राजपथ - जनपथ
जगहें भरी हुई हैं...
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर सोनमणि बोरा को अध्ययन अवकाश से लौटने के बाद कोई काम नहीं मिला है। वे पिछले 15 दिनों से अपनी पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार उन्हें कोई काम नहीं देना चाहती। उनके पहले भी सी.के. खेतान से लेकर गौरव द्विवेदी तक जब बाहर से लौटकर छत्तीसगढ़ आए, तो उनके लिए जगह निकालने में सरकार को वक्त लगा क्योंकि बड़े अफसरों के काम में फेरबदल करने से कई लोगों में फेरबदल करना होता है।
सोनमणि बोरा पिछली सरकार में समाज कल्याण और जल संसाधन सचिव रह चुके हैं। सुनते हैं कि बोरा कोई बड़ी जिम्मेदारी चाहते हैं। कई प्रभावशाली लोगों ने भी उन्हें अच्छा अफसर बताया है और निर्माण विभागों के लिए सिफारिश की है। मगर दिक्कत यह है कि सरकार पंचायत और पीडब्ल्यूडी में कोई परिवर्तन नहीं चाहती है। खुद इन विभागों के मंत्री भी किसी तरह के बदलाव के पक्ष में नहीं हैं। अब जल संसाधन विभाग बच जाता है, जहां अविनाश चंपावत के काम से विभागीय मंत्री रविन्द्र चौबे संतुष्ट हैं। ऐसे में यहां भी कोई बदलाव की गुंजाइश नहीं दिख रही है। फिर भी संकेत है कि उन्हें कोई अहम दायित्व सौंपा जा सकता है।
यादें ताजा करने के मौके
अभी देश के राष्ट्रीय धनवान मुकेश अंबानी के घर पर गणेश विराजे, तो फिल्मी दुनिया के तमाम लोग वहां भीड़ की शक्ल में इक_ा हो गए। मीडिया को एक सुर्खी मिली और उसने वहां पहुंचे दो लोगों की अलग-अलग खींची तस्वीरें अगल-बगल लगाकर लिखा कि अमिताभ और रेखा दोनों पहुंचे। खैर, फिल्मी दुनिया के इतिहास में सबसे अधिक चर्चित पे्रम प्रसंगों में से एक, अमिताभ और रेखा का नाम एक साथ आते ही लोगों की यादों में जाने कितनी ही फिल्में आ जाती हैं, और कितनी ही अफवाहें भी। लेकिन छत्तीसगढ़ में तीज के मौके पर जब बहुत सी महिलाएं मायके लौटती हैं, तो पुराने परिचय जिंदा हो जाते हैं, और लोग एक-दूसरे को देखकर सोचने लगते हैं कि कितना बदल गया है, या कितनी बदल गई है। पुरानी यादें जब जहां ताजा होती हैं, बहुत सा दर्द और शायद कुछ खुशी भी दे जाती हैं। मुंबई में अंबानी के गणेश, और छत्तीसगढ़ में तीजा से ऐसा मौका आते रहता है।
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