राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : आखिर ढहा दिया गया स्कूल भवन...
02-Jan-2022 7:06 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : आखिर ढहा दिया गया स्कूल भवन...

आखिर ढहा दिया गया स्कूल भवन...

धमतरी जिले के परसतराई स्कूल का भवन बीते तीन साल से जर्जर हो चुका था। सरपंच मंत्री तक से गुहार लगा चुके थे कि नये भवन की स्वीकृति दें, लेकिन नहीं मिली। शिक्षा विभाग के आदेश पर स्कूल ढहा दिया गया है। अब दो अतिरिक्त कमरों में चौथी और पांचवी की कक्षा तो लग रही है लेकिन पहली से तीसरी तक के बच्चों को कभी आंगनबाड़ी, कभी सामुदायिक भवन तो कभी चबूतरे में बिठा कर पढ़ाया जा रहा है। यह फैसला तो सही हो सकता है कि जर्जर भवन में पढ़ाने का जोखिम नहीं लिया जाये लेकिन प्राथमिक शाला भवन की मंजूरी नहीं मिलना बताता है कि या तो शिक्षा विभाग के पास आधारभूत ढांचे पर खर्च के लिये पैसे नहीं है या फिर विभाग के अधिकारी ही लापरवाही बरत रहे हैं।

पीएम आवास की मंजूरी न देने के बहाने...

केंद्र व राज्य सरकार के बीच खींचतान के कारण प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कार्य बीते दो सालों से रुका हुआ है। हजारों मकान पहली दूसरी किश्त मिलने के बाद अगली किश्त नहीं मिलने के कारण अधूरे रह गये हैं। इस बार तो केंद्र ने मंजूर किये गये आवासों के लिये फंड देने से भी मना कर दिया है। पर, आवेदन अब भी लिये जा रहे हैं लेकिन उन्हें अजीबोगरीब या कहें आधारहीन कारणों से निरस्त भी किये जा रहे हैं। कबीरधाम जिले के पंडरिया ब्लॉक में माटपुर ग्राम के कई लोगों का आवेदन रद्द कर दिया गया। कारण यह बताया गया कि उनके घर टेलीफोन लगा हुआ है। कार पार्किंग की जगह है या फिर पहले से पक्का मकान है। असलियत यह है कि ये सभी रोजी-मजदूरी करने वाले लोग हैं और मिट्टी की झोपडिय़ां बनाकर रहते हैं। कुछ के छत में खप्पर भी नहीं है और उसे पन्नी, पत्तों से ढंका गया है। किसी का भी मकान पक्का नहीं है, कार पार्किंग की जगह होना तो दूर की बात है। लगता है कि नये प्रधानमंत्री आवासों के लिये कम से कम नये केंद्रीय बजट का इंतजार करना होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री ने हाल ही में बजट पूर्व चर्चा के लिये बैठक बुलाई थी, जिसमें छत्तीसगढ़ से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए थे। उन्होंने केंद्र राज्य के बीच फंड का अनुपात 90:10 रखने की मांग की है, अभी यह 60:40 है।

कैलेंडर में छाये तृतीय लिंग के जवान

छत्तीसगढ़ शासन के वार्षिक कैलेंडर में हर बार सरकार की उपलब्धियों और नई योजनाओं की जानकारी रहती है। इस बार भी है। इनमें सितंबर महीने का पन्ना कुछ खास है। इसमें तृतीय लिंग के उन 13 आरक्षकों की तस्वीर प्रकाशित की गई है, जिन्हें राज्य पुलिस में भर्ती होने का पहली बार मौका मिला है।

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