राजपथ - जनपथ
जोगी पार्टी टीआरएस की ओर
चर्चा है कि अमित जोगी, जनता कांग्रेस का के चंद्रशेखर राव की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में विलय करने पर सहमत हो गए हैं। इस सिलसिले में अमित की तेलंगाना के सीएम, और टीआरएस के सीएम चंद्रशेखर राव के साथ बैठक भी हो चुकी है। राव टीआरएस का आधार बढ़ाकर राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता चाहते हैं।
तेलंगाना, छत्तीसगढ़ की सीमा से सटा हुआ है, और कहा जा रहा है कि जनता कांग्रेस के विलय से उन्हें छत्तीसगढ़ में अपनी पार्टी का आधार बढ़ाने में मदद मिल सकती है। पिछले विधानसभा आम चुनाव में जनता कांग्रेस को करीब 13 फीसदी वोट हासिल हुए थे। तब पूर्व सीएम अजीत जोगी पार्टी के मुखिया थे। उनके गुजरने के बाद ज्यादातर पुराने साथी पार्टी छोड़ चुके हैं।
पांच विधायकों में अकेली डां रेणु जोगी रह गईं हैं। ऐसे में जनता कांग्रेस का आधार अब सिमट कर रह गया है। फिर भी कई लोगों का मानना है कि टीएसआर के बैनर तले अमित चुनाव लड़ाते हैं, तो दक्षिण बस्तर की तीन सीटों पर पार्टी काफी कुछ प्रभाव छोड़ सकती है। क्योंकि इन तीनों क्षेत्रों में रहने वाली आदिवासी आबादी तेलगुभाषा भी समझती हैं। बाकी इलाकों में टीआरएस के साधन -संसाधन का सहयोग रहेगा ही। ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच रिश्ता आगे कैसे बढ़ता है, यह तो कुछ दिन बाद पता चलेगा।
बाक़ी तबादले
सीएस अमिताभ जैन के 7 जून को छुट्टी से लौटने के बाद छोटा-सा प्रशासनिक फेरबदल हो सकता है। इसमें कुछ सचिव और विशेष सचिव स्तर के अफसरों के साथ विभाग प्रमुखों को भी इधर से उधर किया जा सकता है।
चुनाव आयोग ने भी मैदानी इलाकों में चुनाव कार्य से जुड़े अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर भी निर्देश जारी किए हैं। इन सबको देखते हुए बदलाव हो सकता है। चर्चा है कि दो एसपी, और कलेक्टरों को भी बदला जाना है, लेकिन भेंट-मुलाकात कार्यक्रमों के चलते बदलाव नहीं हो पाया है।
चुनाव के पहले बढ़ता तीखापन
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने राष्ट्रीय रामायण मेला पर टिप्पणी देते हुए कांग्रेसियों की तुलना राक्षसों से की। कहा कि इनके पूरे 14000 सैनिक उसी तरह मारे जाएंगे जैसा अरण्य कांड में उल्लेख है। उन्होंने कांग्रेस पर कुछ आरोप लगाए और कहा कि मां का दूध पिया है तो इनकी जांच करवाएं। विपक्ष का काम आरोप लगाना होता है और सत्तारूढ़ दल का काम जांच कराने का। संसदीय सचिव रेखचंद जैन के अलावा किसी नेता की इस बयान पर प्रतिक्रिया नहीं आई है। शायद इसे वे गंभीर आरोप नहीं मान रहे हों या चंद्राकर को ही गंभीरता से नहीं ले रहे हों। पर एक बात है कि जैसे-जैसे चुनाव के दिन करीब आएंगे इस तरह के तीखे बयान आएंगे और यह भी लगेगा की भाषा की मर्यादा टूट रही है।
ट्रेनों की वंदे भारत स्पीड
उड़ीसा में हुई भयंकर रेल दुर्घटना को लेकर लोग बड़े हताश-निराश हैं। सोशल मीडिया पर एक टिप्पणी है कि वही समय ठीक था जब लालटेन दिखाकर रेलगाड़ी आगे बढ़ाई जाती थी। आजकल 100 से ऊपर स्पीड में ट्रेन चलाने की जिद में पता नहीं कब आपका वंदे भारत हो जाए।
कांग्रेस सम्मेलन में पॉकेटमार
जगदलपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सम्मेलन रखा गया। कुछ जेब कतरे जी भी घुस गए। अलग-अलग लोगों से करीब 10 हजार रुपए की पॉकेटमारी हो गई। भाजपा के सम्मेलनों में अमूमन बिना किसी पहचान की कोई नहीं घुस पाता है कांग्रेस कुछ उदार है। इसी का नुकसान उठाना पड़ा।
गर्मी में फले सीताफल
ये खूबसूरत सीताफल किसी को भी आकर्षित कर सकते हैं, मगर जो मौसम की जानकारी रखते हैं उनके लिए चिंतित करने वाला है। यह फल ठंड के दिनों में दशहरा के आसपास दिखाई देते हैं लेकिन बैकुंठपुर, कोरिया की एक बाड़ी में ये भीषण गर्मी में भी फल गए। ध्यान होगा इस बार गर्मी में भी रुक रुक कर बारिश होती रही। मौसम में बदलाव देखने को मिला लेकिन इसका प्रकृति पर इतना अधिक असर होगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल था।