राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : बंद कमरे की बातचीत क्यों बताएँगे ?
19-Jul-2022 6:03 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : बंद कमरे की बातचीत क्यों बताएँगे ?

बंद कमरे की बातचीत क्यों बताएँगे ?

बाबा एपिसोड में आगे क्या होगा, इसको लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। इसमें भाजपा के लोगों की काफी उत्सुकता है। कुछ दिन पहले बाबा के भतीजे, और सरगुजा जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने पिछले दिनों केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की थी। और जब बाबा का पत्र सार्वजनिक हुआ, तो सरगुजा की सांसद केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह से रहा नहीं गया, उन्होंने उत्सुकता वश फोन लगाकर सिंधिया से पूछ लिया कि क्या बाबा भाजपा में शामिल होंगे?

चर्चा है कि सिंधिया ने इस पर अनभिज्ञता जताई, और बता दिया कि बाबा के भतीजे उनसे मिलने क्यों आए थे? दरअसल, अंबिकापुर से रांची और बनारस के लिए विमानसेवा शुरू होने वाली है। आदित्येश्वर शरण सिंहदेव हवाई पट्टी का क्षेत्र बढ़ाने, और इसके कारण विस्थापित किए गए स्कूलों के अधोसंरचना विकास के लिए धन राशि उपलब्ध कराने का आग्रह करने गए थे। वैसे भी राजाओं के बीच आपस में कोई राजनीतिक चर्चा हुई होगी, तो वो रेणुका सिंह को क्यों बताएंगे।

 कैबिनेट फेरबदल की चर्चा

चर्चा है कि सीएम भूपेश बघेल ने कैबिनेट में फेरबदल के लिए हाईकमान से अनुमति मांगी है। कहा जा रहा है कि सीएम ने प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से इस पर विस्तार से बात की है। सीएम कैबिनेट में तीन-चार मंत्रियों को बदलकर नए चेहरे को जगह देने के पक्ष में हैं। बाबा एपिसोड के बाद फेरबदल की अनुमति मिलेगी अथवा नहीं, इसको लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा यह है कि पुनिया फेरबदल की जरूरत पर हाईकमान से चर्चा करने वाले हैं। अब देखना है कि कैबिनेट में फेरबदल की अनुमति मिलती है अथवा नहीं।

आपदा में मदद के हाथ..

सुकमा जिले में बाढ़ से कोहराम मचा हुआ है। नेशनल हाईवे सहित चालीस गांवों में पानी भरा हुआ है। 3000 से ज्यादा लोग राहत शिविरों में है। पहले से ही बस्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं लचर है। अब जब गांव के गांव घिर गए हैं तब बीमारों की दशा क्या होगी, अंदाजा लगाया जा सकता है। ये तस्वीरें बता रही हैं कि किस तरह मदद के लिए लोग सामने आ रहे हैं। एंबुलेंस गांव तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं मिलने पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी जिनमें महिलाएं भी हैं, वैकल्पिक रास्ता तैयार कर रहे हैं। दूसरी तस्वीर में एक जवान अपनी पीठ पर लादकर बीमार को एंबुलेंस तक पहुंचा रहा है।

सिटी बस कब चलेगी?

रायपुर बिलासपुर जैसे बड़े शहरों में सिटी बस बंद हो जाने के कारण हजारों लोगों को रोजाना महंगे साधनों से सफर करना पड़ रहा है। रायपुर में इस परेशानी को दूर करने की शुरुआत हुई है। इसके लिए पहला टेंडर जून महीने में और दूसरा फिर जुलाई में निकाला गया। मगर बस ऑपरेटर सामने नहीं आ रहे हैं। निविदा जमा करने की आखिरी तारीख 20 जुलाई है और अभी तक कोई टेंडर नहीं आया। दरअसल कंडम बसों की मरम्मत के लिए दो करोड़ रुपये की व्यवस्था भी ऑपरेटरों को ही करनी है और इसी शर्त की वजह से वे उलझन में है। क्या यह अच्छा नहीं होता कि नगर निगम ऑपरेटरों के साथ बैठक करके शर्तों को तय कर लेता और कोई रास्ता निकाल लेता। अगर कल 20 जुलाई तक कोई आवेदन नहीं आता है, तो फिर एक बार शहर में सिटी बसों का संचालन टल जाएगा।

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