राजपथ - जनपथ
मास्क की अनिवार्यता पर शाह का संदेश
दिल्ली के एक वकील विराग गुप्ता ने एक माह पहले चुनाव आयोग को एक लीगल नोटिस जारी करके कहा था कि चुनाव प्रचार अभियान में आयोग के दिशानिर्देशों का खुला उल्लंघन हो रहा है। आयोग ने चुनावी सभाओं और रैलियों को लेकर निर्देश दिया है कि इसमें आयोजक तथा पहुंचने वाले सभी लोगों को मास्क पहनना तथा सोशल डिस्टेंस का पालन करना जरूरी है, लेकिन इसका कहीं भी पालन नहीं हो रहा है। पश्चिम बंगाल, असम सहित अन्य तीन राज्यों में हो रहे चुनावों में पहुंची भीड़ का हवाला देते हुए गुप्ता ने आयोग से अनुच्छेद 334 के अंतर्गत कार्रवाई की मांग की है।
छत्तीसगढ़ में भी कई वीआईपी नेताओं और आईएएस अधिकारियों की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि भीड़ के बीच भी वीआईपी मास्क नहीं पहनते। बीजापुर नक्सली हमले के बाद छत्तीसगढ़ पहुंचे केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की विभिन्न स्थानों पर ली गई तस्वीरों से यह साफ दिखाई दे रहा है कि उन्हें भी कोरोना का खौफ नहीं है और वे मास्क पहनना पसंद नहीं करते। ऐसा तब है जब वे दो बार खुद भी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। जब वीआईपी ही मास्क पहनने को अपनी आदत में शामिल नहीं करेंगे तो फिर आम लोगों को कैसे इसके लिये तैयार किया जा सकता है?
12वीं बोर्ड की मार्कशीट का क्या होगा?
राजधानी में एक बार जो जम गया उसे बाहर जाने की इच्छा नहीं होती है, जब तक कोई बेहतरीन मौका न मिले। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से ही विभिन्न विभागों में यह बात देखी जा रही है। राजधानी होने के नाते रायपुर में रहन-सहन सहूलियत से भरी है। अधिकारियों की भरमार होने के कारण काम का बोझ भी कम होता है। बच्चों की शिक्षा और कैरियर से लेकर सेवानिवृत्ति तक के अवसर यहां जो उपलब्ध हैं वह दूसरी जगह नहीं मिल सकती। शायद यही वजह है कि नेहरू मेडिकल कॉलेज के कई डॉक्टरों ने अपना प्रमोशन लेने से इंकार कर दिया है और डीन को आवेदन दिया है कि उनको रिलीव नहीं किया जाये। नियम कहता है कि यदि कोई प्रमोशन पर नहीं जाना चाहता तो उन्हें रिलीव न किया जाये, पर डीन ने आवेदन मिलने के पहले ही सबको रिलीव कर दिया है। हवाला शासन के आदेश का दिया गया है। अब देखना है कि तकनीकी दृष्टि से डीन का आदेश सही ठहराया जायेगा या रिलीव नहीं होने के इच्छुक डॉक्टरों का।
प्रमोशन वापस ले लो, यहां से नहीं हिलेंगे
राजधानी में एक बार जो जम गया उसे बाहर जाने की इच्छा नहीं होती है, जब तक कोई बेहतरीन मौका न मिले। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से ही विभिन्न विभागों में यह बात देखी जा रही है। राजधानी होने के नाते रायपुर में रहन-सहन सहूलियत से भरी है। अधिकारियों की भरमार होने के कारण काम का बोझ भी कम होता है। बच्चों की शिक्षा और कैरियर से लेकर सेवानिवृत्ति तक के अवसर यहां जो उपलब्ध हैं वह दूसरी जगह नहीं मिल सकती। शायद यही वजह है कि नेहरू मेडिकल कॉलेज के कई डॉक्टरों ने अपना प्रमोशन लेने से इंकार कर दिया है और डीन को आवेदन दिया है कि उनको रिलीव नहीं किया जाये। नियम कहता है कि यदि कोई प्रमोशन पर नहीं जाना चाहता तो उन्हें रिलीव न किया जाये, पर डीन ने आवेदन मिलने के पहले ही सबको रिलीव कर दिया है। हवाला शासन के आदेश का दिया गया है। अब देखना है कि तकनीकी दृष्टि से डीन का आदेश सही ठहराया जायेगा या रिलीव नहीं होने के इच्छुक डॉक्टरों का।