राजपथ - जनपथ
छोटा सा रोजगार...
सडक़ किनारे वजन की मशीन लेकर बैठे लोग जमाने से रोजी-रोटी कमाते आए हैं। अभी छत्तीसगढ़ के एक भूतपूर्व आईएएस अफसर और भाजपा के एक विधानसभा उम्मीदवार रहे ओ.पी. चौधरी ने सुबह की सैर के वक्त खींची फोटो पोस्ट की है कि रोजी कमाने की बहुत से तरकीबें ढूंढी जा सकती हैं। अब तस्वीर से तो यह बच्ची अपनी मां के साथ बैठी दिख रही है, इन दिनों शहरों में संपन्नता के चलते घर-घर वजन की मशीन रहने लगी है, फिर भी सुबह की सैर के जागरूक लोग अपना वजन तो जांच ही सकते हैं। हजार रूपए के आसपास की ऐसी मशीन किसी को रोजगार दे सकती है, ऐसा सोचकर भाजपा के कार्यकर्ता नरेन्द्र शर्मा ने इन्हें यह मशीन और बोर्ड दिलवाकर यहां बिठाया और स्वरोजगार की एक संभावना पैदा की।
निहारिका की जगह रेणु?
स्वास्थ्य सचिव सुश्री निहारिका बारिक सिंह अगले हफ्ते दो साल की छुट्टी पर जा रही हैं। निहारिका के जाने के बाद छोटा सा प्रशासनिक फेरबदल होगा। कोरोना संक्रमण के चलते स्वास्थ्य महकमा काफी अहम हो चला है। हालांकि दो महीने पहले ही निहारिका से चिकित्सा शिक्षा विभाग लेकर एसीएस रेणु पिल्ले को दे दिया गया था। चर्चा है कि स्वास्थ्य महकमा भी रेणु पिल्ले को सौंपा जा सकता है। रेणु पिल्लै की साख अच्छी है और काफी मेहनती भी हैं। ऐसे में रेणु को कोरोना से निपटने की जिम्मेदारी दी जाती है, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। वे वैसे भी चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रमुख के नाते आधा काम देख ही रही थीं।
निहारिका के पति जयदीप सिंह इंटेलिजेंस ब्यूरो के सीनियर अफसर हैं, और उन्हें जर्मनी में भारतीय दूतावास पोस्ट किया गया है. फि़लहाल वे दिल्ली में हैं और एक पखवाड़े बाद जर्मनी रवाना होने वाले हैं।
लेट पोस्टिंग
कोरोना के दौर में स्वास्थ्य विभाग में अहम नियुक्तियों में देरी की काफी चर्चा हो रही है। मसलन, डायरेक्टर महामारी का पद दो महीने से खाली पड़ा था। कई बार फाइल चली। आखिरकार नेत्र विशेषज्ञ डॉ. सुभाष मिश्रा को डायरेक्टर महामारी बनाया गया। इसी तरह डॉ. एसएल आदिले को हटाने के बाद से डीएमई का पद खाली है। डॉ. आदिले रेप के आरोप के बाद से फरार हैं। गंभीर आरोपों के बाद भी उन्हें संविदा नियुक्ति दे दी गई थी। अब जब वे हट गए हैं, उनकी जगह नई पदस्थापना में देरी समझ से परे है।