राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : अब वो सब टेंशन फ्री हो चुके
13-May-2023 4:01 PM
 राजपथ-जनपथ : अब वो सब टेंशन फ्री हो चुके

अब वो सब टेंशन फ्री हो चुके

शराब घोटाला केस में ईडी ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। ईडी ने आबकारी अफसर एपी त्रिपाठी को गिरफ्त में ले लिया है। कुछ और लोगों के खिलाफ कार्रवाई का अंदेशा जताया जा रहा है। इन सबके बीच शराब कारोबार से जुड़े कई और लोग सीधे सुप्रीम कोर्ट की तरफ रूख कर रहे हैं। वजह यह है कि याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट से तत्काल राहत की उम्मीद नहीं है। क्योंकि पहले इसी तरह की पांच याचिकाएं खारिज हो चुकी है।

बताते हैं कि आबकारी सचिव निरंजन दास ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। वैसे तो त्रिपाठी ने भी याचिका लगाई थी, लेकिन प्रकरण पर सुनवाई से पहले ही ईडी ने उन्हें घेर लिया। निरंजन दास सेे भी ईडी एक बार पूछताछ कर चुकी है। अब त्रिपाठी की तरह ईडी उन्हें भी गिरफ्तार न कर ले, इसलिए दास सुप्रीम कोर्ट गए हैं।  यही नहीं, कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। हालांकि इन याचिकाओं पर अभी सुनवाई की तिथि तय नहीं हुई है।

दूसरी तरफ, शराब केस में डिस्टिलर संचालकों की गिरफ्तारी का अंदेशा जताया जा रहा था। रेड के बाद दो-तीन बार उनसे पूछताछ की गई। अब वो सब टेंशन फ्री हो चुके हैं। चर्चा है कि ये सभी अब गवाह बन चुके हैं। ईडी अब आगे क्या करती है, यह देखना है।

पीएससी अचानक खबरों में 

दो साल बाद पीएससी राज्य सेवा परीक्षा की चयन सूची घोषित हुई, तो चयनित अभ्यार्थियों के यहां बधाईयों का तांता लगा है। इस बार अफसर, और नेताओं के बेटे-बेटियों ने अच्छा रैंक हासिल किया है। खुद पीएससी चेयरमैन टॉमन सिंह सोनवानी के दत्तक पुत्र नितिश सोनवानी ने 7वां रैंक हासिल किया। यह भी संयोग है कि दिवंगत पीएससी चेयरमैन खेलनराम जांगड़े की बेटी संतनदेवी जांगड़े भी उनके पद पर रहते डिप्टी कलेक्टर बनी थीं।

राज्यपाल के सचिव अमृत खल्को की बेटी नेहा, और निखिल ने भी टॉप 15 में जगह बनाई। डीआईजी पीएल धु्रव की बेटी साक्षी भी 11वें नंबर पर रही। कांग्रेस नेता सुधीर कटियार की बेटी भूमिका और दामाद शशांक गोयल भी टॉप 15 में आए हैं। बिल्हा के विधानसभा प्रत्याशी रहे कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के बेटे स्वर्णिम शुक्ला ने 16वां रैंक हासिल किया है। ये सभी डिप्टी कलेक्टर बनेंगे। ऐसे लोग भी हैं, जो पीएससी नतीजे पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर काफी प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।

भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने ट्विटर पर लिखा कि छत्तीसगढ़ पीएससी में  कथित नेता-अधिकारी के पुत्र-पुत्रियों के चयनित नतीजों ने प्रदेश के योग्य युवा वर्ग को गहरा आघात पहुंचाया है। पिछले चार साल में ऐसा कई बार हुआ है। पिछले 4 साल के सभी नतीजों की जांच की नितांत आवश्यकता है।

सामाजिक कार्यकर्ता मंजीत कौर बल ने फेसबुक पर लिखा कि आज दो परीक्षाओं की चर्चा है। सीबीएसई और पीएससी छत्तीसगढ़...मैं दूसरी चर्चा में एकदम बाहर हूँ..कौन बधाई का पात्र है कौन भ्रष्टाचार से शामिल हुआ है ...यह तथ्य सामने लाना कठिन है।

उन्होंने लोगों के बीच बातचीत का हिस्सा भी पोस्ट किया, जिसमें कहा गया कि आजकल टॉप 20 सीट्स बिक रही हैं..75 लाख का रेट चल रहा है...कुछ चयनित बड़े अफसरों और पीएससी के करीबियों के हैं। ऐसी चर्चाएं मेहनत से चयनित के बधाई पर भी शक पैदा करती हैं। उन्होंने आगे अपने पोस्ट में कहा कि अगर झूठ है तो बहुत अच्छा है...

लेकिन अगर सच है तो सोचिए भ्रष्टाचार कैसे अधिकारी चयन कर रहा..और ऐसे नाकाबिल अधिकारी चयनित होकर राज्य का क्या भला करेंगे? लोक सेवा आयोग जैसी संस्थाओं पर अगर प्रश्न चिन्ह लगेगा, तो युवाओं का राज्य प्रशासनिक सेवाओं से विश्वास जल्द ही उठेगा और राज्य की व्यवस्था चर्मराएगी। शायद इस पर गंभीरता से बातचीत होना चाहिए ..तथ्यों पर विचार होना चाहिए। चयन परिणामों का विश्लेषण होना चाहिए। 

विधायक का अपना निजी फंड   

बस्तर केवल सैलानियों का स्वर्ग नहीं है बल्कि उन अफसरों और नेताओं के लिए भी है जिन्हें यहां पहुंचने वाले भारी भरकम फंड के दुरुपयोग की लत है। अब एक मामला ऐसा आया है जिसमें बच्चों की तंदुरुस्ती के हक को विधायक और अफसरों ने मिलकर हड़प लिया।

जनपद पंचायत बास्तानार के प्रि-मैट्रिक बालक छात्रावास में जिम के लिए सामग्री खरीदी गई। करीब 5 लाख के इन उपकरणों को छात्रावास में लगाया जाना था लेकिन यह पहुंच गई विधायक राजमन बेन्जाम के निजी निवास पर। यह अगस्त 2020 की बात है, पर छात्रावास के बच्चों की शिकायत पर अब सामने आई है। गौर करने की बात यह भी है यह खरीदी विधायक निधि से ही की गई थी। इस फंड को विधायक ने अपनी जेब का पैसा समझ लिया। ग्राम के सरपंच, छात्रावास अधीक्षक, जनपद पंचायत के सीईओ और दूसरे अधिकारियों ने इसका भौतिक सत्यापन कर बिल पास भी करा लिया। 

जिस बस्तर में जवानों की शहादत से बनी सडक़ों पर भी भारी भ्रष्टाचार होता हो, वहां के लिए 5-10 लाख की लूट को भला कौन गंभीरता से लेगा?

आत्मानंद स्कूलों का क्रेज बढ़ा

पब्लिक स्कूलों की तरह सुविधाओं से लैस किए गए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में दाखिले की पहले भी होड़ लगी हुई थी लेकिन इस बार 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे आने के बाद और मारामारी दिखाई दे रही है। टॉप टेन की सूची में 10 विद्यार्थी इन स्कूलों से हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जहां भी भेंट-मुलाकात के लिए जा रहे हैं, इस स्कूल की मांग हो रही है। प्राय: नए स्कूलों की वे घोषणा कर भी रहे हैं। अंबिकापुर के ब्रह्मपारा स्थित स्कूल में पहली और दूसरी कक्षा के लिए 54 सीटें हैं, पर आवेदन 800 से ऊपर आ गए हैं। सीटों और आवेदनों के बीच इतना अंतर बताता है कि सरकारी स्कूलों की हालत सुधारने के लिए बहुत काम करने की जरूरत है।  

क्रोकोडाइल पार्क का हश्र

बारनवापारा अभयारण्य के भीतर एक तालाब में तीन साल पहले एक मगरमच्छ दिखा। वन विभाग के अफसरों को तुरंत सूझा कि यहां क्रोकोडाइल पार्क बना लेना चाहिए। इस बात पर विचार किए बिना कि जंगल के भीतर पार्क की रखवाली कौन करेगा। मगरमच्छ को आहार कौन देगा, उनकी दिनचर्चा और गतिविधियों की निगरानी कौन करेगा। दो मगरमच्छ बाहर से लाए गए। फेंसिंग पर करीब एक करोड़ रुपये खर्च किए गए। पहले एक मगरमच्छ की मौत हो गई, धीरे-धीरे बाकी की जान भी खतरे में पड़ती गई। अब एक नन्हा मगरमच्छ मिला है, जिसे जंगल सफारी रायपुर छोडऩे की योजना बनाई जा रही है। यानि एक करोड़ रुपये तीन साल के भीतर उसी तालाब में डूब गए।

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