राजपथ - जनपथ
वक्त श्रीचंद पर भारी है...
पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी इन दिनों गोवा में सैर-सपाटे के लिए गए हैं। ये अलग बात है कि उनके नाम से रोजाना भाजपा बयान जारी करती है। वे पार्टी के प्रवक्ता भी हैं। ऐसे में उनके नाम से बयान जारी होना गलत भी नहीं है। सुंदरानी धर्म-कर्म और ज्योतिष पर बहुत विश्वास करते हंै। सुनते हैं कि एक ज्योतिष ने उन्हें साल भर ज्यादा सक्रियता नहीं दिखाने की सलाह दी है, इससे उन्हें राजनीतिक फायदा कम, नुकसान ज्यादा हो सकता है।
हुआ भी कुछ ऐसा कि पिछले दिनों उन्होंने एक्सप्रेस-वे का जबरिया उद्घाटन कर लोगों के लिए खोल दिया। इस तमाशेबाजी में उनके खिलाफ प्रकरण तो दर्ज हुआ ही, इस निर्माण में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश भी हो गया। वे श्रेय लेने के चक्कर में अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर गए। सरकार एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्यों में गड़बड़ी की उच्चस्तरीय जांच करा रही है। यही वजह है कि उन्होंने ज्योतिष की सलाह पर पार्टी के सदस्यता अभियान में ज्यादा रूचि नहीं ली। एक तरह से लाग-बुक भरकर गोवा निकल लिए।
नेताम की लड़ाई नतीजे पर पहुंची
अजीत जोगी को राजनीतिक तौर पर बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जाति प्रमाण पत्र फर्जी घोषित होने के बाद उनकी विधायकी भी जा सकती है। उनकी जाति को फर्जी बताने में संतकुमार नेताम की अहम भूमिका रही है। पेशे से इंजीनियर संतकुमार नेताम पिछले 18 साल से उनके खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। संतकुमार नेताम पहले भाजपा में थे और नंदकुमार साय के करीबी रहे हैं। कांग्रेस शासनकाल में जोगी की जाति का मामला उठाने पर उन्हें काफी प्रताडऩा भी झेलनी पड़ी। लगातार मिल रही धमकियों की वजह से जोगी शासनकाल के आखिरी के तीन महीने वे नंदकुमार साय के जेल रोड स्थित सरकारी बंगले में रहे।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्हें कोई अहम दायित्व मिलने की उम्मीद थी। वे भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे, लेकिन सरकार में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। बाद में जोगी के खिलाफ आवाज बुलंद की, तो रमन सरकार के कुछ लोगों को अच्छा नहीं लगा। संतकुमार नेताम ने सार्वजनिक बयान दिया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निजी स्टाफ में रहे ओपी गुप्ता ने उन्हें बुलाकर डांटा और फिर एक लाख का पैकेट देकर मुंह बंद करने के लिए कहा। बाद मेें वे कांग्रेस में शामिल हो गए। अब जब जोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया है, तो एक बार फिर संतकुमार नेताम सुर्खियों में आ गए हैं।
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