राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : सिंहदेव की दरियादिली से दिक्कत
07-Nov-2019
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : सिंहदेव की दरियादिली से दिक्कत

सिंहदेव की दरियादिली से दिक्कत
मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के मद के कार्यों की स्वीकृति  से कई कांग्रेस विधायक नाखुश हैं। सुनते हंै कि इस मद से नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और पूर्व पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर के इलाके में काफी काम स्वीकृत किए गए। उस अनुपात में कई कांग्रेस विधायकों के इलाके में आधे काम भी स्वीकृत नहीं हुए हैं। समग्र ग्रामीण विकास योजना के मद का पूरा कार्य पंचायत मंत्री की मर्जी से होता है। इन कार्यों की स्वीकृति में पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने विपक्ष का खास ध्यान रखा। 

खास बात यह है कि सबसे ज्यादा काम खुद उनके अपने सरगुजा जिले में स्वीकृत किए गए हैं। सरगुजा में सवा 8 सौ कार्यों के लिए 22 करोड़ से अधिक की राशि मंजूर की गई। इसमें कुछ गलत भी नहीं है। पंचायत मंत्री का अपना जिला है, तो वहां ज्यादा काम करवाने का राजनीतिक हक बनता है। मगर कांग्रेस विधायकों को यह बात अखर रही है कि पिछली भाजपा सरकार में ज्यादातर विपक्षी कांग्रेस के विधायकों के यहां विकास कार्यों की स्वीकृति में भेदभाव होता था। 

उनका मानना है कि ऐसे में अब कांग्रेस की सरकार में विपक्षी भाजपा विधायकों को ज्यादा महत्व देना उचित नहीं है। नाराज विधायक अपनी बात सीएम तक भी पहुंचा चुके हैं। अब कांग्रेस विधायकों को कौन समझाए, पिछली सरकार ने विपक्ष के साथ भेदभाव भले ही किए हों, नेता प्रतिपक्ष के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार नहीं किया। उस समय के नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के सारे काम प्राथमिकता से होते थे। ऐसे में  सिंहदेव का अपने-पराए का भेद किए बिना काम करना गलत नहीं है।


बेरोजगारी खत्म होने के आसार
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर फैसला अब किसी भी पल आ सकता है, और उसे लेकर दोनों समुदायों के लोगों के बीच अपने बाहुबल के अनुपात में उत्साह दिख रहा है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में भाजपा अपने उन लोगों को तैयार कर सकती है जिन्होंने बाबरी मस्जिद गिराने के बाद वहां से मस्जिद की लाई गई ईंटों के साथ अखबारों के दफ्तर की परिक्रमा की थी। भाजपा के राज्य के एक बड़े नेता उस वक्त बाबरी मस्जिद की ईंट से ईंट बजाकर, और एक साबुत र्इंट लेकर रायपुर लौटे थे, और अखबारों में जाकर उसके दर्शन करवाए थे। अगर मंदिर बनने की नौबत आती है, तो छत्तीसगढ़ भाजपा के ऐसे आज खाली बैठे हुए लोगों को अयोध्या भेजा जा सकता है। और मंदिर बनने की नौबत नहीं आती है, तब तो प्रदर्शन करने के लिए इनका यहां भी इस्तेमाल होगा, और अयोध्या में भी। कुल मिलाकर कुछ लोगों की बेरोजगारी खत्म होने के आसार हैं।

रिश्तेदारी नहीं...
आईपीएस अफसरों की तबादला लिस्ट में दुर्ग के एसपी प्रखर पाण्डेय का तबादला बटालियन में हो गया, तो कुछ लोग हैरान हुए कि डीजीपी डीएम अवस्थी के रिश्तेदार को जिले से कैसे हटा दिया गया। इस बारे में जब अवस्थी से लोगों ने कहा तो उन्होंने साफ किया कि उनसे कोई भी रिश्तेदारी नहीं है, वे छत्तीसगढ़ के ब्राम्हण हैं, और अवस्थी उत्तरप्रदेश के। सिर्फ ब्राम्हण हो जाने से वे लोग ऐसी अफवाह फैलाने में लगे थे जो कि अवस्थी को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। ([email protected])

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