राजपथ - जनपथ
सबसे लोकप्रिय प्रत्याशी, चेपटी...
चुनाव प्रचार के दौरान ज्यादातर वार्ड प्रत्याशियों को नित नई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बस्तियों में चेपटी की बड़ी मांग है, लेकिन इसकी पूर्ति करने में प्रत्याशियों को दिक्कत हो रही है। एक प्रत्याशी ने अपनी व्यथा सुनाई कि शराब दूकानों में दो-तीन बोतल से अधिक खरीदने पर बाहर सादे कपड़े में तैनात पुलिस कर्मी जब्त कर ले रहे हैं। बाद में उन्हीं पुलिस वालों से चेपटी लेना पड़ रहा है। यानी एक बोतल की कीमत दोगुनी हो जा रही है। कुछ प्रत्याशियों ने इसका तोड़ निकाल भी लिया है, वे अब नगद राशि दे रहे हैं। कुछ वार्डों में बिरयानी पार्टी चल रही है। इतना सब कुछ करने के बाद भी प्रत्याशी निश्चिंत नहीं हो पा रहे हैं, क्योंकि एक-एक वोटर कई लोगों से माल पा रहे हैं। खैर, अभी तो लोगों की निकल पड़ी है।
कद्दू कटने की उम्मीद...
वैसे तो 24 तारीख को नगरीय निकाय चुनाव के नतीजे घोषित हो जाएंगे। मगर पुलिस-प्रशासन का टेंशन खत्म नहीं होने वाला है। वजह यह है कि 30 तारीख तक महापौरों-अध्यक्षों के चुनाव होंगे। इसमें निर्वाचित पार्षदों के बीच चुनाव होगा। चूंकि दलबदल कानून निकायों में लागू नहीं है इसलिए खरीद-फरोख्त की आशंका जाहिर की जा रही है। भाजपा अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली के विरोध में रही है। चाहे कुछ भी हो, किसी एक पार्टी के पार्षदों का बहुमत न होने की हालत में निर्दलियों के भाव काफी ऊं चे रहेंगे, क्योंकि बड़े शहरों और महंगे इलाकों में पार्षद बनना अपने आपमें काफी फायदे का काम रहता है, और जब उनके वोट से मेयर या अध्यक्ष बनने की नौबत आए, तो वे भी कद्दू का एक टुकड़ा चाहेंगे। पुरानी बात है कि कद्दू कटे, तो सबमें बंटे।