राजपथ - जनपथ
कुंडली मारकर बैठे...
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के म्युनिसिपल की खबर है कि नए कमिश्नर मयंक चतुर्वेदी ने महिला पार्षदों के पतियों से बात करने से इंकार कर दिया है। उनके साथ मुलाकात के दौरान एक पार्टी के पार्षद दल में महिला पार्षदों के पति भी थे, और वे आदतन बातचीत में दखल भी दे रहे थे। उनका परिचय पाने के बाद कमिश्नर ने उनसे बात करने से इंकार कर दिया।
पूरे हिन्दुस्तान में अधिकतर जगहों पर पार्षद पति, पंच-सरपंच पति, विधायक या जिला पंचायत अध्यक्ष पति, या सांसद पति तक का राज चलता है। जिन पुरूषों में महिला आरक्षण की वजह से वार्ड या पंचायत छूट जाने का डर रहता है, वे भी अपनी पत्नियों के नाम हलफनामे से बदलकर उनके नाम के साथ अपना नाम जुड़वा लेते हैं, और मानो उनकी छत्रछाया में पत्नियां काम करती हैं, अंगूठा लगाती हैं। मजाक-मजाक में लोग पंच-पति को पाप और सरपंच-पति को सांप भी कहते हैं, क्योंकि वे छूट गई कुर्सी पर बीवी को बिठाकर उस पर सांप की तरह कुंडली मारकर बैठ जाते हैं।
रायपुर म्युनिसिपल कमिश्नर एक नौजवान अफसर हैं, और उन्होंने यह ठीक फैसला लिया है। आज तो हाल यह है कि महिला पार्षदों की तरफ से उनके पति ही म्युनिसिपल के अफसरों को हुक्म देते रहते हैं, देखें अब तस्वीर कितनी बदलती है।
रोहिंग्या मुसलमानों की धमकी?
सरगुजा के मैनपाट में 1962 से बसे तिब्बती शरणार्थियों को प्रदेश के हर हिस्से में जाना जाता है। मैनपाट की खूबसूरत प्राकृतिक छटा के अलावा पर्यटकों को यहां के शरणार्थी तिब्बतियों की विशिष्ट जीवन शैली आकर्षित करती है। छत्तीसगढ़ में वे रच बस गए हैं। हर बड़े शहर में ऊनी कपड़ों का बाजार ठंड के दिनों में लगाते हैं। उन्होंने खेती के नए-नए प्रयोग मैनपाट में किए, जिसका लाभ स्थानीय किसानों को भी मिलता है। पिछले दिनों उनके बीच दहशत फैलाने की कोशिश की गई। उनके कैंप के गेट पर किसी ने चेतावनी भरा परचा चिपका दिया, जिसमें कहा गया कि संभल कर रहें अन्यथा अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें। धमकी देने वाले ने खुद को रोहिंग्या मुसलमान बताया है। इस परचे के जरिये यह बताने की कोशिश हुई है कि सरगुजा में रोहिंग्या मुसलमानों की मौजूदगी है। कुछ समय पहले अंबिकापुर में रोहिंग्या लोगों की मौजूदगी का आरोप लगाया गया था, जिसकी प्रशासन ने जांच कराई थी। कोई नहीं मिला था। क्या तब प्रशासन ढूंढ नहीं पाया और वे अब मैनपाट तक पहुंच गये? या फिर उनके नाम पर कोई और शरारत कर रहा है? पुलिस और प्रशासन इस परचे की वास्तविकता को सामने लाकर लोगों के मन में उपजे सवालों को सुलझा सकता है। वरना इस तरह का मामला आने वाले चुनाव में किसी को फायदा पहुंचा सकता है, तो किसी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
पेड़ों को बचाने का मंत्र..
हसदेव अरण्य के पेड़ों को बचाने के लिए छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्तर पर सामूहिक जमावड़े के साथ आंदोलन तो हो ही रहे हैं, व्यक्तिगत स्तर पर भी लोग इस मुहिम में योगदान कर रहे हैं। ऐसे ही एक प्रयास की झलक मिल रही है शादी के इस निमंत्रण पत्र में। यह छत्तीसगढ़ी में दिया गया न्यौता तो है ही, साथ ही मंत्र की जगह पर घने वृक्ष की तस्वीर के नीचे लिखा है- एक पेड़ जिनगी भर... हैशटैग हसदेव। वर डॉ. वैभव को मालूम है कि जीवन का मंगल इसी मंत्र से होना है।