राजपथ - जनपथ
अफसर और सरकार
छत्तीसगढ़ में सरकार के मुखिया मीडिया से अच्छे रिश्ते रखना हैं. पंद्रह बरस बिपक्ष में रहते हुए भूपेश बघेल देर रात तक मीडिया के दफ्तरों में दोस्ताना-दौरा करते रहते थे. अब भी उनके चार सलाहकारों में से तीन तो भूतपूर्व पत्रकार हैं ही. लेकिन अफसरशाही है कि मीडिया के साथ कल्लूरी-काल का बर्ताव जारी रखे हुए है. खासकर जो बस्तर मीडिया के मामले में दुनिया की नजऱों के बीच बने ही रहता है, उस बस्तर के पत्रकारों के साथ टकराव बंद ही नहीं हो रहा. अब एक कलेक्टर ने पत्रकार से पुराना हिसाब चुकता करने के लिए उसके खिलाफ ें फज़ऱ्ी केस दर्ज करवा दिया. पुलिस तो कलेक्टर के मातहत रहती ही है, सो केस तो दजऱ् हो गया, लेकिन अब इस केस के चक्कर में पूरी दुनिया है कि बस्तर में सरकार के हेल्थ विभाग का क्या बुरा हाल है. यह दिख रहा है की आदिवासी पत्तों का मास्क लगा रहे हैं. जो कि बहुत बुरी बात भी नहीं है, सिवाय इसके कि यह सरकार की नाकामी का सुबूत है. जिले के एक अफसर की बददिमागी से पूरे राज्य की बदनामी हो रही है, पत्रकार तो खैर कोर्ट से छूट ही जाएंगे , बाकी तमाम पत्रकारों की तरह, लेकिन मीडिया के मुँह में कड़वाहट घुल रही है. मुख्य सचिव और डीजीपी का अपने अमलों पर कोई काबू ही नहीं रह गया।
([email protected])