राजपथ - जनपथ
दोनों का अस्तित्व खतरे में
पावस सत्र शुरू होने के चार दिन पहले पंचायत विभाग छोडक़र बाबा ने हलचल मचा दी। खुद विधानसभा से अवकाश लेकर पार्टी के काम से गुजरात चले गए हैं। विपक्ष को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है, और सदन में रोज घुम फिरकर बाबा के मसले पर बहस हो जाती है। सरकार ने एक आदेश जारी कर पंचायत विभाग का प्रभार रविन्द्र चौबे को दे दिया है, बावजूद इसके विपक्ष सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। जोगी पार्टी के विधायक धर्मजीत सिंह ने तो चुटकी ली कि हसदेव और सिंहदेव, दोनों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। बाबा की सदन में गैर मौजूदगी सत्तापक्ष को भारी पड़ रही है।
देवव्रत के जाने के बाद
पावस सत्र में सरकार के खिलाफ पूरा विपक्ष एकजुट दिख रहा है। राष्ट्रपति चुनाव में भी भाजपा के साथ बसपा, और जोगी पार्टी साथ थी, और एक राय होकर एनडीए प्रत्याशी द्रोपदी मुर्मू का समर्थन किया था। सदन में पहले जोगी पार्टी के सदस्य देवव्रत सिंह, और प्रमोद शर्मा एक तरह से सरकार के साथ दिखते थे। दोनों ने जोगी पार्टी से अलग होने का मन भी बना लिया था, लेकिन देवव्रत सिंह के गुजरने के बाद परिस्थिति बदल गई है। प्रमोद शर्मा अब पार्टी की मुख्य धारा में लौट आए हैं। और जब बसपा सदस्य केशव चंद्रा ने अपने क्षेत्र में बजट प्रावधान होने के बावजूद काम न होने का मुद्दा उठाया, तो उन्हें भाजपा और जोगी पार्टी का भरपूर साथ मिला। धर्मजीत सिंह ने इस मुद्दे पर सदन से वॉकऑउट किया, तो भाजपा और बसपा सदस्य भी उनके पीछे-पीछे निकल गए।
10 बार पीएससी फेल आईएएस
पिछले दिनों आईएएस अविनाश शरण ने एक पोस्ट डालकर बताया था कि उन्होंने 10वीं परीक्षा थर्ड डिवीजन में पास की थी। अब प्रतियोगी परीक्षाओं में कितनी बार वे विफल हुए इसका भी खुलासा उन्होंने कर दिया है। 10वीं में उन्हें 44.7 प्रतिशत अंक मिले थे तो 12वीं और ग्रेजुएशन भी औसत ही था। 12वीं में 65 प्रतिशत तथा स्नातक में 60 प्रतिशत अंक ही मिले थे। कॉमन डिफेन्स सर्विस (सीडीएस) की परीक्षा में फेल हो गए। फिर सेंट्रल आर्म्स पुलिस फोर्स (सीपीएफ) परीक्षा में भी फेल हो गए। यही नहीं राज्य लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा में ही 10 से अधिक बार आउट हो गए। मगर, यूपीएससी की परीक्षा दी तो पहली बार में ही साक्षात्कार के लिए बुला लिया गया। दूसरे प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 77 हासिल किया।
बच्चन के शब्दों में कहें तो नन्हीं चींटी दाना लेकर चढ़ती है, दीवारों पर सौ बार फिसलती है।
उन्होंने यह पोस्ट ठीक ऐसे वक्त डाली है जब सीबीएसई के नतीजे आए हैं। जो छात्र नंबर की रेस में पिछड़ गए हैं, यह उनको दिलासा देने के लिए है।
सडक़ बनी गौठान...
यह जगदलपुर के मुख्य चौराहे की तस्वीर है। किसी ने सोशल मीडिया पर इसे डाला और लिखा- यह शहर के बीच बनाया गया गोठान हैं, जहां बिना खलल के गाय-भैंस आराम फरमाते हैं।