राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : हार के बाद भी लोग जुटे हैं...
13-Jul-2019
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : हार के बाद भी लोग जुटे हैं...

भारत के विश्वकप क्रिकेट से बाहर हो जाने के बाद भी क्रिकेट के शौकीन लोगों की दिलचस्पी खत्म हुई नहीं है। किसे, कब बैटिंग के लिए क्यों बुलाया गया, अब लोग उस पर बहस कर रहे हैं। लेकिन इसके साथ-साथ क्रिकेट के रिकॉर्ड को लेकर हमेशा से लोग हिसाब करते रहते हैं कि कौन सा रिकॉर्ड टूटा। ऐसे में अभी वॉट्सऐप पर एक विश्लेषण घूम रहा है जिसके मुताबिक- भारत अपनी लीग में टॉप पर था, लेकिन सेमीफाइनल में हार गया। इसी तरह ऑस्ट्रेलिया भी अपनी लीग में टॉप पर था, और सेमीफाइनल हार गया। दोनों ही देशों के नाम के अंग्रेजी हिज्जे के आखिर में आईए आता है। और फाईनल में जो दो टीमें लैंड की हैं, उन दोनों के नाम में लैंड आता है, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड। भारत ने आखिरी मैच में तीन विकेट शुरू में ही जल्दी खो दिए थे, और ऑस्ट्रेलिया ने भी तीन विकेट उसी तरह जल्दी खोए। भारत 49वें ओवर में ऑलआऊट हो गया था, और ऑस्ट्रेलिया भी 49वें ओवर में ऑलआऊट हुआ। भारत के धोनी रनआऊट हुए, और अगले ही दिन ऑस्ट्रेलिया के स्मिथ उसी तरह आऊट हुए। धोनी जब रनआऊट हुए भारत 216/8 था, और स्मिथ जब रनआऊट हुए ऑस्ट्रेलिया 217/8 था। भारत के सात बल्लेबाजों ने ईकाई तक स्कोर सीमित रखा था, और चार बल्लेबाज दहाई स्कोर तक पहुंचे थे। ऑस्ट्रेलिया के भी सात बल्लेबाजों ने ईकाई स्कोर किया, और चार ने दहाई स्कोर बनाया था। 
अब इसकी सारी जानकारी सही है या नहीं यह तो क्रिकेट के स्कोर चार्ट बारीकी से देखने वाले बता सकेंगे, लेकिन क्रिकेट के रिकॉर्ड में दिलचस्पी लेने वाले कभी कम न होंगे। 

और पाकिस्तान का रिकॉर्ड...
पाकिस्तान का रिकॉर्ड भी लोग लेकर बैठे हैं कि 1992 और 2019 के विश्वकप में कैसे उसका हाल एकदम एक सरीखा हुआ। इन दोनों ही टूर्नामेंटों में वे पहले मैच हारे थे, दूसरे मैच जीते थे, तीसरे मैच बेनतीजा रहे, चौथे मैच हारे, पांचवें मैच हारे, छठवें मैच जीते, सातवें मैच जीते, लेकिन इसके बाद पाकिस्तान 2019 में 1992 की तरह जीत नहीं पाया। मेलबोर्न में 1992 में पाकिस्तान चैंपियन बना था, लेकिन इस बार वह लीग मैच में ही बाहर हो गया। 

बला से छूटकर जिले पहुंचीं
आखिरकार स्वास्थ्य बीमा योजना के झमेले में उलझी शिखा राजपूत तिवारी हेल्थ डायरेक्टर के पद से मुक्त हो गई। सरकार ने उनका मान रखा और बेमेतरा कलेक्टर बना दिया। शिखा ने स्वास्थ्य बीमा योजना के एडिशनल सीईओ डॉ. विजेन्द्र कटरे के खिलाफ शिकायतों की पड़ताल की थी। उन्होंने अपनी जांच में डॉ. कटरे के खिलाफ शिकायतों को सही पाया था। खैर, डॉ. कटरे भी पहुंच वाले निकले और अपना कार्यकाल खत्म होने तक पद पर बने रहने की अनुमति हासिल कर ली। इससे जुड़े एक आदेश को लेकर विभागीय मंत्री टीएस सिंहदेव, शिखा राजपूत तिवारी से नाराज चल रहे थे। 
सिंहदेव की नाराजगी को देखकर शिखा को हेल्थ डायरेक्टर के प्रभार से मुक्त कर दिया गया। सुनते हंै कि शिखा के खिलाफ कई और शिकायतें भी हुई थी, लेकिन पहली नजर में सभी शिकायतें निराधार पाई गईं। चूंकि पिछली सरकार ने भी उन्हें लूप-लाइन में रखा था। इसलिए उन्हें अब जिले की जिम्मेदारी देकर बेहतर परफार्मेंस का मौका दिया है। 

गलियारों तक में रईसी...
छत्तीसगढ़ की राजधानी नया रायपुर के मंत्रालय की इमारत में जाएं, तो समझ आता है कि इस राज्य में बिजली की न तो कोई कमी है, और न ही कोई इज्जत। जब देश के बहुत बड़े हिस्से में बच्चों को पढऩे के लिए एक बल्ब की बिजली नसीब नहीं होती, मंत्रालय की दानवाकार इमारत के गलियारे भी एयरकंडीशंड हैं, और उनमें चारों तरफ खुली जगहें हैं जहां से बीच के अहाते में आना-जाना होता है, चारों तरफ खिड़कियां खुली हैं ताकि कर्मचारी और आवाजाही वाले लोग थूकने की स्वतंत्रता का उपभोग कर सकें। यह देखकर हैरानी होती है कि कई किलोमीटर लंबे गलियारों में एयरकंडीशनिंग इतनी बेदर्दी से बर्बाद की जाती है। इसके लिए मशीन लगाने में भी करोड़ों रूपए अतिरिक्त लगे होंगे, और अब दसियों लाख रूपए की बिजली तो हर महीने महज गलियारों में बर्बाद हो रही है। सरकार के पास जब तक तनख्वाह देने के पैसे रहते हैं, तब तक किसी तरह की किफायत किसी को नहीं सूझती। इस प्रदेश के अस्पतालों में गंभीर मरीजों के लिए भी जब एयरकंडीशनिंग नहीं है, तब मंत्रालय के गलियारे भी चारों तरफ खुली हवा में एयरकंडीशनिंग बर्बाद करते रहते हैं। 
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