल (एस) एनडीए का सहयोगी दल है। रेणुकूट , जो कि यूपी के सोनभद्र जिला का हिस्सा है, वहां के अपना दल(एस) के सांसद पकौड़ी लाल कोल ने अंबिकापुर से रेणुकूट को जोडऩे के लिए केन्द्रीय रेल मंत्री से मिलने साथ जाने के लिए तैयार बैठे हैं। बताते हैं कि अंबिकापुर से रेणुकूट तक रेल लाइन बिछाने के लिए तीन बार सर्वे भी हो चुका है। इस बीच में 11 छोटे-बड़े स्टेशन भी बनेंगे।
भाजपा नेता यह भी चाहते हैं कि अंबिकापुर से कोरबा तक 145 किमी रेल लाइन को जोड़ा जाए। यह भी सर्वे हो चुका है। केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव तक सारे प्रस्तावों को भेजा भी जा चुका है। रेल मंत्रालय इन प्रस्तावों को सहमति दे देता है, तो अंबिकापुर से दिल्ली 15 घंटे में और रायपुर तक का सफर 6 घंटे में पूरा हो जाएगा। भाजपा की मुहिम को एक और सहयोगी दल का साथ मिलने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि रेल मंत्रालय आदिवासी इलाके में रेल सुविधाएं बढ़ाने के लिए सहमत हो जाएगा। फिलहाल तो नेता रेल मंत्रालय के रूख का इंतजार कर रहे हैं।
भाजपा में अब यह शोर भी
भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को बदले जाने का शोर अभी थमा नहीं है कि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को बदले जाने की चर्चा शुरू हो गई है। यह तर्क दिया जा रहा है कि साय को हटाने से आदिवासी समाज में गलत संदेश जाएगा। अलबत्ता, कौशिक की जगह अजय चंद्राकर, या फिर नारायण चंदेल को लाने से कोई नुकसान नहीं होगा। मगर वाकई ऐसा होगा, यह तो तय नहीं है, लेकिन जो भी प्रदेश के नेता दिल्ली से लौटते हैं वो बदलाव की तरफ इशारा जरूर करते हैं। कुछ का दावा है कि अगले एक पखवाड़े के भीतर प्रदेश भाजपा में बड़ा बदलाव जरूर होगा। देखना है कि आगे क्या होता है।