राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : बदनाम को स्थापित करने की हड़बड़ी
17-Jul-2021 5:44 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : बदनाम को स्थापित करने की हड़बड़ी

बदनाम को स्थापित करने की हड़बड़ी

आखिरकार सीएम, और वन मंत्री की नाराजगी के बाद रिटायर्ड पीसीसीएफ जेएसीएस राव को वनौषधि बोर्ड में सलाहकार नियुक्त करने का आदेश निरस्त कर दिया गया। बताते हैं कि बोर्ड के चेयरमैन बालकृष्ण पाठक की अनुशंसा पर राव को बोर्ड के प्रभारी सीईओ आरसी दुग्गा ने सलाहकार नियुक्त कर दिया था। जेएसीएस राव की नियुक्ति के लिए सरकार से अनुमति नहीं ली गई थी। ‘छत्तीसगढ़’ ने इस आशय की खबर सबसे पहले प्रकाशित की थी।

 नियम-प्रक्रियाओं को नजरअंदाज कर राव को सलाहकार नियुक्त करने से सीएम, और वन मंत्री खफा थे। उनकी नाराजगी के बाद  आनन-फानन में राव की नियुक्ति आदेश निरस्त किया गया। वैसे तो राव को संविदा नियुक्ति देने की भी फाइल चल रही है, लेकिन जिस तरह सलाहकार पद पर नियुक्ति दे दी गई थी। उससे इस बात की संभावना कम है कि उन्हें संविदा नियुक्ति दी जाएगी। वैसे भी, राव के खिलाफ तीन डीई चल रही थीं, जिन्हें पिछली सरकार ने खत्म कर दिया था। हॉर्टिकल्चर मिशन में रहते उनके कारनामे  किसी से छिपे नहीं है।  बावजूद इसके उन्हें सलाहकार नियुक्त करने का आदेश हैरान करने वाला रहा है।

अपने इलाके को सीएम के तोहफे

सरकार के निगम-मंडलों में थोक में पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई है। इन नियुक्तियों में क्षेत्रीय-सामाजिक संतुलन बनाने की भरपूर कोशिश की गई है। सबसे ज्यादा फायदे में सीएम के विधानसभा क्षेत्र पाटन के नेता रहे हैं। पाटन के आधा दर्जन नेताओं को पद मिला है।

पाटन के गांव के रहने वाले जवाहर वर्मा जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष, अश्वनी साहू अध्यक्ष कृषि उपज मंडी दुर्ग, कौशल चंद्राकर, और हेमंत देवांगन को खादी ग्रामोद्योग बोर्ड का सदस्य, शंकर बघेल को बीज निगम सदस्य, और पवन पटेल को शाकम्बरी बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया।

वैसे भी सीएम चाहे कोई भी हो, अपने इलाके के लोगों का भरपूर ध्यान रखते हैं। मोतीलाल वोरा सीएम थे, तो सबसे ज्यादा लाल बत्ती दुर्ग जिले में ही बटी थीं। रमन सिंह ने भी अपने विधानसभा क्षेत्र राजनांदगांव के आधा दर्जन नेताओं को लाल बत्ती से नवाजा था। भूपेश बघेल भी अपने बुरे वक्त में साथ रहने वाले लोगों को उपकृत कर रहे हैं, तो यह गलत नहीं है।

नवोदय से निकले हुए लोग

नवोदय विद्यालय से निकलकर सरकारी सेवा में आने वाले लोगों का राष्ट्रीय स्तर पर एक संगठन है, हालांकि इसमें सरकारी सेवा से बाहर काम करने वाले लोग भी शामिल हैं जो कि नवोदय में पढ़े हुए हैं। छत्तीसगढ़ के एक डीएफओ दिलराज प्रभाकर नवोदय के भूतपूर्व छात्रों के इस नेटवर्क में लगातार सक्रिय रहते हैं। अभी वे छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में डीएफओ हैं और राज्य के गिने-चुने उन सीनियर अफसरों में से एक हैं जो कि पिछली सरकार में भी जहां काम कर रहे थे, वहीं पर रखे गए हैं। दिलराज प्रभाकर ने कबीरधाम जिले में अभी पदस्थ ऐसे अधिकारियों के साथ एक तस्वीर पोस्ट की है जो कि नवोदय में पढ़े हुए हैं। इनमें मनोज रावटे तहसीलदार हैं, जो कि राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ नवोदय विद्यालय में ही पढ़ते थे। इनके अलावा संयुक्त कलेक्टर इंद्रजीत बर्मन हैं जो कि बिलासपुर के मल्हार नवोदय विद्यालय के छात्र रहे हैं। जिले में डिप्टी कलेक्टर विनय कश्यप हैं, यह भी मल्हार नवोदय विद्यालय से निकले हैं। आई एफ एस दिलराज प्रभाकर डीएफओ हैं और वह उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के नवोदय विद्यालय से पढ़े हुए हैं। वन विभाग में ही एसडीओ जसवीर सिंह मरावी हैं जो कि नवोदय विद्यालय सराईपाली से पढ़े हुए हैं। एक-दूसरे एसडीओ फॉरेस्ट अनिल साहू हैं, वह भी महासमुंद जिले की सराईपाली के नवोदय विद्यालय से निकले हुए हैं. किसी एक जिले में, और छोटे जिले में नवोदय से निकले इतने लोग !

खेती की ये खास उपलब्धियां...

छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के कृषि विज्ञान केंद्र को देश के 722 केंद्रों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 93 वें स्थापना दिवस के मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिल्ली में इसे राष्ट्रीय पुरस्कार सम्मानित से किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने भी कोरिया के कृषि वैज्ञानिकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। कोरिया के वैज्ञानिकों ने अपने परिश्रम से कुछ नए प्रयोग किए हैं, जिससे जिले के किसानों ने खेती को लाभकारी और उन्नत बना लिया।

इधर रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की भी एक बड़ी उपलब्धि सामने आई है।

यहां के वैज्ञानिकों ने शोध करके चावल से प्रोटीन और शुगर सिरप तैयार करने की विधि विकसित की है। प्रोटीन और शुगर सिरप की बाजार में अच्छी डिमांड है। इसके लिए विश्वविद्यालय में ही प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है। इसके उत्पादन में काफी मात्रा में चावल की खपत भी हो जाएगी। मोटे तौर पर जो प्रोडक्ट तैयार होंगे वह चावल की कीमत से ढाई गुना ज्यादा मुनाफा देने वाला है।

बीते महीने धान के ज्यादा उत्पादन से चिंतित राज्य सरकार ने दूसरी फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए योजना लागू की है। इसमें दलहन, तिलहन कोदो के अलावा फलदार व इमारती लकडिय़ां खेतों में लगाने पर अलग से अनुदान मिलेगा।

धान की खेती से एकाएक रुख मोडऩा किसानों के लिए संभव नहीं है। अनियमित वर्षा, खाद की कमी, कीटों के हमले के बावजूद छत्तीसगढ़ में किसानों का सबसे भरोसेमंद उत्पाद यह बना हुआ है। ऐसे में कोरिया जिले में खेती को लाभकारी बनाने के लिए किए गए प्रयोगों का दूसरे जिलों में भी विस्तार होना चाहिए और देखा जाना चाहिए कि क्या कृषि विश्वविद्यालय में चावल की खपत को बढ़ाने के लिए लगाए जा रहे प्लांट अधिक संख्या में लगाए जा सकते हैं?

क्या अब पिघलेंगे मोदी जी?

पिछले दिनों पेट्रोल की कीमत घटाने की हाथ जोडक़र दुआ करते हुए एक महिला की तस्वीर सामने आई थी। देशभर में यह तस्वीर फैली होगी। पर इससे बात बनी नहीं। अब एक युवक की तस्वीर सामने आई है, जो जमीन पर लेटकर मोदी जी की फोटो को दंडवत प्रणाम कर रहे हैं। क्या पता सरकार अब पिघल जाए।

खेतान के बाद कौन?

इस महीने के आखिर में मुख्य सचिव के दर्जे के अफसर चित्तरंजन खेतान रिटायर हो रहे हैं। चूँकि उनसे जूनियर तो दो अफसरों को मुख्य सचिव बनाया गया था,  इसलिए यह सरकार उन्हें रिटायर होने के बाद कुछ बनाए इसकी संभावना कम है, और इससे भी कम संभावना यह है कि वे कुछ बनना चाहें। लेकिन इसके साथ-साथ सरकार के पास यह एक मुद्दा रहेगा कि अब तक खेतान जहां रिवेन्यू बोर्ड के चेयरमैन थे वहां किसे भेजा जाएगा?

अब तक वहां एसीएस दर्जे के अफसर जाते रहे हैं, और अब सरकार के पास एसीएस के अलावा प्रमुख सचिव स्तर के अफसरों को भी वहां भेजने का एक मौका हो सकता है। राज्य शासन की नौकरशाही में एक छोटा सा फेरबदल इस महीने के आखिर में हो सकता है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news