राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : बाकी जिंदगी मलाल के साथ
10-Jan-2023 4:32 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : बाकी जिंदगी मलाल के साथ

बाकी जिंदगी मलाल के साथ

हिन्दुस्तान के सबसे बड़े अभिनेता अमिताभ बच्चन ट्विटर और फेसबुक पर लगातार सक्रिय रहते हैं, और ट्विटर पर उन्हें देखकर लगता है कि वे सठिया गए हैं। हालांकि 80 बरस के हो चुके अमिताभ को सठियाये भी 20 बरस हो गए हैं, लेकिन अभी की उनकी हरकतें मजेदार हैं। ट्विटर पर वे अपनी हर ट्वीट पर एक नंबर डालते हैं, इससे यह भी पता लगता है कि वे आज तक कितनी ट्वीट कर चुके हैं। अभी उन्होंने लिखा कि उनसे भयानक गलती हो गई है, उनकी ट्वीट टी-4514 के बाद की सारी ट्वीट के नंबर गलत हो गए हैं। उन्होंने संख्याएं लिखकर बताया कि टी-5424, 5425, 5426 सभी गलत नंबरों वाली हो गई हैं और इनके नंबर टी-4515, 4516, 4517 होने चाहिए थे। उन्होंने लोगों से इस गलती के लिए माफी मांगी है। अपनी ट्वीट को नंबर देने वाले वे शायद अकेले ही व्यक्ति हैं। अब सवाल यह उठता है कि इन नंबरों की जरूरत ही क्या है? और इनके सही और गलत होने से फर्क क्या पड़ रहा है? लेकिन अमिताभ के बारे में यह तो कहा नहीं जा सकता कि बुढ़ऊ खाली बैठे हुए सनकी की तरह काम कर रहे हैं, क्योंकि अमिताभ आज भी न सिर्फ अपने परिवार के जवान लोगों के मुकाबले अधिक काम करते हैं, बल्कि देश के किसी भी दूसरे नौजवान को काम और मेहनत के मामले में टक्कर दे सकते हैं। खैर, अब अमिताभ को अपनी बाकी जिंदगी इसी प्रायश्चित के साथ गुजारनी होगी क्योंकि ट्विटर ने अब तक एडिट-बटन बनाया नहीं है।

रागी कोदो कुटकी का इधर भी जश्न

रागी कोदो कुटकी जैसे विलुप्त होती फसलों को चलन में फिर से लाने के लिए मिलेट मिशन चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार की इस योजना के छत्तीसगढ़ में सफल होने की भरपूर संभावना है क्योंकि पहले से ही इसकी खेती यहां बड़े पैमाने पर होती रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और उन्हें मिलेट मिशन पर प्रदेश में हो रहे काम की जानकारी दी। मोदी ने उन्हें मिलेट कैफे खोलने का सुझाव भी दिया। सीएम इस योजना को लेकर बड़े आशान्वित और उत्साहित भले ही हैं लेकिन अफसर किस तरह से पानी फेर सकते हैं इसका रुझान बलरामपुर जिले से सामने आया है। एक आरटीआई कार्यकर्ता ने जानकारी निकाली है यहां के कृषि विभाग के अफसरों ने मिलेट मिशन के लिए मिले एक करोड़ 8 लाख रुपये को कागजों में खर्च कर दिया है। सबूतों के साथ एसपी से शिकायत की गई क्योंकि निकाले गए कई दस्तावेज कूट रचित मिले हैं। पर एसपी ने शिकायत को कलेक्टर के पास भेज दिया। कलेक्टर ने एक जांच समिति बनाई है। मतलब यह कि अभी जिम्मेदार और अधिकारी कर्मचारी बचे हुए हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि जांच टीम समय पर ईमानदारी के साथ जांच पूरी करेगी और दोषियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी होगी। शिकायतें सूरजपुर और कोरिया जिले से भी आ रही हैं।

भगवा ही क्यों, भाजपा का सवाल?

सरकार की चूक उसके विरोधियों को मामला उठाने का मौका दे देती है। स्कूली किताबें देश के हर प्रदेश में तरह-तरह के विवादों से घिरती ही हैं। अब छत्तीसगढ़ में पांचवीं की एक सरकारी किताब में ठगों का जिक्र करते हुए यह सुझाया गया है बनावटी साधू जगह-जगह ठगी करते हुए पकड़ाते हैं, और क्लास में इनके बारे में चर्चा होनी चाहिए। इस पाठ में पुलिस एक भगवाधारी साधू को पकडक़र ले जाते दिख रही है, और भाजपा की तरफ से इस बात पर भी आपत्ति की गई है। अब कांग्रेस पार्टी भी हिन्दुत्व को लेकर जितनी चौकन्ना चल रही है, हो सकता है कि इस पाठ को बदलने का आदेश जल्द ही हो जाए। वैसे भी रंगों को लेकर इन दिनों भारतीय लोकतंत्र बड़ा संवेदनशील हो गया है।

अमित शाह से बात का मौका

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के प्रदेश दौरे पर प्रेक्षकों की निगाहें टिकी थीं मगर शाह कोरबा में सिर्फ एक सभा ही ले पाए। विलंब की वजह से जिले की कोर कमेटी की बैठक में शामिल नहीं हुए। प्रदेश भाजपा के दिग्गज नेताओं को उनसे अकेले में चर्चा करने की हसरत थी। लेकिन व्यस्तता की वजह से ऐसा कुछ नहीं हो पाया। वापसी के समय अमित शाह के पास 15-20 मिनट स्थानीय नेताओं के साथ चर्चा का मौका भी था।
सीएम भूपेश बघेल भी उसी समय उनसे भेंट-मुलाकात के लिए पहुंच गए। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल सहित कई अन्य नेता भी वीआईपी लाउंज में मौजूद थे। तभी अमित शाह के पास किसी का फोन आया, और फिर उन्होंने सभी को बाहर जाने के लिए कह दिया। इसके बाद शाह अकेले में किसी फोन पर बतियाते रहे, फिर बाहर निकले, और सबसे औपचारिक रूप से मिलकर चले गए।

ऑनलाइन फूड डिलीवरी में बबीता

रायपुर सहित छत्तीसगढ़ के कई शहरों में रेस्तरां, होटल, पेट्रोल पंप में लड़कियां कुशलता से अपना काम करते हुए दिखती हैं। अब ये फूड डिलीवरी करते भी नजर आने लगी हैं। यह रायपुर की बबिता हैं, जो जोमेटो के लिए ऑर्डर डिलीवर करती हैं। बबिता शायद पहली लडक़ी हो, क्योंकि उसका भी कहना है कि मैंने किसी दूसरी लडक़ी को इस काम में नहीं देखा। महानगरों में शायद यह होता हो। लड़कियां अपनी आर्थिक स्थिति को दुरुस्त करने के लिए अब चुनौती भरे किसी भी काम से संकोच नहीं कर रही हैं। रायपुर, बिलासपुर सहित कई शहरों में तो बड़ी संख्या में महिलाएं ई रिक्शा चला ही रही हैं।

फिर खाद पर हेल्थ सिस्टम

बिजली, पानी, स्वास्थ्य और सडक़ जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित विशेष संरक्षित वर्ग  के आदिवासियों की दयनीय दशा यह बताती है कि इनके लिए आने वाले फंड का किस तरह दुरुपयोग होता है। पर यह एक घटना ऐसी है जिसमें जमीनी स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों ने विपरीत हालात में मानवीय संवेदना की मिसाल दी। पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक के कई गांवों में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा रहते हैं। बीहड़, पथरीले और पगडंडी वाले रास्ते के बीच बसे गांव खुर्रीभौना का का एक बुजुर्ग सुंदर सिंह बीमार पड़ गया। संजीवनी कंट्रोल रूम रायपुर से टास्क मिलने पर एंबुलेंस टीम वहां के लिए रवाना तो हो गई पर 3 किलोमीटर दूर उन्हें रुकना पड़ा। एंबुलेंस वहां तक जा ही नहीं सकती थी। ऐसे संजीवनी में तैनात स्टाफ धरम सिंह और प्रेम शंकर दोनों पैदल ही पहाड़ी चढक़र गांव तक पहुंचे। मरीज की हालत ऐसी थी कि उसे पैदल एंबुलेंस तक नहीं लाया जा सकता था। उसे खाट में लिटाया गया, ग्रामीणों की मदद से 3 किमी दूर खड़ी एंबुलेंस में बिठाकर अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया गया। यह पहली घटना नहीं है। बस्तर और सरगुजा संभाग से प्राय: ऐसी खबरें आती रहती हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसर और जनप्रतिनिधि इन कर्मचारियों की पीठ थपथपा सकते हैं, पर अब तक वहां के लिए सडक़ क्यों नहीं बनी इस पर सवाल उनसे किया जा सकता है। सरकार लोगों के दरवाजे तक इलाज पहुंचाने की योजना चला रही है, जब सडक़ ही नहीं तो मरीज तक इलाज वाली गाड़ी पहुंचेगी कैसे?

[email protected]

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news