राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : अब फिर एक साथ !
25-Aug-2020 5:52 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : अब फिर एक साथ !

अब फिर एक साथ !

राज्य पुलिस सेवा के डेढ़ दर्जन अफसर इधर से उधर किए गए। इस तबादले में सबसे ज्यादा चर्चा वायपी सिंह की हो रही है, जिन्हें पीएचक्यू से हटाकर बीजापुर पोस्टिंग की गई है। वैसे तो वायपी सिंह बीएसएफ के अफसर थे और उनकी पोस्टिंग राजनांदगांव में हुई थी। पांच साल के भीतर उनका छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में संविलियन हो गया। उन्हें 97 बैच आबंटित किया गया।

पिछली सरकार में राज्य पुलिस सेवा के अफसरों ने इसका विरोध भी किया क्योंकि वे  राज्य पुलिस सेवा में आते ही आईपीएस अवार्ड के लिए पात्र हो गए। मगर वायपी सिंह के पैरोकारों ने उन्हें नक्सल मोर्चे पर बेहतर काम करने वाले अफसर के रूप में प्रचारित किया। चूंकि उपनाम सिंह भी था इसलिए राज्य पुलिस सेवा के अफसरों के विरोध का कोई बहुत ज्यादा असर नहीं हुआ, लेकिन अब सरकार बदल दी गई है। वायपी सिंह को धुर नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर में भेजा गया है।

एक संयोग यह भी है कि बीजापुर के मौजूदा एसपी कमल लोचन कश्यप और वायपी सिंह, दोनों ही राजनांदगांव में काम कर चुके हैं। चर्चा तो यह भी है कि दोनों के बीच बोलचाल तक नहीं थी। खैर, अब वायपी सिंह को कमल लोचन के अधीन नक्सल मोर्चे पर जौहर दिखाना होगा। विभाग के कुछ लोग चुटकी ले रहे हैं कि वायपी सिंह के काम का सही मूल्यांकन अब होगा।

पीएचक्यू की भैंस गई पानी में...

पुलिस विभाग में सबसे बड़े कुछ अफसरों के प्रमोशन पर राहू-केतू की मिलीजुली दशा चलती दिख रही है। एडीजी से डीजी बनाने की एक और मीटिंग पिछले दिनों हुई, जिसमें डीजीपी डी.एम.अवस्थी के विरोध के बाद मामला गड्ढे में चले गया। दरअसल यह पूरा सिलसिला निलंबित चल रहे एडीजी मुकेश गुप्ता की वजह से खटाई में पड़ा हुआ है। सरकार मुकेश गुप्ता को किसी भी हाल में प्रमोशन देना नहीं चाहती क्योंकि उनके खिलाफ कई मामलों की जांच चल रही है, मामले अदालत में भी गए हुए हैं। ऐसे में पता लगा है कि सुप्रीम कोर्ट के किसी वकील से ली गई सलाह यह थी कि प्रमोशन किया जा सकता है, और मुकेश गुप्ता के बारे में जो भी तय हो, उनका लिफाफा बंद रखा जाए, और जब उनके बारे में फैसला हो जाए तब लिफाफा खोला जाए, और डीपीसी की जो सिफारिश उनके बारे में हो उसे माना जाए। ऐसा पता लगा है कि अवस्थी ने यह बात सामने रखी कि किसी प्रमोशन के खिलाफ मुकेश गुप्ता ने अदालत से स्टे ले रखा है, और प्रमोशन करना अदालत के आदेश के खिलाफ होगा। अभी कोई अफसर इस बारे में खुलकर कुछ कहने को तैयार नहीं हैं।

लेकिन डी.एम. अवस्थी आज अकेले डीजीपी बने हुए हैं, और यह नौबत उनके लिए निजी रूप से बहुत अच्छी है। अब संजय पिल्ले, आर.के.विज, केन्द्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर गए हुए रवि सिन्हा, और अशोक जुनेजा के दिन ही नहीं फिर पा रहे हैं। अगर यह मीटिंग हो जाती, तो राज्य में कुछ और डीजीपी स्तर के अफसर बन जाते। अब कमेटी के भीतर क्या बातें हुईं, यह तो नहीं मालूम लेकिन फिलहाल तो भैंस पानी में चली गई है, और वह कब निकलेगी इसका कोई ठिकाना नहीं है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news