राजपथ - जनपथ
फोन नंबरों की सेंधमारी...
यदि आपके बच्चे ने 10वीं-12वीं बोर्ड की परीक्षा, खासकर सीबीएसई पैटर्न से दिलाई है और अभी तक आपके फोन नंबर पर कोचिंग सेंटर्स और निजी कॉलेज, यूनिवर्सिटी से फोन नहीं आ रहे हैं तो आप खुशकिस्मत हैं। छत्तीसगढ़ में हजारों पालकों के लिए इन दिनों यह सिरदर्द बना हुआ है। न दिन देखना, न रात-एक के बाद एक अनजान नंबरों से फोन आ रहे हैं। ये फोन अच्छे कोचिंग सेंटर्स में नीट, जेईई, मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि की कोचिंग रियायती दर पर कराने का ऑफर दे रहे हैं। कुछ अच्छे कॉलेजों में सीधे प्रवेश दिलाने की बात भी कर रहे हैं। दरअसल, सीबीएसई एग्जाम देने वाले परीक्षार्थी अपना या अपने पैरेंट्स का फोन नंबर परीक्षा फॉर्म में भरते हैं। ये डेटा गोपनीय होना चाहिए। सीबीएसई का दावा भी यही है- उसका कहना है कि हमारा डाटा राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र से नियंत्रित है। इसे एक इन्क्रिप्टेड स्ट्रांग रूम में रखा जाता है। कोचिंग सेंटर्स जहां बच्चे पढऩे के लिए जाते हैं, लीक वहां से होते होंगे।
यह पहले भी हो चुका है। सन् 2018 में खबर आई थी कि गुजरात बोर्ड में परीक्षा देने वाले 2.20 लाख छात्रों के मोबाइल नंबर, ई मेल आईडी और दूसरे व्यक्तिगत विवरण ऑनलाइन बेचे जा रहे हैं। केवल 3 हजार से लेकर 10 हजार रुपये के भुगतान पर। मामला इतना गंभीर था कि तब के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसकी सीबीआई जांच की मांग की थी। संभवत: जांच की भी गई। सीबीएसई का यह तर्क भी सही हो सकता है कि अधिकांश बच्चे निजी कोचिंग सेंटर में भी अपना डिटेल देते हैं, वहां से लीक हो रहा होगा। पर क्या कोचिंग सेंटर्स को ऐसा करने की छूट है? दूसरा खतरा यह भी है कि ये फोन नंबर जब बाजार में उपलब्ध हों तो ऑनलाइन ठगी के रैकेट के पास भी वह जा सकता है, जो अभिभावकों को जाल में फंसाकर उनके बैंक खाते को साफ कर देंगे।
हमारे यहां महंगाई भी कम...
बहुतों का मानना है कि अखबार, टीवी, सोशल मीडिया आदि में खबरें ज्यादा नहीं पढऩी चाहिए। नकारात्मकता, चिंता, गुस्से का भाव आता है, दिन खराब हो जाता है। पर इन भावों को नियंत्रित करने वाली खबरें भी निकलती रहती हैं। बस उसकी ज्यादा चीरफाड़ न की जाए, जो लिखा है उसे पढक़र तसल्ली रख ली जाए। जैसे, हर महीने दो महीने में सीएमआईई की सर्वे रिपोर्ट आ जाती है। बताती है कि छत्तीसगढ़ में सबसे कम बेरोजगारी, 0.1 फीसदी है। हमें खुश क्यों नहीं होना चाहिए, हरियाणा और राजस्थान में तो यह दर 25 फीसदी से अधिक है। देश में हम नंबर एक हैं।
ऐसा ही एक तबीयत खुश करने वाला आंकड़ा महंगाई को लेकर आया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने बताया है कि छत्तीसगढ़ में मार्च महीने में खुदरा महंगाई दर पूरे देश में सबसे कम 1.88 प्रतिशत थी। सबसे ज्यादा अपने पड़ोसी राज्य तेलंगाना में 7.63 प्रतिशत थी। अपने दूसरे पड़ोसी राज्यों में भी महंगाई छत्तीसगढ़ से ज्यादा है, जैसे झारखंड में 4.26 प्रतिशत। महंगाई पर अपना रोना छोडक़र पड़ोसी की तकलीफ पर खुश हुआ जा सकता है।
आग ठंडी होने का इंतजार..
यह चांदनी-बिहारपुर का जंगल है। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है। विभागीय अमला नदारत है और आग की लपटें तेजी से धधक रही हैं। सैकड़ों एकड़ में पेड़, वन्यजीव-जंतु और दुर्लभ पौधे बर्बाद हो रहे हैं। दावा किया जाता है कि कहां पर आग लगी है यह रायपुर के कंट्रोल रूम में सैटेलाइट के जरिये पता कर लिया जाता है, पर यहां आग बुझाने के लिए यहां कोई कोशिश होती नहीं दिखाई दे रही है। शायद अफसरों को लगता हो कि अपने आप आग बुझ जाएगी, आग बुझाने का जोखिम कौन उठाए।