इतिहास

इतिहास में 28 जुलाई
28-Jul-2019
इतिहास में 28 जुलाई

उनकी त्वचा का रंग काला था, बस इसी वजह से वो गुलाम बने रहे. मालिक को जब गुस्सा आता तो उन पर कोड़े बरसा देता. लेकिन आज के दिन न्यूयॉर्क में ऐसा कुछ हुआ कि श्वेत समाज को अपनी बर्बरता साफ दिखाई पड़ी.
28 जुलाई 1917, चकाचौंध से भरी अमेरिका की आर्थिक राजधानी न्यूयॉर्क में 10,000 लोगों ने मौन मार्च निकाला. इस दौरान कहीं कोई नारा नहीं था, कोई शोर नहीं था. ऐसा लग रहा था मानो किसी की अंतिम यात्रा निकल रही हो. मौन मार्च के जरिए अफ्रीकी मूल के अमेरिकी नागरिकों ने श्वेत समाज के जुल्म और बर्बरता के खिलाफ सब कुछ कह दिया. चुपचाप पैदल चलते हुए वो यही गुहार कर रहे थे कि अश्वेत लोगों को बात बात पर कोड़े न मारे जाएं.
कई अमेरिकी लेखकों के मुताबिक वो शांति भरा मार्च हजारों शब्दों से भी ज्यादा गूंज रहा था. प्रदर्शन में कई रेड इंडियन, हिस्पैनिक मूल के लोग, एशियाई और श्वेत कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया. न्याय की मांग करते इन लोगों ने ब्रदरहुड और सिस्टरहुड का अधिकार मांगा.
इससे पहले मई 1917 में ईस्ट सेंट लुईस में दंगे हुए थे, जिनमें श्वेत दंगाइयों ने कई अश्वेतों की हत्या कर दी. बताया जाता है कि दंगों में 40 से 250 तक लोग मारे गए. एक तरफ स्वतंत्र अमेरिका का दावा था तो दूसरी तरफ ऐसी ज्यादती. मौन मार्च के जरिए प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन तक भी अपनी बात पहुंचाना चाहते थे. विल्सन ने वादा किया था कि वो इस अन्याय को रोकने के लिए कानून लाएंगे. लेकिन उनके कार्यकाल में नस्ली हिंसा बहुत ज्यादा बढ़ी.
ये दौर काफी लंबे समय तक चला. आखिरकार 1960 के दशक में एक एक कर कई अमेरिकी राज्यों ने अश्वेत नागरिकों को बराबरी के अधिकार देने शुरू किए. इसमें मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने बड़ी भूमिका निभाई. किंग ने 1963 में वॉशिंगटन के कैपिटोल के पास "आई हैव ए ड्रीम" के नाम से मशहूर हुआ उनका भाषण वह मोड़ था जिसने गोरे और कालों के बीच दीवार गिराने का जोश भर दिया. सिर्फ 35 साल के किंग को नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया लेकिन 40 से कम की उम्र में उनकी हत्या भी कर दी गई. किंग के संघर्ष की वजह से आज अमेरिका में नस्लीय भेदभाव का सामाजिक रूप से बहिष्कार किया जाता है.

  • 1586- सर थॉमस हैरियट ने यूरोप के लोगों को आलू से परिचित कराया।
  • 1858 -पहली बार शिनाख्त के लिए उंगलियों के निशान इस्तेमाल किए गए।
  • 1995 - वियतनाम आसियान का सदस्य बना।
  • 2001 - पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री मोहम्मद सिद्दकी ख़ान कंजू की हत्या की गई।
  • 2004 - इराक के बाकूबा शहर में एक पुलिस भर्ती केन्द्र में विस्फोट से 68 लोगों की मृत्यु।
  • 2005 - सौरमंडल के दसवें ग्रह की खोज करने का दावा।
  • 2007 - पाकिस्तान सरकार ने विवादास्पद लाल मस्जिद को अनिश्चितकाल तक बन्द करने की घोषणा की।
  • 2008 - निर्गुट देशों की मंत्री स्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए भारत के विदेशमंत्री प्रणव मुखर्जी तेहरान रवाना हुए।
  • 1922-  स्विस समुद ्रविज्ञानी, अर्थशास्त्री और भौतिकशास्त्री जैकस (अर्नेस्ट ज्यां) पिकार्ड का जन्म हुआ,  जिन्होंने अपने पिता आगस्ट पिकार्ड के साथ बैथिस्केप के निर्माण में सहायता की जो गहरे समुद्र में जांच पड़ताल के काम आता है।
  • 1915- अमेरिकी भौतिकशास्त्री चाल्र्स हार्ड टाउन्स  का जन्म हुआ, जिन्हें लेजऱ तथा मेजऱ के आविष्कार में योगदान के लिए सोवियत भौतिकशास्त्री ऐलेक्ज़ैन्डर एम. पोखोरोव और निकोलेय जी. बैसोव के साथ 1964 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला।
  • 2000- अंग्रेज़ जैव भौतिकशास्त्री फ्रैन्सिस हैरी कॉम्पटन क्रिक का निधन हुआ, जिन्होंने जेम्स वॉटसन और मॉरिस विलकिन्स के साथ डी.एन.ए. की आण्विक संरचना को स्पष्ट किया, जिसके लिए उन्हें सन् 1962 में शरीर क्रिया विज्ञान/चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार मिला। (जन्म-8 जून 1916) 
  • 1968 -  जर्मन रसायनज्ञ  ओट्टो हॉन का निधन हुआ, जिन्होंने   फ्रीट्ज़ स्ट्रॉसमैन के साथ नाभिकीय विखंडन की खोज के लिए जाने जाते हैं। इन्हें 1944 में रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार तथा 1966 में स्ट्रासमैन एवं लीज़ माइटनर के साथ एनरिको फर्मी पुरस्कार दिया गया। (जन्म-8 मार्च 1879)।

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