राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : मास्क न पहनना भारी पड़ा
01-Aug-2020 7:15 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : मास्क न पहनना भारी पड़ा

मास्क न पहनना भारी पड़ा

प्रदेश में कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है। पुलिस मास्क नहीं पहनने पर सख्ती दिखा रही है, लेकिन कई पढ़े-लिखे लोग भी कोरोना संक्रमण से सुरक्षा को लेकर बेपरवाह दिख रहे हैं। ऐसे ही बिना मास्क के मुलाकात करने आए एक उद्योगपति को केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी की फटकार भी सहनी पड़ी।

हुआ यूं कि नया रायपुर के एक बड़े होटल में केन्द्रीय कोयला मंत्री, उद्योगपतियों से रूबरू हुए और उनकी समस्याओं का मौके पर ही निराकरण कर रहे थे। इसी बीच सिलतरा के एक उद्योगपति बिना मास्क लगाए ज्ञापन देने के लिए स्टेज पर चढ़ गए। उन्हें अपने करीब आता देख जोशी भडक़ गए और उन्हें तुरंत मंच से नीचे उतर जाने कहा। मास्क नहीं लगाने पर जमकर खरी-खोटी भी सुनाई। जोशी इतने नाराज थे कि उद्योगपति की बात भी नहीं सुनी।

सुनील सोनी मददगार

प्रदेश भाजपा के बड़े नेताओं को उम्मीद थी कि प्रहलाद जोशी राज्य सरकार के खिलाफ कुछ कहेंगे। एक दिन पहले जोशी को पार्टी की तरफ से कुछ फीडबैक भी दिया गया था। मगर जोशी ने सरकार के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा बल्कि सीएम के साथ अपनी बैठक को सकारात्मक करार दिया। प्रहलाद जोशी के दौरे का विशेषकर राज्य के उद्योगपति काफी समय से इंतजार कर रहे थे। जोशी पूरे कोयला मंत्रालय को लेकर यहां आए थे और उनकी ज्यादातर समस्याओं का मौके पर ही निराकरण किया।

केन्द्रीय कोयला मंत्री ने सांसद सुनील सोनी को खास महत्व दिया।  सोनी सभी बैठकों में जोशी के साथ रहे। जोशी ने उद्योगपतियों को यहां तक कहा कि यदि कोई बात हो, तो वे सुनील सोनी को बता सकते हैं, सोनीजी उनके संपर्क में रहते हैं। भाजपा के एक सीनियर विधायक ने भी प्रहलाद जोशी को कोयले से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की तो उन्हें भी इसी तरह का जवाब मिला। कुल मिलाकर यह नजर आया कि कोयला मंत्रालय से जुड़ी समस्याओं के निराकरण में सुनील सोनी मददगार हो सकते हैं।

चाय पीकर निकल गए

भाजपा के एक नेता को पार्टी के लोग आपसी चर्चा में नारद कहकर पुकारते हैं। वैसे तो नेताजी संगठन में हावी नेताओं के बेहद करीबी हैं, लेकिन वे पार्टी के भीतर हाशिए पर चल रहे नेताओं के बंगले में भी अक्सर आते-जाते रहते हैं। एक-दूसरे के बंगले की गतिविधियों को शेयर भी करते हैं। नेताजी(नारद) पिछले दिनों पार्टी के एक सीनियर आदिवासी नेता का हाल जानने उनके घर पहुंचे।

आदिवासी नेता ने नारद को देखकर बुरा सा मुंह बनाया लेकिन शिष्टाचारवश उन्हें बैठने के लिए कहा। नारद ने जैसे ही प्रदेश में पार्टी के दो सबसे बड़े नेताओं का नाम लेकर संगठन की गतिविधियों पर बातचीत शुरू ही की थी कि आदिवासी नेता बुरी तरह भडक़ गए और दोनों बड़े नेताओं का नाम लेकर गालियों की बौछार शुरू कर दी। आदिवासी नेता ने यहां तक कह दिया  कि पार्टी की दुर्दशा के लिए दोनों ही जिम्मेदार हैं। आदिवासी नेता के तेवर इतने गरम थे कि नारद चुप रहे और किसी तरह चाय पीकर निकल गए।

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