राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : दफ्तरों में हरेली का माहौल...
20-Jul-2022 6:18 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : दफ्तरों में हरेली का माहौल...

दफ्तरों में हरेली का माहौल...

शासकीय कर्मचारी जून में एक दिन कलम बंद करने के बाद इस बार सीधे पांच दिन की हड़ताल करने जा रहे हैं। जाहिर है हड़ताल शनिवार और रविवार को छोडक़र होने वाली है। आने वाले दो दिन गुरुवार और शुक्रवार को तो दफ्तर खुलेंगे, पर यदि आंदोलन सफल हुआ तो सीधे एक अगस्त को खुलेंगे। हड़ताल महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग पर 25 जुलाई से शुरू होगी जो अगले शुक्रवार 29 जुलाई तक चलेगी। इस बीच 28 जुलाई को हरेली है, जिसे छत्तीसगढ़ में अवकाश घोषित किया जा चुका है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि हड़ताल में अधिकारी, कर्मचारियों से लेकर प्यून और ड्राइवर भी शामिल होने जा रहे हैं। वे दफ्तरों का ताला नहीं खोलेंगे न ही वाहन चलाएंगे। शिक्षकों ने भी समर्थन दिया है।

इसके बाद आने वाले अगस्त महीने में भी 13 दिन छुट्टियां होंगी। इनमें से 9 तो शनिवार-रविवार के हैं, चार अवकाश मोहर्रम, रक्षाबंधन, कृष्ण जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी पर हैं।

पांच दिन की ड्यूटी शेड्यूल तय करते समय सुबह 10 बजे अधिकारी कर्मचारियों को दफ्तर पहुंचने का फरमान था। शुरू में कुछ दिनों तक इस पर नजर रखी गई, पर उसके बाद सब कुछ पहले की तरह हो गया है।

हरेली के दिन प्रदेश में गो मूत्र खरीदी शुरू होने वाली है। विधानसभा का सत्र इस समय चल ही रहा है। स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया भी जारी है। किसान खाद-बीज के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। इन छुट्टियों और हड़ताल से उनकी मुसीबत और बढ़ जाएगी।

रुपये पर रोने वालों को ताना...

आप ब्रश करेंगे तो कोलगेट से, शेविंग जिलेट से, ऑफ्टर शेव ओल्ड स्पाइस इस्तेमाल करेंगे। पीयर्स साबुन से नहाएंगे, एलेन सॉली की शर्ट पहनेंगे, लेविस की पैंट पहनेंगे, रिफ्रेशमेंट के का लिए मैगी खाएंगे, नेस्कैफे की कॉफी पिएंगे, सोनी की टीवी देखेंगे, वोडाफोन इस्तेमाल करेंगे, रेन बे का चश्मा पहनेंगे और रैडो की घड़ी, टोयोटा में घूमेंगे, एप्पल का कंप्यूटर रखेंगे, मैक्डोनाल्ड से लंच मंगाएंगे और डोमिनोज़ से पिज्जा, दारू पिएंगे जॉनी वॉकर और अमेजॉन में शॉपिंग करेंगे, ऐसे में आप यह सवाल क्यों उठा रहे हैं कि भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रहा है? 

वैसे तो वाट्सअप ज्ञान देने वालों को गलती से आपने  जवाब दे दिया तो एक पूरा झुंड आपके पीछे पड़ जाएगा, फिर भी यहां पर पूछ लेना जरूरी है कि इन सारे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने की हैसियत कितने प्रतिशत लोगों की है। रुपया गिरने से अधिक चिंता तो लोगों को महंगाई और बढ़ते जा रहे टैक्स की है। दूसरी बात, आप यदि भारतीय उत्पाद इस्तेमाल करना चाहेंगे तो विकल्प भी सुझा दीजिए। अब तो बहुत सारा देशी उत्पाद बनाने का दावा करने वाले बाबा रामदेव के प्रोडक्ट भी अमेजान के प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। विदेशी कंपनी अमेजॉन को तो इससे भी फायदा ही हो रहा है।

अब तो अगले चुनाव के बाद ही मिलेगा..

प्रदेश में कांग्रेस सरकार को लगभग 4 साल हो रहे हैं। कार्यकर्ताओं की जो नाराजगी पहले थी, वह अब भी बनी हुई है। यह पिछले दिनों हुई बैठक में सामने आया। प्रदेशभर के जिला अध्यक्ष और पदाधिकारी इस बैठक में मौजूद थे। मोटे तौर पर उन्होंने जो पीड़ा जाहिर की, वे कुछ इस तरह की थीं-विधायक और मंत्री हमें पूछते नहीं, प्रशासन भाजपा के इशारे पर काम करता है। जब हम विपक्ष में होते थे तब अधिकारी हमारी ज्यादा सुना करते थे, आज के मुकाबले। कार्यकर्ता 4 साल से परेशान हैं। निगम और मंडलों में 2200 लोगों को नियुक्त करने की बात थी, मगर सूची 400 में अटक गई है। कृषि उपज मंडी में बड़ी संख्या में नियुक्तियां की गई लेकिन जिला अध्यक्षों से सलाह नहीं ली गई। नियुक्ति की खबर तो उनको अखबारों से मिली। हमारी कोई हैसियत नहीं क्या?

चुनाव जैसे ही करीब आते हैं कार्यकर्ताओं की पूछ परख बढ़ जाती है, चाहे वह दल सत्ता में हो या विपक्ष में। कांग्रेस ने  9 अगस्त से हर एक विधानसभा का 75 किलोमीटर पदयात्रा का कार्यक्रम बनाया है। इसी माह घर-घर झंडा फहराने की भी योजना है। ये काम तो कार्यकर्ताओं के भरोसे ही होना है। 

अब दुखी और नाराज कार्यकर्ताओं से कहा जा रहा है कि चार छह माह के लिए कोई पद मिल भी जाए तो क्या कर लेंगे? इस से अच्छा है कि फिर से अगली बार सरकार बनाने के लिए मेहनत करें। सरकार फिर बनेगी तो सब मिल जाएगा। जिनको मौका नहीं मिला है, उन्हें तो जरूर मिलेगा।

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