राजपथ - जनपथ
दांव उलटा पड़ गया
छत्तीसगढ़ सरकार ने विमान से आने वाले यात्रियों के लिए भी 14 दिन का क्वॉरंटीन अनिवार्य रखा है। हालांकि वे अपनी च्वॉइस से पब्लिक या पेड क्वॉरंटीन में रह सकते हैं, लेकिन कई मुसाफिरों की समस्या है कि वे एक राज्य से दूसरे राज्य परिवार के किसी सदस्य के फंसे होने के कारण उन्हें लाने के लिए आ जा रहे हैं। कुल मिलाकर इसमें एक दिन से ज्यादा का वक्त नहीं लगेगा, लेकिन नियमानुसार उन्हें दो बार 14-14 दिन का क्वॉरंटीन पीरियड बीतना पड़ेगा। ऐसे ही एक मुसाफिर ने अपनी परेशानी छत्तीसगढ़ के एक सांसद महोदय को बताई। यात्री ने इस नियम से छूट दिलाने का आग्रह करते हुए कहा कि केवल अपनी पत्नी को लेकर अपने राज्य लौट जाएंगे। एयरपोर्ट में तमाम जांच-पड़ताल तो हो ही रही है और स्क्रीनिंग के बाद ही यात्रा करने की अनुमति दी जा रही है। सांसद महोदय को बात जच गई तो उन्होंने मीडिया के जरिए राज्य सरकार से छूट देने की मांग कर डाली। इसके बाद सत्ताधारी दल के नेताओं ने सांसद महोदय की जमकर खिंचाई की। क्योंकि नियम तो केन्द्र सरकार ने तय किए हैं और राज्य सरकार केवल उसका पालन कर रही है। कांग्रेस ने तो यह आरोप लगाया कि उन्हें केवल हवाई यात्री की चिंता हो रही है। रेल, बस और पैदल आने वाले लोगों के बारे में तो उन्होंने कभी कुछ नहीं कहा। बाद में सांसद महोदय को भी समझ आ गया कि उनका दांव उलटा पड़ गया, इसलिए चुप रहना ही बेहतर है।
वन अफसरों के प्रभार बदलेंगे
वन विभाग में जल्द ही सीनियर आईएफएस अफसरों के प्रमोशन के लिए डीपीसी होगी। मौजूदा हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स मुदित कुमार सिंह सीजी कॉस्ट का डीजी बनाने के बाद वन विभाग से बाहर हो गए हैं। उनकी जगह पीसीसीएफ (प्रशासन) राकेश चतुर्वेदी को हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स बनाया जा सकता है। केन्द्र सरकार ने हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स की डीपीसी की इजाजत दे दी है। साथ ही साथ पीसीसीएफ के एक और पद को भी मंजूरी दी गई है।
वन अनुसंधान संस्थान के डायरेक्टर पद को पीसीसीएफ स्तर का पद घोषित किया गया है। पीसीसीएफ के इस अतिरिक्त पद के लिए सीनियर एपीसीसीएफ पीसी पाण्डेय को पदोन्नत करने का रास्ता साफ हो गया है। इसके अलावा चार एपीसीसीएफ की भी पदोन्नति होने की संभावना है। इसमें सीसीएफ स्तर के अफसर सुनील मिश्रा, प्रेमकुमार, विश्वास और ओपी यादव को एपीसीसीएफ के पद पर पदोन्नति दी जा सकती है।
अगले कुछ महीनों में सीनियर अफसर रिटायर हो रहे हैं। जुलाई में एपीसीसीएफ अनूप श्रीवास्तव रिटायर होंगे और अगस्त में वन विकास निगम के एमडी राजेश गोवर्धन का रिटायरमेंट है। गोवर्धन के रिटायर होने के बाद पीसीसीएफ के पद पर देवाशीष दास को पदोन्नत किया जा सकता है।
मंत्री की रिकॉर्डिंग-एक
वक्त ऐसा आ गया है कि जिससे बात करें वह रिकॉर्डिंग कर रहे हैं मानकर चलना चाहिए। कल शाम से एक ऐसा टेलीफोन कॉल हवा में तैर रहा है कि चेन्नई से एक मजदूर छत्तीसगढ़ के एक मंत्री से बात कर रहा है। वह बता रहा है कि 40-45 मजदूर वहां फंस गए हैं। यह सुनकर मंत्रीजी मोटी-मोटी गालियां देते सुनाई देते हैं कि वहां गए ही क्यों गए थे काम करने के लिए? क्या छत्तीसगढ़ में काम नहीं मिलता? इस पर वह मजदूर पूरे दमखम के तर्क से, लेकिन गिड़गिड़ाते हुए बताता है कि छत्तीसगढ़ में तो साल भर काम मिलता नहीं, बाहर तो जाना ही पड़ता है। और चेन्नई में साढ़े 3 सौ रुपये रोजी मिलती है।
अब एक मजदूर से बातचीत की इस कॉल को मंत्री तो रिकॉर्ड करेगा नहीं, जिसमें वह खुद गालियां दे रहा है, रिकॉर्ड तो मजदूर की तरफ से ही हुआ होगा। लोकतंत्र परिपक्व होते दिख रहा है कि एक मजदूर का इतना हौसला बढ़ गया है। अब सवाल यह है कि बातचीत में जिन लोगों को गालियां देने की आदत है, वे लोग अपनी आदत सुधार लें, वरना ऐसी कई रिकॉर्डिंग सामने आती रहेगी।
मंत्री की रिकॉर्डिंग-दो
एक दूसरे मंत्री की कई किस्म की रिकॉर्डिंग राजधानी तक पहुंची हैं जिनमें वे एक बड़े नेता के खिलाफ हिकारत भरी आवाज में अपमानजनक बातें कर रहे हैं। ऐसी बातें बोलना तो आसान होता है, लेकिन ऐसी बातों का जो नतीजा होता है, उन्हेें झेलना मुश्किल होता है। आज मंत्री के आसपास के बहुत से लोग सरकार से बचकर भागे-भागे फिर रहे हैं, और उनकी मुसीबतें बढ़ती चली जा रही हैं।