राजपथ - जनपथ
22 करोड़ के इंजेक्शन की नई जरूरत
स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी बीमारी का नाम पहली बार तब सुनने को मिला था जब मुम्बई की बच्ची तीरा कामत के इलाज के लिये क्राउड फंडिंग की जा रही थी। इसके बाद छत्तीसगढ़ के कोरबा से दूसरा मामला सामने आया। डेढ़ साल की सृष्टि रानी को भी इलाज की जरूरत है। बीते 6 माह से इस इंजेक्शन के लिये रकम जुटाने की कोशिश उसके माता-पिता और शुभचिंतक कर रहे हैं। पिता सतीश कुमार एसईसीएल की दीपका खदान में ओवरमैन के पद पर काम करते हैं। अब तीसरा मामला भी छत्तीसगढ़ से ही आया है। रायगढ़ जिले के पुसौर के तुरंगा निवासी किसान नरेन्द्र नायक और पद्मिनी के 14 माह का बेटा छायांक भी इसी दुर्लभ बीमारी से पीडि़त पाया गया है।
इन्हें जिस इंजेक्शन जोल्गेंशमा की जरूरत है उसकी कीमत 22 करोड़ 50 लाख रुपये है। यह स्विट्जरलैंड की फार्मा कंपनी बनाती है लेकिन अमेरिका से मंगाना पड़ेगा। कोरबा और रायगढ़ के सांसदों ने अपने-अपने क्षेत्र के मामलों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की है कि इन बच्चों के इलाज में मदद की जाये। यदि सरकार इसके आयात पर लगने वाले टैक्स में राहत देती है तब भी 16 करोड़ रुपये से अधिक की जरुरत प्रत्येक मरीज के लिये होगी। दोनों परिवारों का कहना है कि वे अपनी पूरी प्रापर्टी बेच दें तब भी इतनी रकम की व्यवस्था नहीं कर सकते। दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन इसे कहा जाता है। पर, देशभर में इस बीमारी से पीडि़त बच्चों की संख्या बहुत कम है। यह सवाल बना हुआ है कि क्या क्राउड फंडिंग से राशि एकत्र हो पायेगी? या फिर सरकार की ओर से ही टैक्स छूट के अलावा भी कोई और मदद की जायेगी?
ढाई-ढाई साल का खेल खत्म
अब भाजपा ने भी मान लिया है कि कांग्रेस सरकार के ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर अब बात नहीं करनी है। राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय ने पत्रकारों से बात करते हुए बुधवार को कहा कि 20-20 मैच खत्म हो गया। भूपेश बघेल की टीम जीत गई। मतलब यह है कि प्रदेश में अब नेतृत्व परिवर्तन की बात को भाजपा हवा नहीं देगी। उन्होंने मुख्यमंत्री को इस ‘जीत’ के लिये बधाई तो दी, लेकिन कहा कि भविष्य के लिये बेस्ट ऑफ लक नहीं बोल सकती क्योंकि अगली सरकार तो भाजपा की बनेगी। आत्मविश्वास बना रहे।
भूत वर्तमान व भविष्य के दानी अम्बानी
अगर आपके पास धन हो तो प्रत्येक क्षेत्र में आप सिद्धहस्त हो जाते हैं। धार्मिक रुचि और धर्मस्थलों के संचालन में आपकी क्षमता का भी मूल्यांकन हो सकता है। शायद यही वजह है कि उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम् बोर्ड में मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अम्बानी को सदस्य बनाया गया है। भूतकाल में दान मिला, वर्तमान में भी दान दे रहे हैं, यहां तक तो ठीक है पर भविष्य में भी दान देते रहेंगे इसे लेकर भी बोर्ड के सचिव आश्वस्त हैं। यह उनके पत्र से ही पता चलता है। (राजीव ध्यानी/फेसबुक)
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