इतिहास

इतिहास में 26 अगस्त
26-Aug-2019
इतिहास में 26 अगस्त

1988 में आज ही के दिन अहिंसावादी नेता आंग सान सू ची मोर्चा लेकर रंगून पहुंचीं. पांच लाख लोगों के सामने वहां से दिए अपने पहले सार्वजनिक भाषण में सू ची ने जनता को लोकतांत्रिक आंदोलन में कूद पड़ने का सशक्त संदेश दिया.
तब बर्मा कहे जाने वाले म्यांमार में आंदोलन की शुरुआत इसी विद्रोह के साथ मानी जाती है. इस आंदोलन के पीछे कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सैन्य शासन के खिलाफ आक्रोश था. 26 अगस्त के दिन लोगों का जत्था रंगून की तरफ बढ़ रहा था. सेना की तमाम चेतावनियों के बावजूद लोग बर्मा की राजधानी में मिलिट्री जुंता के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए बड़ी बड़ी रैलियां निकालना चाहते थे. शासन की ओर से उन्हें रास्ते में ही रोक लिया गया. सेना की एक टुकड़ी ने भीड़ पर बंदूकें तान रखी थीं. लेकिन सू ची ने वहां दिए अपने पहले सार्वजनिक भाषण में बर्मा के लिए राष्ट्रीय आजादी की दूसरी लड़ाई का आह्वान कर डाला. इस घटना के साथ ही देश और विदेश में वह सैनिक शासन के विरोध का प्रतीक मानी जाने लगीं. देश में लोकतंत्र बहाल करने की उनकी कोशिशों को रोकने के लिए जुंता ने उन्हें 15 सालों तक नजरबंद रखा.
सू ची के पिता को लोग आधुनिक बर्मा का राष्ट्रपिता मानते हैं. देश को ब्रिटिश शासन से आजाद कराने वाले राष्ट्रीय हीरो आंग सान की बेटी ने भी अपने पिता के आदर्शों को आगे बढ़ाते हुए देश सेवा का धर्म निभाया. 15 सालों के बाद 2010 में बर्मा की असैनिक सरकार ने सू ची को नजरबंदी से रिहा करने का निर्णय लिया. लोकतंत्र के लिए सू ची की लड़ाई शुरु से ही सत्य और अहिंसा पर आधारित रही. दुनिया को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले महात्मा गांधी की ही तरह वह भी उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड गईं. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची को मानवाधिकार के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए 2014 के विली ब्रांट पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है.

  • 1303- अलाउद्दीन ख़िलजी ने चित्तौडग़ढ़ पर क़ब्ज़ा किया।
  • 1843- टाइपराइटर के डिज़ाइन के लिए पहला पेटेन्ट चार्ल्स थर्बर ने प्राप्त किया।
  • 1938- पहली बार अमेरिका में टेप रिकॉर्डर का इस्तेमाल किया गया।
  • 1910- नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मदर टेरेसा का युगोस्लाविया में जन्म।
  • 1914- बंगाल के क्रांतिकारियों ने कलकत्ता में ब्रिटिश बेड़े पर हमला कर 50 माउजर और 46 हज़ार राउंड गोलियां लूटी।
  • 2001 - बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री जेल भेजे गए।
  • 2002 - दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग शहर में दस दिवसीय पृथ्वी सम्मेलन शुरू।
  • 2007 - पाक-अफग़़ान सीमा पर अमेरिकी नेतृत्व वाली सेना ने 12 तालिबानियों को मार गिराया।
  • 2008- तेलगु फि़ल्मों के सुपर स्टार चिरंजीवी ने अपनी नई पार्टी प्रजा राज्यम का उद्घाटन किया।
  • 1910 - भारत रत्न सम्मानित मदर टेरेसा का जन्म हुआ।
  • 1927 -   हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी बंसीलाल का जन्म हुआ। 
  • 2012 -  प्रसिद्ध अभिनेता और दूरदर्शन कलाकार ए. के. हंगल का निधन हुआ। 
  • 1743 -फ्रांसीसी वैज्ञानिक ऐन्टनी लॉरेन्ट लैवाइज़े का जन्म हुआ। जो आधुनिक रसायन विज्ञान के जनक के रूप में जाने जाते हैं। वे महान प्रयोगविद् थे जिन्होंने अपने धन से एक बड़ी-सी प्रयोगशाला बनाई थी जहां वायु पर अनुसंधान किए। (निधन-8 मई 1794) 
  • 1906-पोलिश-अमेरिकी चिकित्सक और सूक्ष्म जीवविज्ञानी  अल्बर्ट ब्रूस सैबिन का जन्म हुआ, जो पहली पोलियो वैक्सीन (1955) के विकास के लिए जाने जाते हैं। उन्हें मानव की विषाणु संबंधित बीमारियों पर अनुसंधान करने के लिए भी जाना जाता है। (निधन-3 मार्च 1993) 
  • 1998-अमेरिकी भौतिकशास्त्री  फ्रेड्रिक रीनेस का निधन हुआ, जिन्हें 1956 में न्यूट्रीनो की खोज करने के लिए 1995 का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। रीनेस को भौतिकशास्त्री मार्टिन लेविस पर्ल के साथ नोबेल मिला था। न्यूट्रीनो एक उदासीन कण होता है। (जन्म-16 मार्च 1918) 
  • 1723-डच जन्तु वैज्ञानिक  ऐन्टनी वॉन ल्यूवेनहॉक का निधन हुआ, जो जीवाणु और प्रोटोज़ोआ को सर्वप्रथम देखने वाले थे। उन्होंने जीवाणु विज्ञान तथा विषाणुओं के अध्ययन की नींव रखी। (जन्म 24 अक्टूबर 1632) ।
     

 

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