राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : नए एसपी के समक्ष चुनौतियां
22-Oct-2021 6:12 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : नए एसपी के समक्ष चुनौतियां

नए एसपी के समक्ष चुनौतियां

खबर है कि नक्सलियों का मूवमेंट दीवाली के बाद बढ़ सकता है।  इस बार सुकमा-बीजापुर, और दंतेवाड़ा के बजाए नए इलाकों में नक्सली वारदात को अंजाम दे सकते हैं। आशंका है कि नारायणपुर जिले में सक्रियता बढ़ा सकते हैं। बताते हैं कि अबूझमाड़ इलाके का बड़ा हिस्सा नारायणपुर जिले में आता है। इस इलाके से बड़े पैमाने पर नक्सलियों ने युवाओं की भर्ती की है।

नारायणपुर जिले के एसपी को कुछ दिन पहले ही बदला गया है। विवादित आईपीएस उदय किरण की जगह गिरजाशंकर जायसवाल को एसपी बनाया गया है। गिरजाशंकर नक्सल क्षेत्र में काम करने का कोई खास अनुभव नहीं है। वो जशपुर, और सूरजपुर एसपी रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि नक्सल सक्रियता के चलते आने वाले दिनों में उनके  रणनीतिक कौशल की परीक्षा हो सकती है।

मंत्रीजी से मिलिए...

मंत्रीजी से मिलिए कार्यक्रम, क्या शुरू हुआ राजीव भवन में कार्यक्रम का प्रभार पाने के लिए पदाधिकारियों में होड़ मच गई। मरकाम की सहमति से सबसे पहले महामंत्री अमरजीत चावला को कार्यक्रम का समन्वयक बनाया गया। और डॉ. कमल नयन पटेल को सहसमन्वयक का दायित्व सौंपा गया।

फिर अगले दिन संशोधित आदेश निकला। इसमें कारोबारी नेता राजेश चौबे एक और सहसमन्वयक बनाया गया। चर्चा है कि राजेश को सहसमन्वयक बनवाने में सभापति प्रमोद दुबे की अहम भूमिका रही है।   इसके बाद पीसीसी ने एक और आदेश निकालकर कार्यक्रम के मीडिया समन्वयक की जिम्मेदारी प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर को दी। स्वाभाविक है कि मंत्रीजी के कार्यक्रम को मीडिया तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी किसी प्रवक्ता को देनी थी।

प्रदेश में पार्टी की सरकार है। कुछ पदाधिकारियों को तो निगम मंडल में जगह पा गए। कईयों के पास पद है लेकिन संगठन का कोई काम नहीं है। ऐसे में मंत्रीजी से मिलवाने के बहाने कार्यकर्ताओं और आम लोगों से मुलाकात हो जा रही है, और इससे मंत्रीजी से संबंध भी बेहतर हो रहे हैं। जो कि ज्यादा जरूरी है।

कौन किस पर भारी पड़ेगा...

प्रदेश के एक छोटे जिले के एसपी के खिलाफ वहां के थानेदार लामबंद हो गए हैं। चर्चा है कि थानेदारों ने कुछ बिन्दुओं पर एसपी के खिलाफ अपनी बात एक ताकतवर मंत्री तक पहुंचाई है। बताते हैं कि एसपी को भी थानेदारों की मुहिम की जानकारी हो गई है। उन्होंने भी अपनी तरफ से कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए थानेदारों को बदलने का सुझाव ‘ऊपर’ भेजा है। देखना है कि कौन, किस पर भारी पड़ता है।

जागरूक नागरिक चाहिए

हिंदुस्तान के बहुत से शहरों में ऐसा नजारा देखने मिलता है जहां फुटपाथ पर चलने वाले लोग एकदम से धरती में समा सकते हैं। ऐसी नौबत के लिए म्युनिसिपल या राज्य सरकार पर किसी मौत के पहले भी मुकदमा दायर किया जा सकता है। इसके लिए जागरूक नागरिकों की जरूरत होती है, कानून तो बहुत से हैं।

हिंदुस्तानियों का असर...

वैसे तो गूगल अमरीकी कंपनी है जिसके देश में औरतों से भेदभाव कम है, लेकिन उसके बनाये हिज्जे सुधारने वाले एप्लिकेशन में भी बच्चियों की जगह बच्चा सुझाया जा रहा है। गूगल के मुखिया सुंदर पिचाई के अलावा भी लगता है कि बहुत हिन्दुतानी वहां हो गए हैं, और स्पेल चेक उनसे प्रभावित हो गया है।

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