राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : राजघराने के झगड़े से याद आए शिवेन्द्र
31-Dec-2021 5:57 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : राजघराने के झगड़े से याद आए शिवेन्द्र

राजघराने के झगड़े से याद आए शिवेन्द्र

खैरागढ़ राजपरिवार के रसूख में पिछले ढ़ाई दशक में संपत्ति और वैवाहिक कारणों से उपजे विवाद से लोगों में राजपरिवार के प्रति आदर भाव कम हुआ है। पिछले कुछ दिनों से पुरखों से विरासत में मिली जायदाद को लेकर जिस तरह से सडक़ पर दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह की पहली पत्नी पद्मा सिंह और दूसरी बीवी विभा सिंह के बीच झगड़ा सामने आया है उससे खैरागढ़ राजघराने के पूर्व सांसद शिवेन्द्र बहादुर की याद ताजा हो गई है। 80-90 के दशक में सांसद के तौर शिवेन्द्र के सियासी धाक के सामने हर किसी का सिर झुका रहता था। यही दबंगई शिवेन्द्र के लिए उस दौर में घातक साबित हुई जब उनकी धर्मपत्नी गीतादेवी सिंह ने आपसी अनबन के चलते यह ऐलान कर दिया कि शिवेन्द्र के 96 के लोकसभा चुनाव में हारने के बाद ही वे अपने बाल संवारेंगी। चुनाव से पहले गीतादेवी की इस कसम ने ऐसा असर छोड़ा कि सियासी नुकसान के रूप में शिवेन्द्र बहादुर को पराजय का मुंह देखना पड़ा। इस हार के बाद शिवेन्द्र का राजनीतिक सफर भी लगभग थम गया। वैसे खैरागढ़ राजघराने की बहू बनने के बाद से ही गीतादेवी और शिवेन्द्र बहादुर के रिश्ते तनाव भरे रहे। उनके मतभेद इस कदर थे कि गीतादेवी को डोंगरगढ़ के लाल निवास में शिवेन्द्र के जीते जी घुसना नसीब नहीं हुआ। शिवेन्द्र के खराब रिश्ते की वजह से गीता को महीनों गेस्ट हाऊस में अस्थाई ठिकाना बनाना पड़ा। अब फिर से खैरागढ़ में संपत्ति पर हक को लेकर छिड़ी जंग ने एक तरह से राजपरिवार के सदस्यों के राजनीतिक भविष्य पर संकट खड़ा कर दिया है।

गांजा ड्रग्स की लत की पहली सीढ़ी

सूबे में गांजा तस्करी के मामले में जिस तरह से उछाल आया उससे नारकोटिक्स के अफसर हैरानी में पड़ गए हैं। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ पुलिस के अफसरों के साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की एक बैठक गांजे पर केंद्रित रही। शाह के सामने गुजरे सात वर्षों में 8 गुना मादक पदार्थों की देश में खपत बढऩे को युवाओं के लिए खतरे की घंटी के मानकर नशीले उत्पादों के रोक के उपाय तलाशने पर जोर दिया गया। बताते हैं कि गांजे को ड्रग्स की लत की पहली सीढ़ी के रूप में लेते हुए नारकोटिक्स अमले को खास रणनीति के तहत काम करने का गृहमंत्री ने आदेश दिया है। सुनते हैं कि मौजूदा रफ्तार के अनुसार खपत होने से अगले 20 साल में युवा पूरी तरह से नशे के गिरफ्त में होंगे। वैसे में बड़े महानगरों में नशीली खानपान का चलन बढऩे से युवाओं की आने वाली पीढ़ी अभी से ही लडखड़़ा रही है। छत्तीसगढ़ में सीएम भूपेश बघेल ने भी व्यक्तिगत रूचि से उड़ीसा बार्डर पर गांजे की अवैध खेप को रोकने के लिए सख्ती दिखाने पर जोर दिया है। केंद्र के कहने पर अब नारकोटिक्स को एक्टिव कर नशे के कारोबार को रोकने के लिए देशव्यापी कदम उठाने के लिए आगे आया है।

पत्नी की अनुमति से पार्टी में एंट्री!

पुराने साल की विदाई और नए साल की स्वागत की तैयारियां चल रही है हालांकि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कुछ एक पाबंदियों लगाई गई है और निर्धारित मापदंड तथा अनुमति के साथ ही पार्टी को मंजूरी मिल रही है, लेकिन सोशल मीडिया पर कोरोना के कारण कोई रोक-टोक तो है नहीं, बाजजूद इसके सोशल मीडिया में नए साल की पार्टी में शामिल होने के लिए अनुमति पत्र वायरल हो रहा है। यह अनुमति पत्र भी काफी रोचक है। जिसमें खाने-पीने के डिटेल के साथ पत्नी से अनुमति मिलने के बाद पार्टी में एंट्री का प्रावधान रखा गया है।

नये साल का नया निमंत्रण..

असम पुलिस ने कल सुबह अपने सोशल मीडिया पेज पर एक धमाकेदार निमंत्रण पत्र पोस्ट किया। मजनून यह था कि नए साल के मौके पर हमारा मेहमान बनने की कोशिश ना करें। हमारे यहां लापरवाही से गाड़ी चलाने वाले, पीकर चलाने वाले और दूसरी तरह से शांति भंग करने वालों की फ्री एंट्री है। जो आएंगे उनके लिए डीजे लॉकअप में होगा, केक की जगह कॉपकेक मिलेगा और मिठाई की जगह कस्टडी मिलेगी। इसके कुछ घंटे बाद बिलासपुर पुलिस ने भी हु-ब-हू निमंत्रण पत्र सोशल मीडिया पर वायरल किया। बस जगह और फोन नंबर बदल दिये गये। कोई बात नहीं, अच्छी चीजों का अनुसरण किया जाये तो उसे नकल नहीं प्रेरणा मानकर चलना चाहिये।

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