राजपथ - जनपथ
फ्लाइंग ऑफिसर की सीढ़ी तक पहुंचना...
ऐसा फील्ड जिसमें लडक़ों का बोलबाला हो, वहां भी हजारों में गिनती के लोगों का मौका मिलता हो, दुर्ग की निवेदिता शर्मा का एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बनना मायने रखता है। दुर्ग में एयरविंग की बटालियन नहीं होने के कारण वे सुबह 4.30 की लोकल ट्रेन से हर रोज रायपुर के लिये निकलकर एयर एनसीसी की क्लास अटैंड करती थीं। 15 जनवरी को वे हैदराबाद के एयरफोर्स अकेडमी में ज्वाइनिंग दे रही हैं। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश से उनका अकेले ही चयन हुआ है। खास यह भी है कि निवेदिता की एक और बहन हैं। पिता अशोक शर्मा के मुताबिक छोटी बेटी भी राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में जाने की तैयारी कर रही हैं। छत्तीसगढ़ के युवाओं में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा के मुकाबले फोर्स में जाने का जुनून कुछ कम है। एयरफोर्स में और भी कम। ऐसे में निवेदता की कामयाबी युवाओं, खासकर लड़कियों में नया जोश भर सकती है।
जेलों में भीड़ और कोविड
कोविड संक्रमित मामले छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। 8-9 महीने दूसरी लहर के दौरान पहले एक-एक हफ्ते में मौतें हजार पार कर रही थीं। इस बार ऑक्सीजन की कमी, फेफड़ों के काम नहीं करने की शिकायत कम है। अभी लोग अस्पतालों का रुख कम कर रहे हैं। इसलिये पिछली बार की तरह हाहाकार नहीं मचा है। इसे तीसरी लहर का नाम दे या न दें लेकिन स्कूल, कॉलेज, जिम, स्वीमिंग पुल, सरकारी, निजी दफ्तरों में लगी पाबंदियां बता रही हैं कि आने वाले दिनों में खतरा हो सकता है। ऐसे में जेलों को लेकर सिर्फ एक दिशा-निर्देश है कि मुलाकातियों पर प्रतिबंध लगा दें। दूसरी लहर के दौरान सात साल से कम सजा वाले मामलों में बंदियों को जमानत या पैरोल पर छोड़े जाने का आदेश दिया गया था, ताकि अधिक संख्या में लोग एक जगह पर रहकर कोरोना न फैलायें। इस बार अभी तक कोई आदेश नहीं आया है। बंदियों का एक तबका जरूर मना रहा हो कि महामारी के बहाने उन्हें कुछ दिन के लिये फिर बाहर निकलने का मौका मिले।
फिर बदली और बारिश
एक दो दिन की धूप के बाद छत्तीसगढ़ के ज्यादातर हिस्सों में बारिश होने लगी है। ज्यादातर जिलों में इसका रकबा इस बार बढ़ा। इसके लिये कृषि अधिकारियों पर शासन का दबाव था तो किसानों को प्रोत्साहन भी। रबी में धान बोने पर पानी नहीं देने की चेतावनी भी। लेकिन दो दिन से जो मौसम में फिर बदलाव हुआ है उससे बहुतों की फसलें खराब हो गईं। इनमें तिल, सरसों, सूरजमुखी, अरंडी आदि हैं जो ओले गिरने के कारण लगभग बर्बाद हो चुके हैं। राजस्व विभाग की एक किताब है आरबी 6-4, जिसके तहत ऐसी बर्बाद हुई फसलों के लिये मुआवजा देने का प्रावधान है, पर यह फसल पर किये खर्च और उपज से होने वाली अनुमानित आमदनी का थोड़ा सा हिस्सा ही होता है। इसके लिये भी उनको महीनों भटकना पड़ता है। इधर दिसंबर माह में हुई बारिश से धान की मंडियों में ले जाने के लिये तैयार रखी गई फसल काफी बर्बाद हुई। समितियों में खरीदे गये धान की बर्बादी तो करोड़ों में है, जिसके लिये कलेक्टरों को नोटिस देने की बात भी खाद्य मंत्री ने कही है। इधर, किसान हफ्ते-दस का इंतजार करने के बाद भी धान बेच नहीं पा रहे हैं। अब सिर्फ 15 दिन बचे हैं। जैसा आंकड़ा है, अभी भी सात लाख किसान धान बेचने के लिये कतार में हैं। वे मुश्किल में हैं। कुल मिलाकर इस बार जाड़े की बारिश लंबी खिंची है और सरकार के साथ किसानों को भी भारी नुकसान दे गया।
चूक के कारण घिरे
छत्तीसगढ़ में रोजगार के आंकड़ों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी की तरफ से जमकर सियासत हो रही है। सरकार का दावा है कि तीन साल में करीब 5 लाख लोगों को रोजगार मिला है, जबकि बीजेपी सरकार पर झूठे आंकड़े पेश करने का आरोप लगा रही है। दोनों के अपने-अपने दावे चल रहे हैं। दो-तीन दिन से दोनों तरफ प्रेस नोट और प्रेस कांफ्रेंस का दौर चल रहा है, लेकिन असल मुद्दा रमन सिंह की एक चूक के कारण गायब हो गया। सरकार के दावे पर कांग्रेस संगठन की ओर से एक ग्राफिक्स जारी किया गया, जिसमें सीएमआईई द्वारा जारी किए बेरोजगारी दर के आंकड़े और नौकरियां की जानकारी थी। यह बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस संगठन की तरफ से जवाब था। कांग्रेस के नेताओं ने इसे ट्वीटर और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी शेयर किया। गलती से कांग्रेस का ग्राफिक्स रमन सिंह के ट्वीटर हैंडल से शेयर हो गया। संभव है कि कांग्रेस के इस ग्राफिक्स में किए गए दावों पर टिप्पणी के साथ रमन सिंह इसे शेयर करना चाह रहे होंगे, लेकिन यह बिना टिप्पणी के शेयर हो गई। रमन सिंह या उनका ट्वीटर हैंडल करने वाले देख पाते, इससे पहले ही कांग्रेसियों ने उसका स्क्रीन शॉट लेकर वायरल कर दिया और जवाबी हमला भी। इस चूक के कारण कांग्रेसियों को मुद्दा मिल गया और सरकार को घेरने की कोशिश कर रही बीजेपी बचाव की मुद्रा में आ गई। इस चूक के बाद रमन सिंह दूसरे दिन सीएमआईई के आंकड़ों के साथ ट्वीटर पर सामने आए। उसमें भी कांग्रेसियों ने गलती पकड़ ली और रमन सिंह पर टूट पड़े। कुल मिलाकर अचूक निशाने के चक्कर में ऐसे फंसे कि खुद ही चूक गए।
विकास को मंत्री बनने की शुभकामना
रायपुर पश्चिम के विधायक विकास उपाध्याय तेजी से सियासत के शिखर पर पहुंच रहे हैं। एनएसयूआई, युवा कांग्रेस और कांग्रेस संगठन के अलग-अलग पदों से होते हुए सरकार में संसदीय सचिव हैं। स्वाभाविक है कि उनकी कोशिश मंत्री बनने की भी होगी। उनकी इस कोशिश कब फलीभूत होगी, यह तो नहीं पता, लेकिन सरकार के वरिष्ठ मंत्री रविन्द्र चौबे ने तो उन्हें मंत्री बनने की अग्रिम शुभकामना दे दी है और उन्होंने यह बात सार्वजनिक रूप से एक प्रेस कांफ्रेंस में कही। हुआ यूं कि प्रेस कांफ्रेंस की शुरूआत में संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद स्वागत कर रहे थे। उन्होंने मंत्री रविन्द्र चौबे और शिव डहरिया के साथ विकास उपाध्याय का संसदीय मंत्री कहकर स्वागत किया हालांकि तुरंत उन्होंने इसे सुधार लिया, लेकिन चौबे ने बीच में टोकते हुए कहा कि मंत्री कहकर रहे हैं, तो कोई गलत नहीं है, विकास देर सबेर मंत्री जरूर बनेंगे। चौबे जी सरकार में वरिष्ठ मंत्री हैं और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की गुड बुक में है। ऐसे में उन्होंने यह बात मजाक में कही, या इसमें कोई गंभीरता है, इसको लेकर भी कांग्रेसियों के बीच तरह-तरह की चर्चा है। पिछले दिनों जब मंत्रिमंडल में फेरबदल के कयास लग रहे थे, तब भी विकास को मंत्री बनाए जाने की चर्चा थी।