राजपथ - जनपथ
व्यापारियों के लिए सुनहरा मौका
सोशल मीडिया ने लोगों का हास्यबोध और व्यंग्यबोध बड़ा बढ़ा दिया है। अब पेशेवर व्यंग्यकार या व्यंग्यचित्रकार ही यह काम नहीं करते हैं, सभी लोग करते हैं। अब बिना तम्बाकू और बिना सुपारी वाला एक ऐसा मुखवास बाजार में आया जिसका नाम जीएसटी है। अब यह शब्द लोगों की जिंदगी को मुश्किल बनाने वाला, लोगों को तबाह करने वाला साबित हुआ है, लेकिन यह शब्द प्रचलन में तो खूब है, इसलिए जीएसटी नाम के माऊथ फ्रेशनर को गजब स्वादिष्ट टकाटक कहा गया है। लोगों ने इसकी तस्वीरों के साथ लिखना चालू कर दिया है कि व्यापारियों के लिए यह एक सुनहरा मौका है, पहले जीएसटी ने उन्हें खाया, अब वे जीएसटी को खा सकते हैं।
एक तो शुक्रगुजार मिला...
नंबर प्लेट से छेडख़ानी करना हिन्दुस्तान में बाहुबल का प्रदर्शन है। किसी ओहदे की ताकत, किसी धर्म या जाति की ताकत, या महज ढेर सारे पैसे की ताकत से लोग नंबर प्लेट पर छेडख़ानी करते हैं। लेकिन कुछ लोग ताकत के बजाय अपनी कमजोरी बताने के लिए भी नंबर प्लेट का इस्तेमाल करते हैं, जैसे एक नंबर प्लेट की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तैर रही हैं- ससुराल से सहायता प्राप्त।
लोग इस ईमानदारी की तारीफ भी कर रहे हैं कि आमतौर पर तो लोग पाया हुआ छुपा लेते हैं और उजागर नहीं करते हैं कि उसमें किसी का योगदान भी है। लेकिन ऐसी नंबर प्लेट वाले लोग कम से कम इतनी ईमानदारी तो दिखा रहे हैं कि यह दहेज में मिली गाड़ी है। ([email protected])