राजपथ - जनपथ

सीएम ने फैलाई सनसनी
छत्तीसगढ़ में ईडी की चल रही कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज सुबह यह कहकर एक सनसनी फैला दी है कि जैसे ही अडानी की कंपनियों की जांच प्रदूषण निवारण मंडल के अधिकारियों ने की, ईडी ने इस दफ्तर पर छापा मारा, और वहां के अधिकारियों-कर्मचारियों को डेढ़ दिन निकलने नहीं दिया। अब अडानी को लेकर आज हिन्दुस्तान और दुनिया के दर्जन भर दूसरे देशों में जिस तरह की सनसनी फैली हुई है, उस बीच मुख्यमंत्री की यह बात एक बहुत बड़ा आरोप है, और ईडी को अदालत में इसे गलत ठहराने के लिए कुछ मेहनत तो करनी ही पड़ेगी। फिलहाल कांग्रेस के तीन दिन के अधिवेशन की गहमागहमी कम नहीं है, और कल दिल्ली एयरपोर्ट पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता को असम की पुलिस ने जिस तरह गिरफ्तार किया, उससे भी केन्द्र सरकार एक अलग तरह के निशाने पर आ गई है। आने वाले दिन इस टकराव को और बढ़ाने वाले साबित होंगे।
रेलवे अफसरों की ठसक
अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही कई परंपराएं रेलवे में अब भी मौजूद हैं। जब रेल महाप्रबंधक वार्षिक निरीक्षण के लिए जोन और डिवीजन के स्टेशनों में निकलते हैं तो उनके लिए एक खास सैलून तैयार किया जाता है। इसमें रसोई, एसी, फ्रिज, बेड, ऑफिस और सेवादार मौजूद होते हैं। कई बार देखा गया है कि जीएम के सैलून से उतरने से पहले दरवाजे की हैंडल साफ की जाती है और नीचे कालीन बिछाई जाती है। आरपीएफ के जवान सैल्यूट मारते हैं। पिछले साल सितंबर महीने में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का ध्यान गया कि देश भर में जो 17 जोन और 65 डिवीजन है, जीएम दौरे के नाम पर ही उनमें सालाना 200 करोड़ रुपए खर्च हो जाते हैं। कार्यशाला और बैठकों में भी खानपान के पीछे काफी खर्च होता है। टीए, अलाउंस, किराया, पुरस्कार, स्वागत, समारोहों के आयोजन पर भी फिजूलखर्ची की बात सामने आई। मंत्री ने अब वीआईपी कल्चर खत्म करने का आदेश दिया है। मंत्री जी के आदेश में एक और खास बात यह है कि उन्होंने दफ्तरों से घंटियां हटाने के लिए कहा है। अटेंडेंट को बुलाने के लिए अफसर आवाज लगाएंगे।
प्रतिदिन लाखों लोग रेल की यात्रा करते हैं और उनकी तमाम तरह की परेशानियां होती है। देखा गया है कि रेलवे के अधिकांश दफ्तरों में आम लोगों से मिलने के लिए कोई समय ही निर्धारित नहीं किया गया है। हाल के दिनों में बंद ट्रेनों को चालू करने, पूर्ववत स्टॉपेज शुरू करने जैसी मांगों को लेकर मिलने के लिए संगठनों को आरपीएफ को सामने रखकर रोका गया। सांसद, विधायक और सलाहकार समितियों के साथ बैठक ली गई लेकिन मांगों पर कोई फैसला नहीं लिया। बीते महीने सांसदों के साथ हुई बैठक में इस बात को लेकर उपस्थित प्रतिनिधियों की रेलवे के अधिकारियों से खूब तकरार हुई थी कि अपनी मनमर्जी से अफसरों ने प्रस्ताव बना लिया है जबकि सदस्यों से कोई राय ही नहीं ली गई है।
रेल मंत्री का नजरिया सिर्फ रेलवे की आमदनी और खर्च से जुड़ा है। वीआईपी कल्चर खत्म होने जैसा तो तब लगेगा जब रेलवे के अधिकारी आम लोगों के ज्यादा नजदीक और यात्रियों की समस्याओं के प्रति अधिक संवेदनशील हों।
कटघोरा में लिथियम का भंडार
करीब दो साल पहले परमाणु खनिज अन्वेषण और अनुसंधान निदेशालय ने एक सर्वे किया था जिसमें कहा गया था कि कटघोरा वन मंडल के गढक़टरा क्षेत्र में रेयर अर्थ एलिमेंट्स लिथियम का भंडार मिला है। अब एक नई जानकारी आई है कि कटघोरा नगर के वार्ड क्रमांक 9 महेशपुर और इसके आसपास भी लिथियम उपलब्ध है। ऐसे में हाल के दिनों में एक खबर दिल्ली से आई थी जिसमें कहा गया था कि भारत में पहली बार जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में लिथियम पाया गया है, पूरी तरह सही नहीं है। बस्तर के सांसद दीपक बैज के सवाल पर 14 दिसंबर 2022 को लोकसभा में बताया गया था कि खनिज कर्म निदेशालय और भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के बीच सवाल जवाब की प्रक्रिया पूरी होने के बाद लिथियम के ब्लॉक को नीलाम करने के लिए राज्य को केंद्र सरकार मंजूरी दे सकती है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के लिए भारत अभी लिथियम के आयात पर निर्भर है। पूरे देश में तेजी से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों और कारों की ओर क्रेज बढ़ रहा है ऐसे में लिथियम छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास में बड़ा योगदान दे सकता है।
छत्तीसगढिय़ा स्वाभिमान
हरियाणा की जलेबी, बिहार का टिक्का, राजस्थान, गुजरात की थाली बेचने वाले अपने इलाके की पहचान को दुकान में चस्पा करके रखते हैं। रायपुर सहित छत्तीसगढ़ के कई शहरों में ऐसी होटल, दुकानें जगह जगह दिख जायेंगी। पर ‘बात हे अभिमान के’। महादेव घाट, रायपुर के पास कुर्मी चाट सेंटर देखें। वैसे रायपुर में साहू पोहा एक ब्रांड बन चुका है। (फोटो गोकुल सोनी की वाल से)