राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : कठिन सवाल और होशियार छात्र
14-Sep-2020 6:46 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : कठिन सवाल और होशियार छात्र

कठिन सवाल और होशियार छात्र

बहुत साल पहले की बात है। रायपुर साइंस कॉलेज में कैमेस्ट्री के शिक्षक शुक्ला सर ने बीएससी अंतिम वर्ष विद्यार्थियों को क्लास में एक सवाल हल करने दिए। सवाल कठिन था, लेकिन एक छात्र सही उत्तर देने में सफल रहा। शुक्ला सर ने छात्र की पीठ थपथपाई और उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए खूब आशीर्वाद दिया। आगे चलकर यह छात्र रायपुर शहर का पहला आईएएस अफसर बना। नाम था विवेक ढांड, जो छत्तीसगढ़ के लंबे समय तक मुख्य सचिव रहे। और वर्तमान में रेरा के चेयरमैन हैं। बात यहीं खत्म नहीं हुई।

 कई साल बात शुक्ला सर ने क्लास में उसी सवाल को विद्यार्थियों को फिर हल करने दिए। काफी कोशिश के बाद एक छात्र सही जवाब देने में सफल रहा। शुक्ला सर ने विद्यार्थी की पीठ थपथपाई और इससे पहले इस सवाल को जिस छात्र ने हल किया था वह आईएएस अफसर बन चुका है। इसी तरह मेहनत कर उच्च पद पर जाने की सीख दी। गुरु का आशीर्वाद रंग लाया और छात्र आईआरएस अफसर बना। नाम है अजय पांडेय, जो कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ के सेंट्रल एक्साईज जीएसटी कमिश्नर के पद पर हैं, और छत्तीसगढ़ सरकार में भी सेवाएं दे चुके हैं। उनकी साख अच्छी है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं।

अस्पतालों के दिन फिरे..

कोरोना संक्रमण के चलते रायपुर के सारे अस्पताल भरे पड़े हैं। अस्पताल संचालकों की निकल पड़ी है। ऐसे ही एक अस्पताल में पिछली सरकार में तत्कालीन सीएम के करीबी रहे नेता ने निवेश किया। शुरुआत में कुछ ज्यादा कमाई नहीं होती थी। नेताजी का बेटा खुद कैश काउंटर पर बैठ जाता था। इससे अस्पताल के बाकी संचालक डॉक्टर परेशान थे।

काफी दिनों तक संचालकों में किचकिच चलती रही। आखिरकार नेताजी अपना हिस्सा लेकर प्रबंधन से अलग हो गए। थोड़े समय बाद अस्पताल चल निकला और मौजूदा हाल यह है कि अस्पताल में पिछले कई महीनों से मरीजों के लिए बेड नहीं है। यहां दाखिल होने के लिए भी काफी एप्रोच लगाना पड़ता है।

अस्पताल की कमाई देखकर नेता पिता-पुत्र पछता रहे हैं। ऐसे ही एक बिल्डर ने अपने कॉम्प्लेक्स को नर्सिंग होम के लिए किराए पर दे दिया। महादेव घाट रोड स्थित इस नर्सिंग होम के संचालक किराया नहीं दे पा रहे थे, तब बिल्डर ने पार्टनर बनने सहमति दे दी। कोरोना के मौसम में अब एकाएक खूब कमाई हो रही है। बिल्डिंग का धंधा अभी मंदा है, लेकिन नर्सिंग होम फल फूल रहा है।

सत्र के दौरान हम ज्यादा बेक्रिफ थे...

दिल्ली में आज से संसद का सत्र शुरू हो गया। कहा जा रहा है यह कोरोना महामारी के बीच पहली बार शुरू हुआ। हालांकि जब देश में केस आने शुरू हो गये थे तब भी सत्र कुछ दिन तक चलता रहा और उस वक्त सामाजिक दूरी, मास्क पहनने जैसा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया था। सत्र का अचानक अवसान करना पड़ा था। अब जब कोरोना महामारी भयावह स्थिति की ओर आगे बढ़ रही है, देश चलाते रहने के लिये संसद को भी चलाना जरूरी समझा गया। इस बार सत्र में शनिवार- रविवार को अवकाश नहीं होगा और कामकाज सुबह 9 बजे से ही रोज शुरू हो जायेगा। बाकी कामकाज तो होंगे पर प्रश्नकाल को स्थगित रखने का निर्णय इस सत्र के लिये लिया गया है। विपक्ष इसकी आलोचना भी कर रहा है। जब संसद में सवाल नहीं होगा तो फिर सरकार की जवाबदेही कैसे तय होगी?  बहरहाल, कोरोना से बचाव के लिये यह लोकसभा सचिवालय की ओर से एसओपी जारी किया गया है कि कोई भी व्यक्ति, अधिकारी यहां तक कि सांसद भी सदन में तब प्रवेश करेंगे जब वे कोविड-19 टेस्ट करा चुके हों और रिपोर्ट निगेटिव आई हो। चार सांसदों की रिपोर्ट पॉजिटिव भी आ गई। वे सत्र में अब भाग नहीं ले पायेंगे। याद होगा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र शुरू करने के लिये पिछले माह इसी तरह का निर्णय लिया गया था, पर माननीयों ने इसका विरोध कर दिया। तब फिर तय हुआ कि सबकी सिर्फ थर्मल स्क्रीनिंग की जायेगी और जिनमें लक्षण दिखेगा उन्हें टेस्ट के लिये कहा जायेगा। संयोग से, विधानसभा सत्र के तुरंत बाद कई विधायक और उनके समर्थक कोरोना पॉजिटिव आ गये थे। सभा-सम्मेलन, जन्मदिन, उद्घाटन, शिलान्यास का मोह हमारे प्रतिनिधि छोड़ नहीं पा रहे हैं। जो नये केस आ रहे हैं उनमें कई जनप्रतिनिधि, विधायकों के नाम भी जुड़ते चले जा रहे हैं। कोरोना से बचना जरूरी है पर उसका सामना करने से बचना लोगों को खतरे में डाल रहा है। कोरोना किस रफ्तार से छत्तीसगढ़ में पैर पसार रहा है यह हम सब तो देख ही रहे हैं।

कोरोना तनाव और चिडिय़ाघर...

कोरोना के कारण उन्हें भी बड़ी मायूसी हो रही है जो वन-पर्यटन के लिये नहीं जा पा रहे हैं। हालांकि खुले घूमने वाले वन्य जीवों में तो कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं है पर जिन वाहनों से यात्रा की जायेगी, जिस रिसोर्ट में रुका जायेगा वहां बहुत सी कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगा। छत्तीसगढ़ में लगभग सभी रिसोर्ट अनलॉक के बाद खोल दिये गये हैं लेकिन उनमें भीड़ नहीं पहुंच रही है। रायपुर में नंदन वन और बिलासपुर में कानन पेंडारी लोगों का पसंदीदा चिडिय़ाघर है। रविवार को जब नंदन वन खोला गया तो बमुश्किल 100 पर्यटक पहुंचे। कानन पेंडारी की स्थिति कुछ अच्छी स्थिति रही जहां 500 लोगों ने पहले दिन लुत्फ उठाया। दूसरी तरफ, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका से जानवरों में कोरोना फैलने की जानकारी सामने आने के बाद हमारे यहां भी केन्द्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण ने देशभर के जू, मिनी जू के लिये एडवायजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि जानवरों के व्यवहार को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतें और सीसीटीवी पर उनकी सतत् निगरानी रखें। जब सिनेमाघर, शॉपिंग मॉल के एयरकंडीशन हाल में जाकर मूड बदलने से लोग बच रहे हों तो खुले चिडिय़ाघरों की सैर करना कोरोना घुटन के इस दौर में अच्छा विकल्प है, बशर्तें जानवरों को संक्रमण से बचाने के लिये जू प्रबंधक सतर्क रहे और पर्यटक भी सावधानी बरतें।

 

 

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