राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : शिकायत का असर देखने मिला
30-Oct-2021 5:50 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : शिकायत का असर देखने मिला

शिकायत का असर देखने मिला

दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में बैठे नेता, छत्तीसगढ़ के पार्टी नेताओं से नाखुश बताए जाते हैं। वजह यह है कि विधानसभा में बुरी हार के बाद भी छत्तीसगढ़ के नेता एकजुट नहीं हो रहे हैं, और वो एक-दूसरे की शिकायत लेकर दिल्ली पहुंच जाते हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष ने तो बस्तर के चिंतन शिविर में यहां तक कह दिया था कि यहां के नेता सिर्फ शिकायतें करते हैं। ये नहीं बताते कि 14 सीट पर सिमटकर कैसे रह गए।

मरकाम की राहुल से मुलाकात

पार्टी नेता राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश के पास भी शिकायतें लेकर जाते रहते हैं। शिवप्रकाश का पिछले दिनों जशपुर में थे। सुनते हैं कि शिवप्रकाश को रांची से जशपुर लाने की जिम्मेदारी जिस नेता को दी गई थी, उसने भी मौका पाकर शिवप्रकाश के कान में काफी कुछ फूंक दिया। सडक़ मार्ग से रांची से जशपुर तक आने में चार घंटे लगते हैं। इतने समय में संगठन की खामियों को गिनाने का भरपूर मौका मिल गया। फिर क्या था जशपुर में बैठक खत्म होने के बाद शिवप्रकाश, पवन साय को रांची साथ लेकर गए। यानी शिकायत का कुछ असर देखने को मिला।

दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में बैठे नेता, छत्तीसगढ़ के पार्टी नेताओं से नाखुश बताए जाते हैं। वजह यह है कि विधानसभा में बुरी हार के बाद भी छत्तीसगढ़ के नेता एकजुट नहीं हो रहे हैं, और वो एक-दूसरे की शिकायत लेकर दिल्ली पहुंच जाते हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष ने तो बस्तर के चिंतन शिविर में यहां तक कह दिया था कि यहां के नेता सिर्फ शिकायतें करते हैं। ये नहीं बताते कि 14 सीट पर सिमटकर कैसे रह गए।

टीकाकरण की जमीनी हकीकत

देश में जब 100 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन लग गए तब मोदी सरकार ने इसका जश्न मनाया। अब नवंबर 2021 तक शत प्रतिशत आबादी को टीकाकरण कराने का लक्ष्य रखा गया है। छत्तीसगढ़ में करीब दो करोड़ लोगों को टीका (दोनों डोज) लगाने की जरूरत है। पर अब तक केवल 33 प्रतिशत लोगों को ही दूसरा डोज लग सका है। शत प्रतिशत टीकाकरण तभी माना जाएगा जब बाकी 67 प्रतिशत लोगों को भी दूसरा डोज लगाया जा सकेगा। इसके लिए करीब 60 दिन बचे हुए हैं। आने वाले दिनों में माहौल त्योहारों का रहेगा। गांव में भी धान की कटाई और मिंसाई को लेकर बड़ी व्यस्तता रहने वाली है। ऐसे में लक्ष्य कैसे हासिल किया जाए यह सोचना ज्यादा जरूरी है।

मेडिकल की 200 सीटें रह गईं खाली

एमसीआई ने सिर्फ कांकेर में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज में दाखिले की अनुमति दी है। यह राज्य का 11 मेडिकल कॉलेज होगा। दूसरी तरफ कोरबा और महासमुंद मेडिकल कॉलेज को मंजूरी नहीं मिली। यानी इस वर्ष करोड़ों रुपयों के सेटअप से तैयार की गई 300 सीटों में से 200 सीटों पर दाखिला नहीं हो पाएगा। बताया जा रहा है कि कांकेर मेडिकल कॉलेज को भी इसलिए थोड़ी रियायत बरतते हुए मंजूरी दी गई क्योंकि यह आदिवासी बाहुल्य इलाके में खोला गया है। शर्त यह भी रखी गई है की एक सप्ताह के भीतर शेष कमियां दूर की जाएंगी और ऑनलाइन इंस्पेक्शन में इसका समाधान हो जाना चाहिये। महासमुंद मेडिकल कॉलेज को लेकर के तो यह बात सामने आ रही है कि यहां करीब ढाई करोड रुपए लैब और फर्नीचर के लिये मंजूर थे मगर खरीदी की प्रक्रिया उलझा दी गई। कोरबा में संविदा और आउटसोर्सिंग के जरिये भी स्टाफ के 50 फीसदी से ज्यादा खाली पद नहीं भरे जा सके। शायद, सब अफसरों के भरोसे छोडऩे की जगह जनप्रतिनिधि बाधाओं को दूर करने में प्रशासन और सरकार के स्तर पर समन्वय बनाते तो यह स्थिति पैदा नहीं होती।

हमारा नसीब बालाघाट से अच्छा..

यह बालाघाट के एक पेट्रोल पंप की तस्वीर है। दर्शाया गया है कि पेट्रोल का दाम बढक़र अब 120 रुपये 6 पैसे हो गया है। अपने रायपुर में यह 106.67 रुपये है। डीजल के दाम भी बालाघाट से कम ही हैं। क्या संतुष्ट रहने, खुशी-खुशी त्यौहार मनाने के लिये यह काफी नहीं है?  

 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news