राजपथ - जनपथ
पुनियाजी के बेटे मैदान में हैं, तो...
छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन के प्रभारी पीएल पुनिया के बेटे तनुज एक बार फिर यूपी के जैदपुर विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं। तनुज के नाम की घोषणा से यहां के धन्ना सेठ कांग्रेस के नेता थोड़े चिंतित हैं। तनुज पहले भी तीन चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन तीनों बार मुख्य मुकाबले में नहीं आ पाए। ऐसी स्थिति तब बनी जब छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता न सिर्फ वहां प्रचार के लिए गए थे, बल्कि काफी साधन-संसाधन झोंका था।
वैसे तो यूपी में तो कांग्रेस संगठन बुरी स्थिति में है। तनुज चुनाव लड़ रहे थे तब यह कहा गया कि अभी संगठन को मजबूत बनाने, और मतदाताओं तक पहुंच बनाने के लिए लड़ रहे हैं ताकि आम चुनाव में जीत सुनिश्चित हो सके। अब जब विधानसभा के आम चुनाव में तनुज मैदान में हैं, तो यहां उनकी जीत-हार को लेकर अभी से चर्चा शुरू हो गई है। पुनिया के करीबी लोग इस बार तनुज को लेकर उम्मीद से हैं, लेकिन कई ऐसे भी हैं जिन्हें ज्यादा कुछ संभावना दिखती नहीं है। फिर भी पुनियाजी के बेटे मैदान में हैं, तो उनके लिए साधन-संसाधन का जुगाड़ तो करना ही पड़ेगा।
फिर नंबर नहीं लगा शैलेष पांडेय का...
स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस पर जिलों के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण और परेड की सलामी का मौका मिलने से मंत्रियों, विधायकों का सम्मान बढ़ता है। ऐसा माना जाता है। पर, बिलासपुर से भाजपा को अरसे बाद परास्त करने वाले विधायक शैलेष पांडेय पर कृपा बरस ही नहीं रही है। पहली बार गणतंत्र दिवस पर शहर के विधायक होने के नाते शैलेष पांडे स्वाभाविक दावेदार थे लेकिन जिले की ही कांग्रेस विधायक रश्मि सिंह ठाकुर को झंडा फहराने का मौका मिला है। इस बारे में बाद में मीडिया के सवालों पर सीएम ने कहा कि अगली बार शैलेष भी फहरा लेंगे, इसमें बड़ी बात क्या है? पर बात आई गई हो गई। फिर तो रश्मि सिंह को भी दुबारा मौका नहीं मिला। इस बीच रवींद्र चौबे, ताम्रध्वज साहू, उमेश पटेल और जयसिंह अग्रवाल ने इन दोनों खास मौकों पर ध्वज फहराया। अब, इस बार भी शैलेष पांडेय का नंबर नहीं लगा। आगामी 26 जनवरी को संसदीय सचिव विकास उपाध्याय रायपुर से ध्वज फहराने के लिये पहुंचेंगे। जयसिंह अग्रवाल बिलासपुर के भी प्रभारी मंत्री हैं, पर उन्हें बिलासपुर से छोटे जीपीएम जिले में ध्वजारोहण करने कहा गया है।
ऑनलाइन पढ़ाई के दिन न लौटे
15 से 18 साल तक के किशोर-किशोरियों में कोविड टीकाकरण को लेकर उम्मीद से ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है। छत्तीसगढ़ में इस उम्र के लिये रखे गये टारगेट का 50 प्रतिशत पूरा हो चुका है। यह केरल से भी अधिक है, जहां यह प्रतिशत 39 है। छत्तीसगढ़ में 16 लाख 39 हजार किशोरों को टीका लगना है, जिनमें से 8 लाख 14 हजार को लग चुके। 74 प्रतिशत के साथ इस उम्र के टीकाकरण में मुंगेली जिला सबसे आगे है। संख्या के हिसाब से रायपुर पहले नंबर पर है जहां 70 हजार से अधिक किशोरों को वैक्सीन लग चुकी।
वैक्सीनेशन की यह रफ्तार शायद इसलिये भी हो क्योंकि इनमें से ज्यादातर लोग स्कूली छात्र-छात्रायें हैं और शिक्षक-शिक्षिकाओं की आज्ञा का पालन कर रहे हों। पर लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई से जो मनहूसियत पैदा हुई, दोस्तों और क्लास रूम से दूर रहना पड़ा उसका भी उऩ पर असर होगा।
अफवाहों के बीच जमाखोरी?
छत्तीसगढ़ सरकार ने कई बार स्पष्ट किया है कि कोविड संक्रमित लोगों के ज्यादा मिलने पर उस इलाके को कंटेनमेंट जोन बनाया जायेगा और ऐसा किया भी जा रहा है। साथ ही कहा है कि फिलहाल, लॉकडाउन नहीं लगेगा। इसके बावजूद बाजार में इसकी आशंका और अफवाह दिखाई दे रही है। पिछले लॉकडाउन के वक्त जो सोयाबीन तेल 2100 रुपये में मिल रहा था, इस समय वह रायपुर जैसे कई शहरों में 2250 तक जा चुका है। राइस ब्रान तेल का भी दाम 150 से 200 रुपये तक बढ़ा है। बाकी चीजों का भी यही हाल है। शायद, प्रशासन यह मानकर चल रहा है कि जब लॉकडाउन लगेगा, तभी उन्हें मुनाफाखोरी पर रोक लगानी है, उसके पहले नहीं।