राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : थानेदारों पर शामत आई है...
08-Jul-2021 5:42 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : थानेदारों पर शामत आई है...

थानेदारों पर शामत आई है...

प्रदेश में कई जिलों के एसपी बदले तो कई थानेदारों की सांस फूल रही है। दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा और रायगढ़ में कई थाना और चौकी प्रभारी लाइन हाजिर किए जा चुके हैं। कई लोगों को थाने से लाइन पर लगा दिया गया और कई को लाइन से थाना भेज दिया गया। इससे यह ध्वनित होता है कि जिले की कमान जो पहले संभाल रहते हैं उन साहबों ने अपने काम में चुस्ती नहीं बरती। पर ऐसा है नहीं। कप्तान साहब जब नये जिले में पहुंच रहे हैं तो उनका एक खौफ बनना चाहिए। 1-2 पर कार्रवाई होती है तो 10-20 अलर्ट जाते हैं। जिनको भुगतना पड़ रहा है, वे उतने ही काबिल हैं, जितने बाकी। शिकार हो गये, यह साहब के मूड की बात है। बस सहानुभूति रखी जा सकती है।

इतना झूठ बरसा पीसी में...

खाद की कमी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह द्वारा बुलाई गई प्रेस  कॉन्फ्रेंस में अचानक कार्यक्रम स्थल की छत से पानी ठीक उसी जगह पर टपकने लगा जहां वे मौजूद थे। उन्हें तुरंत छतरी लाकर बारिश के पानी से बचाया गया। इस पर चुटकी लेते हुए प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में इतना झूठ बरसा कि टपकने लगी।

समस्याएं आरोप-प्रत्यारोप के बावजूद हल नहीं होती लेकिन मुसीबतों-दिक्कतों से घिरी जनता का भी इस तरह की बयानबाजी से मनोरंजन जरूर हो जाता है।

भूख मिटाने के लिये घर तोड़ता हाथी..

जंगल का विनाश होगा तो भूख के लिए घर को ही तोड़ेगा। आदिवासी एक तरफ खनन से विस्थापित हो रहा है और दूसरी और हाथियों के साथ संघर्ष में मर रहा है। खनन का दुष्परिणाम अंतत: दोनों को भुगतना पड़ रहा है। अडानी सब पर भारी। (आलोक शुक्ला/ट्विटर)

मन हल्का करने के लिये..

छत्तीसगढ़ के जिन सांसदों ने आस लगा रखी थी उन्हें मायूसी घेर रही हो तो सुशील मोदी, रविशंकर और डॉ. हर्षवर्धन का स्मरण कर लेना चाहिये। ज्यादा हो तो इनसे फोन लगाकर बात कर सकते हैं। मन हल्का होगा। मगर बुरा हो कांग्रेस नेताओं और उनके समर्थकों का। हम उनकी बात से बिल्कुल सहमत नहीं हैं। वे सोशल मीडिया पर जाने क्या-क्या लिख रहे हैं।  जैसे-

-गड़बड़ी इंजन में है और डिब्बे बदले जा रहे हैं।

-हर्षवर्धन जी डॉर्क चॉकलेट खायें, डिप्रेशन दूर होगा।

-कोई फायदा नहीं होने वाला, सिर्फ बंदर बदले जा रहे हैं, मदारी वही है।

-क्या पत्ते फेंटे, सभी जोकर हो गये।

-लोग आते हैं, जाते हैं, सिर्फ स्मृति रह जाती है।

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