राजपथ - जनपथ
हाईटेक, हाईहेडेक भी...
धीरे-धीरे करके जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली अधिकतर चीजें हाईटेक होने लगी हैं। अब पांच-दस लाख रूपए की कार में भी ऐसे फीचर आने लगे हैं कि कार एक सीमा से ज्यादा रफ्तार पर पहुंचे, तो पहले से तय किए गए एक मोबाइल नंबर पर मैसेज चले जाए। यह भी आसानी से सेट किया जा सकता है कि अगर कार एक निश्चित दूरी के बाहर निकले, तो भी तुरंत मैसेज चले जाए। कार शुरू हो या बंद हो, उसका भी मैसेज चला जाए। और तो और दूर से अपनी कार को बंद भी किया जा सकता है, और लुटेरे अगर कार लूटकर भाग गए, तो उसे अपने मोबाइल फोन से ही बंद किया जा सकता है। इसी तरह आपका मोबाइल फोन चोरी हो गया हो तो उसे भी दूर से बंद किया जा सकता है, उसकी सारी जानकारी मिटाई जा सकती है, और अंग्रेजी जुबान के मुताबिक उसे ब्रिक बनाया जा सकता है, यानी ईंट की तरह मुर्दा। लेकिन ऐसे तमाम हाईटेक सामानों के साथ कई खतरे भी रहते हैं। घर पर लगा स्मार्ट टीवी अपने कैमरे से आपकी जासूसी भी कर सकता है, क्योंकि उसे इंटरनेट के रास्ते हैक किया जा सकता है। लोग दूर बैठे कार के स्क्रीन पर दिखते हुए नक्शे में भी छेडख़ानी कर सकते हैं, और ड्राइवर को किसी गलत दिशा में मोड़ सकते हैं। ऐसे में एक पुरानी कार की यह घोषणा बड़ी दिलचस्प है कि उसमें कोई भी तकनीक नहीं है, और इस तरह वह किसी भी समस्या से दूर है। वरना इन दिनों के नए उपकरणों में आए दिन कोई न कोई फीचर खराब होता है, और मरम्मत और खर्च मांगता है।
बेटे पर असर छोड़ गए जोगी?
मरवाही के पूर्व विधायक अमित जोगी अपने पिता अमित जोगी को याद कर भावुक हो गए और उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि पापा मुझे बहुत कुछ दे गए और मेरा कुछ ले भी गए...।
अमित ने लिखा - ‘‘पापा हमेशा कहते थे कि जो अपने क्रोध को पीता है वही दूसरों के दिल में जीता है। देखना जब मैं ईश्वर के पास जाऊंगा तो अपने साथ तुम्हारे क्रोध को भी संग ले जाऊंगा। मुझे, अपने अंदर के इस अवगुण को सार्वजनिक स्वीकारने और त्यागने में गर्व है। मैं उन सभी लोगों से ह्दय से, हाथ जोडक़र क्षमा याचना करता हूं, जिन्हें मैंने क्रोध से जाने-अनजाने में दुखी किया हो। चाहे कितनी भी विषम परिस्थितियां मेरे जीवन में आए, मैं पापा की तरह क्रोध को अपने ऊपर हावी नहीं होने दूंगा।’’
अमित के इस पोस्ट की राजनीतिक हल्कों में जमकर चर्चा है। विधानसभा चुनाव के पहले और बाद में अजीत जोगी के ज्यादातर करीबी लोगों ने उनका साथ छोड़ दिया था। इसके लिए कई लोगों ने अमित को कोसा था। और तो और पूर्व सीएम के दशगात्र कार्यक्रम के बाद उनके बेहद करीबी और विधायक प्रतिनिधि ज्ञानेन्द्र उपाध्याय ने भी जोगी परिवार का साथ छोड़ा तो उन्होंने भी कह दिया कि वे अमित के साथ काम नहीं कर सकते।
दूसरी तरफ, अजीत जोगी के अस्पताल में रहने के दौरान भी जोगी परिवार के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जाती रही हैं। कांग्रेस के नेताओं को ज्यादा शिकायत अमित से ही रही है। यही वजह है कि जोगी पार्टी के कांग्रेस में विलय की चर्चा आई-गई वाली बात होकर रह गई। अब जब अमित ने सार्वजनिक रूप से खेद प्रकट कर दिया है, तो कांग्रेस में मौजूद जोगी के पुराने समर्थक भावुक दिख रहे हैं और निजी चर्चाओं में उन्हें कांग्रेस में लेने के पक्षधर हैं। ऐसे कांग्रेस नेताओं का मानना है कि जोगी परिवार को साथ लेने से कांग्रेस के जनाधार में वृद्धि होगी।
कुछ आलोचक दिवंगत पूर्व छात्रनेता और जोगी परिवार के करीबी रहे बालकृष्ण अग्रवाल को भी याद कर रहे हैं। बालकृष्ण के खिलाफ कई अपराधिक प्रकरण दर्ज थे। बाद में उन्होंने अखबारों में विज्ञापन छपवाकर पुराने कृत्यों के लिए माफी मांगी थी और यह भी कहा था कि वे अब सुधर चुके हैं। मगर बालकृष्ण के कारनामों का सिलसिला जारी रहा। उनके खिलाफ कई और आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए। हालांकि अमित ने अपने पोस्ट में भावी राजनीतिक कदम को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उनकी टिप्पणी को पार्टी छोड़ चुके पुराने नेताओं को साथ लाने की कोशिशों के रूप में भी देखा जा रहा है। अमित के फेसबुक पोस्ट का मतलब चाहे कुछ भी हो, क्या अमित का नया रूप देखने को मिल सकता है ?
जोगी और अमन सिंह
दूसरी तरफ आज के इंडियन एक्सप्रेस में रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह का एक लेख अजित जोगी पर छपा है जिसमें और बातों के अलावा उन्होंने लिखा है- मेरे उनके साथ अनोखे सम्बन्ध रहे. वे मेरे पिता को अच्छी तरह जानते थे, और हम दोनों भोपाल के एक ही कॉलेज से पढ़े थे. जब वे कोई काम करवाना चाहते थे, तो मुझे तीन वज़हें गिनाते थे कि वह काम मुझे क्यों करवाना ही है. वे कहते थे- तुम मेरे भतीजे हो, मैं तुम्हारा सीनियर हूँ, और जब जोगी सीएम बनेगा, अमन सिंह उसका सेक्रेटरी रहेगा।