राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : शादी और बर्बादी
09-Jul-2021 6:23 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : शादी और बर्बादी

शादी और बर्बादी

शादी समारोह में कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन के मामले में अंबिकापुर में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है। वर-वधु, और शादी-भवन मालिक पर जिला प्रशासन ने 9 लाख से अधिक का जुर्माना ठोका है। इस कार्रवाई की राजनीतिक हलकों में जमकर चर्चा है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि वर, वधु, और शादी भवन मालिक, तीनों ही पक्ष सरकार के एक ताकतवर मंत्री के करीबी माने जाते हैं। चर्चा है कि प्रशासन ने कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की, तो मंत्री बंगले से कार्रवाई रोकने के लिए फोन आ गया। मगर प्रशासन ने एक नहीं सुनी, और तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया। ये अलग बात है कि एफआईआर दर्ज कराने के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। नायब तहसीलदार को एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाने में घंटों बैठना पड़ा। थाने का स्टाफ भी इधर-उधर हो गया था। बाद में नायब तहसीलदार ने कलेक्टर को फोन लगाया, और फिर कलेक्टर की दखल के बाद मामला दर्ज हो पाया।

टीकाकरण बंद, खाली-पीली दौड़ लग रही

राजधानी में यह जरूर हो रहा है कि आधे से अधिक केन्द्रों में टीकाकरण का काम फिर शुरू हुआ पर यह एक दो दिन ही चलने की उम्मीद है। एक ही दिन में 38 हजार से अधिक टीके लग गये जबकि कुल डोज 2 लाख ही आये हैं। इनमें से कुछ की दूसरे जिलों को भी आपूर्ति की जा चुकी है। अब क्या होगा? टीकाकरण अधिकारी बताते हैं कि नई खेप आने के बारे में उन्हें कोई सूचना नहीं। कई जिलों से कल रायपुर गाडिय़ां बुला ली गईं, पर टीके नहीं मिले। बिलासपुर जिले से पहुंची स्वास्थ्य विभाग की गाड़ी को खाली लौटाना पड़ा। वैक्सीन की जगह उसमें सिरिंज ही भेज दी गई। स्वास्थ्य अमले को इतनी लम्बी दौड़ लगानी पड़ी और टीके मिले भी नहीं। पर इससे ज्यादा परेशान तो वे लोग हैं जिन्होंने टीका लगवाने के लिये रजिस्ट्रेशन करा रखा है। खासकर जिनके दूसरे डोज की बारी आ गई है। इन्हें फोन पर एसएमएस अलर्ट आ रहा है कि अपने नजदीकी वैक्सीनेशन केन्द्र में पहुंचकर टीका लगवा लें, पर केन्द्र पहुंचने पर वहां ताला लगा मिल रहा है। अब टीकाकरण की जागरूकता के लिये मोबाइल फोन, टीवी आदि पर दिये जाने वाले संदेश का मजमून बदल देना चाहिये। इसमें कहा जाता है कि अपनी बारी आ गई हो तो वैक्सीनेशन हो रहा है या नहीं पता लगाते रहें। 

नाक और कान दांव पर

किसी मनौती को पूरा करने के लिये लोग दाढ़ी, बाल बढ़ा लेते हैं। कई बार लोग मूंछों को भी दांव पर लगा देते हैं। जैसे 2003 के विधानसभा  चुनाव में स्व. दिलीप सिंह जूदेव ने कांग्रेस की हार के लिये लगाया था। अब बस्तर के पूर्व सांसद दिनेश कश्यप ने अपनी कान दांव पर लगा दी है। संगठन की बैठक में उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में अगली बार कांग्रेस की सरकार नहीं आयेगी। यदि आ गई तो अपने कान कटवा लेंगे। सांसद दीपक बैज ने पलटकर जो जवाब दिया वह शालीन है या नहीं हम नहीं कह सकते, पर आजकल तो इस तरह के राजनीतिक बयान हर तरफ सुनाई दे रहे हैं। बैज का कहना था- न दिनेश सांसद रहे, न उनके भाई केदार विधायक। नाक तो कटवा ही चुके। 2023 के चुनाव में कान भी कटवा लें, हम स्वागत करेंगे।

सिंहदेव के मौसा वीरभद्र सिंह..

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने श्रद्धांजलि दी है। सोशल मीडिया पर लिखे पोस्ट में उन्होंने बताया है कि मौसा जी बीते 65 वर्षों से उनके अभिभावक, सलाहकार व मार्गदर्शक रहे। उनके साथ बचपन की अनेक स्मृतियां जुड़ी हैं। सिंहदेव ने उनकी खिलखिलाहट को अंतर्मन तक छू जाने वाली बताया है। सिंहदेव अपने परिवार के कुछ सदस्यों के साथ उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने भी गये हैं।

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