राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : दारू में ईडी की तेज रफ्तार
14-May-2023 3:49 PM
 राजपथ-जनपथ : दारू में ईडी की तेज रफ्तार

दारू में ईडी की तेज रफ्तार 

शराब केस में ईडी तेज रफ्तार से कार्रवाई कर रही है। ज्यादातर लोगों को तो कस्टडी पर ले लिया है। दो-चार बचे हैं, उन पर भी शिकंजा कसने की कोशिश चल रही है। ऐसे में केस से जुड़े लोगों के पास बचाव के रास्ते सीमित रह गए हैं। इस केस में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में मुख्य आरोपी अनवर ढेबर की याचिका पर अहम सुनवाई होनी है। 

सुनते हैं कि शराब केस में ईडी के तेज कार्रवाई के पीछे सोची समझी रणनीति भी है। अगर मंगलवार को कोई राहत नहीं मिली, तो आरोपियों के पास बचाव के रास्ते तकरीबन बंद हो जाएंगे। वजह यह है कि कोर्ट में ग्रीष्मकालीन अवकाश लग रहा है। ऐसे में ईडी अवकाश के बीच में प्रकरण पर चालान पेश कर सकती है। ईडी की तैयारी भी कुछ इसी तरह की है। 

ईडी ने मुख्य आरोपी अनवर ढेबर को गिरफ्तार करने के साथ जिस तेजी से दो-तीन घंटे के भीतर 12 पेज की ईसीआईआर(यानी मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की सूचना रिपोर्ट दर्ज होती है। इसमें उस मामले से जुड़ी जानकारी होती है। इसमें आरोप और आरोपी के बारे में पूरी जानकारी होती है।) विशेष अदालत में पेश किया, इससे उनकी तैयारियों का अंदाजा लगाया जा सकता है। 

केस के अन्य आरोपी पप्पू ढिल्लन, और आबकारी अफसर एपी त्रिपाठी के खिलाफ भी तेज रफ्तार से ईसीआईआर दाखिल की गई। ईडी की कार्रवाई भले ही सवालों के घेरे में हैं, लेकिन सरकार को जवाब देना आसान नहीं है। इस केस के बहाने भाजपा, भूपेश सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है। 

शनिवार को पार्टी के मीडिया सेल की बैठक भी हुई, जिसमें सरकार पर हमले के लिए टिप्स दिए गए। कर्नाटक चुनाव की वजह से नेशनल मीडिया में केस को अपेक्षाकृत ज्यादा महत्व नहीं मिला, लेकिन अब ज्यादा से ज्यादा कवरेज के लिए भाजपा के राष्ट्रीय नेता मेहनत करते दिख रहे हैं। कुल मिलाकर शराब केस में भाजपा चुनावी फायदा उठाने की कोशिश में अभी से जुट गई है। देखना है आगे क्या होता है। 

सबसे ज्यादा गड़बड़ी तो यूपी, मप्र में 

पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह की शिकायत पर चावल घोटाले की केन्द्रीय टीम रायपुर पहुंची, तो मीडिया में काफी सुर्खियां बटोरी। टीम लौट भी गई है, लेकिन चर्चा है कि केन्द्रीय टीम को वैसा कुछ नहीं मिल पाया, जिससे केन्द्रीय जांच एजेंसियां कूद पड़ें।

टीम पहुंची, तो उन्होंने चावल आबंटन के दस्तावेज खंगाले। खाद्य विभाग के लोगों ने उन्हें बताया कि गड़बडिय़ां राशन दूकानों के सत्यापन के बाद सामने आई है। किसी ने कोई शिकायत नहीं की थी। केन्द्रीय टीम को यह भी बताया गया कि प्रदेश में 13 हजार से अधिक राशन दुकानों का सत्यापन कराया गया था, जिसमें से 7 हजार में राशन कम पाया गया। 

विस्तृत जांच के बाद 22 एफआईआर हो चुकी है। एक हजार से अधिक राशन दूकानें निरस्त हो चुकी हैं। यही नहीं, 15 हजार टन चावल की वसूली भी हो चुकी है। कार्रवाई अभी भी चल रही है। सुनते हैं कि केन्द्रीय टीम को राशन दुकानों से घोषणा पत्र हटवाने के विभाग के फैसले से समस्या थी।

 इस पर विभाग ने उन्हें बताया कि बायोमीट्रिक सिस्टम लागू हो गया है। 96 फीसदी राशन दूकानों में सिस्टम लग गया है। इससे आबंटन और वितरण व्यवस्था पूरी तरह से पारदर्शी हो चुकी है। ऐसे में घोषणा पत्र का अब कोई महत्व नहीं है। जहां अभी भी लिए जा रहे हैं वहां से घोषणा पत्र वापस लेने की तैयारी चल रही है। कहा जा रहा है कि चावल-राशन में गड़बड़ी तो सबसे ज्यादा भाजपा शासित राज्य यूपी, और मध्य प्रदेश में हैं जहां गड़बड़ी की पड़ताल करने से बचने के लिए राशन दुकानों का सत्यापन ही रोक दिया गया है। 

अब तेरा क्या होगा स्नढ्ढक्र ?

राजनीतिक फेरबदल कई तरह की दिलचस्प परिस्थितियां पैदा करते हैं अब छत्तीसगढ़ में श्वष्ठ जितनी जाँच कर रही है उसका अधिकतर हिस्सा बेंगलुरु पुलिस में दर्ज एक स्नढ्ढक्र  पर टिका हुआ है, और कर्नाटक पुलिस सभी रायपुर आकर जेल में बंद  सूर्यकांत तिवारी से बात करने की कोशिश भी करके गई जिसके खिलाफ कि यह स्नढ्ढक्र है। अब कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार आ गई है, अब इस स्नढ्ढक्र का वहां पर क्या होगा, यह देखना दिलचस्प बात होगी।

अफसरों ने दीवार रोकी 

गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने अभी पुलिस विभाग की एक बैठक ली और उस बैठक में इस बात की कोशिश की गई कि दुर्ग जिले के किसी थाने के बाउंड्रीवाल के लिए पुलिस कल्याण कोष के पैसे का इस्तेमाल किया जाए। ऐसा पता लगा है कि अफसरों ने इस बात का विरोध किया और इस बात को होने नहीं दिया । अब पुलिस कल्याण कोष से अगर थानों का निर्माण किया जाएगा, या थानों में निर्माण किया जाएगा, तो इससे कल्याण कोष का पूरा मकसद ही परास्त हो जाएगा। 

महानदी तो सूख गई, पानी कैसे दें?

कसडोल के पास ली गई यह तस्वीर बता रही है कि जो महानदी बारिश के दिनों में अपनी उफान से कहर बरपाती है उसकी रेत माफियाओं ने क्या हालत कर दी है। धड़ल्ले से जेसीबी से रेत की खुदाई हो रही है और भारी वाहनों से परिवहन हो रहा है, जबकि इन दोनों पर प्रतिबंध है। कसडोल की विधायक शकुंतला साहू और खुज्जी की विधायक छन्नी साहू हाल ही में रेत परिवहन करने वाली गाडिय़ों को छुड़ाने के लिए किस हद तक अफसरों से भिड़ गई थीं, यह सबने देखा है। कसडोल के आसपास जो अवैध रेत खनन हो रहा है उसमें तो ओडिशा से भी गाडिय़ां लाई जाती हैं। छत्तीसगढ़ का ओडिशा से इस बात का विवाद चल रहा है कि महानदी का पानी यहां रोक दिया जाता है। नदी के इस हिस्से को दिखाकर छत्तीसगढ़ के अधिकारी जरूर कह सकते हैं कि नदी तो बर्बाद हो रही है आप हमसे ज्यादा पानी लेने की जिद क्यों करते हैं?

भाजपा में अब क्या फर्क दिखेगा?

छत्तीसगढ़ भाजपा में कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। कर्नाटक भाजपा में देखा गया कि चुनाव अभियान की सारी रणनीति दिल्ली से बनी, किसे मुख्यमंत्री बनाएं, किसे किनारे रखें, टिकट किसकी काटी जाए, किसे मिले, सब दिल्ली से तय हो रहा था। पहले यही तरीका कांग्रेस का था जिसका नुकसान भी उसने झेला। कर्नाटक में कांग्रेस ने स्थानीय नेताओं को महत्व दिया, घोषणा पत्र उनके ही सुझाव पर बनाए गए, टिकट के वितरण में स्थानीय नेताओं की राय को तवज्जो दी। छत्तीसगढ़ भाजपा में भी दिल्ली का नियंत्रण इतना अधिक है कि जब अचानक प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष का नाम तय किया गया तो घोषणा के पहले यहां के कई बड़े नेताओं को पता ही नहीं था। संवाद की कमी का जो संकट कभी कांग्रेस में था, वह भाजपा में दिखाई देता है। चार दशकों से भाजपा के साथ रहे, या कहिये उन्हें मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में खड़ा करने वालों में से एक नंदकुमार साय की यही शिकायत थी। वे उस कांग्रेस के साथ जाने के लिए विवश हुए जिससे हमेशा लड़ते रहे। अब जब छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को करीब 6 माह रह गए हैं, स्थानीय नेताओं की दिल्ली में पूछ बढ़ सकती है।

सर्विस रोड या पार्किंग रोड?

ये हाल है करोड़ों की लागत से बनी राजधानी के वीआईपी रोड का। सर्विस रोड बनी जनता के लिए है पर इसको अब सर्विस रोड की जगह पार्किंग रोड कहना चाहिए। कुछ होटल कारोबारियों का रसूख पुलिस और प्रशासन पर हावी है। इस तरह से कानून तोडऩे वालों के खिलाफ वे कुछ नहीं करते हैं। उसका डंडा फुटपाथ पर खड़े ठेले खोमचे वालों पर ही चलता है।  

([email protected])

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news