राजपथ - जनपथ
झारखंड का सस्ता पेट्रोल..।
पड़ोसी राज्यों की लोक-लुभावन घोषणायें एक दूसरे को प्रभावित करती हैं। अब धान के दाम को लीजिये, यूपी, झारखंड, मध्यप्रदेश से धान लाकर छत्तीसगढ़ में बेचा जाता है क्योंकि वहां इसके दाम तीन से पांच सौ रुपये तक कम हैं। अब झारखंड ने घोषणा की है कि वह नये साल से पेट्रोल के दाम 25 रुपये कम करने जा रही है। यह बीपीएल कार्ड धारक दुपहिया वाहनों को मिलेगा। इसकी भी लिमिट महीने में 10 लीटर की होगी। बहुत से ऐसे लोग हैं जिनको 10 लीटर पेट्रोल की जरूरत नहीं पड़ती। वे अपने बीपीएल कार्ड का इस्तेमाल कर इससे कमाई कर सकते हैं और छत्तीसगढ़ में भी पेट्रोल की तस्करी हो सकती है। छत्तीसगढ़ ने पंजाब आदि राज्यों से दबाव पडऩे के बाद थोड़ा सा वैट घटाया पर कीमत अब भी काफी अधिक है।
इधर आंध्रप्रदेश में यदि अगले चुनाव में भाजपा की सरकार बन गई तो वहां शराब 50 से 75 रुपये में बिकेगी। पार्टी की प्रदेश इकाई प्रमुख सोमू वीरराजू ने यह ऐलान किया है। अभी छत्तीसगढ़ सरकार मध्यप्रदेश से होने वाली शराब की तस्करी को ही थाम नहीं पाई है। यदि आंध्र में भाजपा आ गई तो वहां से भी तस्करी होने लगेगी।
नये साल पर महामारी की आहट
सन् 2020 में जब पहली बार महामारी की लहर आई तो लोग मना रहे थे कि किसी तरह से यह मनहूस साल बीते और 2021 में कुछ अच्छा हो। पर इस साल दूसरी लहर का कहर बरपा। सितंबर के बाद संक्रमण के कम मामले आने लगे। रेल, बस, मार्केट, मॉल, स्कूल, दफ्तर सब दो तीन माह से अपनी पुरानी रफ्तार पकड़ रही थी। पर कैलेंडर से भरोसा उठ रहा है। महामारी का साल शुरू होने या खत्म होने से कोई लेना-देना नहीं है। नये साल का जश्न मनाने के लिये होटल, रिसार्ट लोगों ने बुक कराये हैं। अधिकांश रिजर्व फारेस्ट और टूरिज्म के होटल हाउसफुल हो चुके हैं। ऐसे में जब जिलों में लगातार केस बढऩे की खबर हो, अकेले राजधानी में 5 कंटेनमेंट घोषित कर दिये गये हों, तब फिर आशंका यही घेर रही है कि सन् 2022 की शुरुआत कम से कम महामारी को लेकर तो अच्छी नहीं होने वाली।
आग का हस्तांतरण...।
बस्तर के भीतरी इलाकों में चूल्हे की आग जलाने के लिये माचिस का उपयोग न के बराबर होता है। घरों के चूल्हों में जलाई गई आग कभी नहीं बुझाई जाती। यदि बुझ भी गई तो पड़ोसी के घऱ से खप्पर या पेड़ की छाल से आ जाती है। आपसी रिश्तों में गर्माहट पैदा करने वाली आग होती है यह..।