राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : बढ़ेगी पूछपरख
01-Mar-2022 5:54 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : बढ़ेगी पूछपरख

बढ़ेगी पूछपरख

पड़ोसी राज्य झारखंड के 84 बैच के आईएएस राजीव कुमार अगले मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे। वर्तमान में वो चुनाव आयुक्त का दायित्व संभाल रहे हैं। यह भी तय है कि अगला लोकसभा चुनाव राजीव कुमार ही कराएंगे। आप सोच रहे होंगे कि राजीव कुमार का जिक्र यहां क्यों किया जा रहा है। दरअसल, राजीव कुमार का छत्तीसगढ़ से भी कनेक्शन हैं। उनके दामाद यहां एक जिले के कलेक्टर हैं। अब राजीव कुमार चुनाव कराएंगे, तो दामाद बाबू की पूछपरख तो बढ़ेगी ही।

सरकार को ही सामने आना होगा

रायगढ़ में राजस्व कर्मियों की रिपोर्ट पर चार वकीलों के खिलाफ अपराध दर्ज करने, और गिरफ्तारी के बाद से विवाद लगातार बढ़ रहा है। पहले राजस्व कर्मियों ने काम बंद कर दिया था, और अब वकीलों ने मोर्चा खोल दिया है। पूरे प्रदेशभर में वकील, राजस्व अमले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

कई लोग तो रायगढ़ विवाद के लिए जिला प्रशासन के शीर्ष अफसर को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। सुनते हैं कि तहसीलदार, और वकीलों के बीच मारपीट की घटना को पहले हल्के में लिया गया। शीर्ष अफसर जिले में ही नहीं थे। बाद में राजस्व कर्मी हड़ताल पर चले गए, तो उन्हें शांत करने वकीलों को गिरफ्तार कर लिया गया। कुल मिलाकर दोनों के बीच सुलह के लिए कोई ठोस पहल नहीं हुई। इसके बाद विवाद बढ़ गया।

यह बात किसी से छिपी नहीं है कि राजस्व विभाग में रिश्वतखोरी आम है। रायगढ़ जिला तो इसके लिए कुख्यात है। ऐसे में तो एक न एक दिन लड़ाई सड़क़ पर आनी ही थी। देखना है कि सरकार वकीलों को शांत करने के लिए क्या कुछ करती है।

हीरासिंह की प्रतिमा से सलूक..

कोरबा, तानाखार, बांगो इलाके में स्व. हीरासिंह मरकाम की अलग प्रतिष्ठा है। कभी वे चुनाव हारे, कभी जीते, पर आदिवासी समुदाय उन्हें अपना पथ-प्रदर्शक मानता है। बांगो इलाके के उनके प्रशंसकों ने गुरसिया बाजार में उनकी एक प्रतिमा लगाई, इसी महीने। यह बाजार भी स्व. हीरासिंह ने शुरू कराया था, ताकि उनके भाई-बंधु अपनी उपज लाकर यहां बेच लें। प्रतिमा लगाने के एक ही सप्ताह बाद किसी ने उसे खंडित कर दिया। लोग उद्वेलित हो गये। बाजार बंद करा दिया। पुलिस का दावा है कि यह जिनकी हरकत है, उनको गिरफ्तार किया जा चुका है। मरकाम के अनुयायियों का कहना है कि ऐसा नहीं है। जिस दुकानदार ने उकसाया उसे बचाया जा रहा है। भडक़े आदिवासियों ने कुछ दुकानों में तोडफ़ोड़ की है, वाहनों में आग लगाई है। समर्थकों ने 48 घंटे का वक्त पुलिस और प्रशासन को दिया है, निष्पक्ष कार्रवाई के लिये। बेहतर हो कि इस संवेदनशील मामले को केवल पुलिस और प्रशासन के भरोसे न छोड़ा जाये बल्कि जन-प्रतिनिधि भी अपनी भूमिका का निर्वाह करें।

महुये की महंगी कुकीज..

आम धारणा यही है कि महुये से शराब बनती है। इसके अलावा किसी काम का नहीं। पर सरगुजा में एक नया प्रयोग हो रहा है। सरगुजा जिले में नेशनल लाइवलीहुड मिशन के तहत महुये की कुकीज़ बनाने का काम शुरू किया है। अभी यह बेकरी की एक फैक्ट्री में बनाई जा रही है, बाद में गौठानों में इसका सेटअप तैयार करने की योजना है। थोड़ा सा मैदा, थोड़ा महुआ, कुल मिलाकर जो खर्च कुकीज़ बनाने में आता है वह 100 रुपये से भी कम है, पर यह 400 रुपये किलो में बिक रहा है। बस्तर में भी कुछ प्रयोग हुए हैं। महुआ से यहां मसाला गुड़, काजू मसाला, काढ़ा और इमली मिलाकर सॉस भी बनाने का काम हो रहा है। जिन्हें महुआ पसंद है वे इस फार्मेट में भी खा-पी सकते हैं। किसी को ऐतराज नहीं होगा।    

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