राजपथ - जनपथ
ऋचा जोगी को उतारने की रणनीति
दिवंगत पूर्व सीएम अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी के चुनाव लडऩे पर कयास लगाए जा रहे हैं। चूंकि अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र की पड़ताल चल रही है, और यह भी संभावना जताई जा रही है कि उनके अनुसूचित जनजाति होने का प्रमाण पत्र निरस्त किया जा सकता है। छानबीन समिति ने पहले ही पूर्व सीएम अजीत जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया था, और उन्हें आदिवासी नहीं माना था। मरवाही चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है, और सारा दारोमदार जिला निर्वाचन अधिकारी पर है। अमित जोगी खुले तौर पर कह रहे हैं कि सरकार उन्हें चुनाव लडऩे से रोकना चाहती है। विकल्प के तौर पर वे अपनी पत्नी ऋचा जोगी को चुनाव मैदान में उतारने की रणनीति पर भी काम कर रहे हैं।
दूसरी तरफ, कांग्रेस के रणनीतिकारों की सोच है कि अमित जोगी चुनाव मैदान में उतरें। ताकि उन्हें अपनी राजनीतिक ताकत का अंदाजा हो जाए। अजीत जोगी थे, तब बात कुछ और थी। उनके निधन के बाद मरवाही में भी उनके ज्यादातर सहयोगी साथ छोडक़र कांग्रेस में चले गए हैं। ऐसे में कांग्रेस अमित को वजनदार नहीं मानती है। खुद सरकार के मंत्री रविन्द्र चौबे ने मीडिया से चर्चा में साफ तौर पर कहा कि लोकतंत्र में कौन किसी को चुनाव लडऩे से रोक सकता है। ऐसे में संकेत है कि छानबीन समिति का फैसला चुनाव के पहले शायद ही आए। इससे परे भाजपा भी अमित की उम्मीदवारी को ध्यान में रखकर ही प्रत्याशी तय करेगी।
भाजपा और जोगी पार्टी के बीच अघोषित तालमेल देखने को मिला है। जोगी पार्टी के विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह की पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह से निकटता जगजाहिर है। ऐसे में हल्ला है कि भाजपा यहां दमदारी से चुनाव लड़ेगी, इसमें संदेह है। वैसे भी चुनाव के कुछ दिन पहले ही भाजपा ने यहां जिला संगठन खड़ा किया और अध्यक्ष की नियुक्ति की। ज्यादातर नेता मरवाही से दूरी बनाए हुए थे। चुनाव की घोषणा के बाद प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और एक-दो अन्य नेता वहां बैठक की औपचारिकता पूरी कर आए हैं। कुल मिलाकर नाम वापसी के बाद सारी रणनीति का खुलासा हो सकता है।
मंतूराम की भविष्यवाणी
मरवाही चुनाव को लेकर चर्चित पूर्व विधायक मंतूराम पवार की भविष्यवाणी सोशल मीडिया में तैर रहा है। पूर्व सीएम अजीत जोगी के करीबी रहे मंतूराम पवार का मानना है कि अमित या ऋ चा जोगी के चुनाव लडऩे पर कांग्रेस पिछडक़र दूसरे नंबर पर चली जाएगी। जाति मामले में जोगी परिवार के चुनाव लडऩे से वंचित होने पर कांग्रेस की जीत पक्की है। मंतूराम पवार ने भाजपा को लेकर टिप्पणी की है कि भाजपा में दंतेवाड़ा उपचुनाव और चित्रकोट से भी परिस्थिति ज्यादा नाजुक है। संगठन चुनाव में रमन सिंह के लोगों को ही 99 फीसदी जगह मिलने से सीनियर भाजपा कार्यकर्ता नाराज हैं। अंतागढ़ उपचुनाव के दाग आज भी रमन सिंह की छवि में रच बस गये हैं, जिसके चलते भाजपा प्रत्याशी को नुकसान हो सकता है।