राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : लालबत्ती नेता कहां हैं?
18-Aug-2019
 छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : लालबत्ती नेता कहां हैं?

लालबत्ती नेता कहां हैं?

छत्तीसगढ़ में भाजपा का सदस्यता अभियान चल रहा है तो राजधानी रायपुर में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। एक बैठक में कार्यकर्ताओं ने पूछा कि उनके इलाके के जिन भाजपा नेताओं को पांच-दस साल लालबत्ती मिली हुई थी, वे अब पार्टी की सरकार जाने के बाद कहां हैं? उनमें से कुछ लालबत्तियों में तो पार्टी दफ्तर से सदस्यता की किताब भी नहीं ली है, यानी दिखावा भी शुरू नहीं किया है। ऐसी एक बैठक में एक कार्यकर्ता ने आठ-नौ लालबत्तियों के नाम गिनाते हुए कहा कि वे भी कुछ जिम्मेदारी लें। पार्टी के रणनीतिकारों की दिक्कत यह है कि पार्टी हाईकमान सदस्यता अभियान को लेकर गंभीर है और किसी तरह का फर्जीवाड़ा न हो, इसकी मानिटरिंग हो रही है। पिछली बार तो जितने सदस्य बनाए गए थे उतने वोट भी विधानसभा चुनाव में नहीं मिले। 

छोटे नेता गए काम से...
इससे परे भाजपा के जिला स्तर के कार्यक्रमों में अब तक जिले के नेताओं को बोलने का मौका मिलता था, उससे उनकी हसरत भी पूरी होती थी, और वे बातों को सामने रख भी पाते थे। अब हालत यह है कि जिला स्तर के कार्यक्रम में भी भाजपा के प्रदेश स्तर के बड़े-बड़े नेता पहुंच जा रहे हैं, और डॉ. रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, विक्रम उसेंडी के रहते हुए मंच पर भी वही रहते हैं, और माईक पर भी। छोटी-छोटी हसरतें मुंह लटकाए बैठी रहती हैं, और घर चली जाती हैं। पार्टी के कुछ लोग इस बात को लेकर फिक्रमंद हैं कि बड़े-बड़े नेताओं को बहुत छोटे-छोटे कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए। 

एसोसिएशन में सुगबुगाहट...
नया रायपुर में शिलान्यास पत्थर की उपेक्षा के आरोप में आईएफएस एस.एस. बजाज को निलंबित किया गया, तो सभी लोग हक्का-बक्का रह गए। ऐसे में जब दूर केरल में बैठे हुए प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव और नया रायपुर के प्रभारी रहे जॉय ओमेन ने जब संदेश भेजकर इस पत्थर वाली जगह को आईआईएम को देने की जिम्मेदारी खुद ली, और बजाज को उस मामले में निर्णायक न होना बताया, तो सरकार में एक परेशानी खड़ी हो गई। बरसों पहले रिटायर हो चुके जॉय ओमेन पर तो इस मामले को लेकर कोई कार्रवाई हो नहीं सकती, और उनके बयान के बाद बजाज के खिलाफ मामला पता नहीं कितना मजबूत बचेगा। इस मामले को लेकर आईएफएस एसोसिएशन में कुछ सुगबुगाहट हुई, लेकिन फिर मंत्री-मुख्यमंत्री के तेवर देखकर अभी तक तो बात आगे बढ़ी नहीं है। 
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