राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : अब अपने गृहप्रदेश से क्या...
29-Apr-2022 5:58 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : अब अपने गृहप्रदेश से क्या...

अब अपने गृहप्रदेश से क्या...

आईपीएस के वर्ष-2013 बैच के अफसर जितेंद्र शुक्ला को अपने गृह राज्य उत्तरप्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए राज्य सरकार ने सहमति दे दी है। केंद्र की  अनुमति के बाद जितेंद्र शुक्ला को रिलीव किया जा सकता है। शुक्ला वर्तमान में नारायणपुर बटालियन में पदस्थ हैं।

जितेंद्र शुक्ला सुकमा, महासमुंद, और नारायणपुर एसपी रहे हैं। जितेंद्र ने थोड़े समय में ही इन जिलों में अपनी विशिष्ट कार्यशैली से अलग पहचान बनाई। सुकमा में तो एसपी रहते जितेंद्र शुक्ला की मंत्री कवासी लखमा से एक टीआई की पोस्टिंग को लेकर कहा सुनी हो गई थी। इसके बाद उन्हें हटाकर पीएचक्यू पदस्थ किया गया।

हालांकि कुछ समय बाद महासमुंद, और फिर राजनांदगांव में पोस्टिंग मिली, लेकिन वो सरकार के रणनीतिकारों का भरोसा हासिल करने में कामयाब नहीं रहे। इसके बाद से उन्हें एक तरह से लूप लाइन में भेज दिया गया। अब अपने गृह प्रदेश से क्या कुछ कर दिखाते हैं, यह देखने वाली बात होगी।

पीए की उम्मीदवारी

खबर है कि केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह से अंबिकापुर के भाजपा के बड़े नेता खफा हैं। कहा जा रहा है कि रेणुका सिंह, अपने पीए गोपाल सिन्हा को अंबिकापुर विधानसभा  सीट के लिए प्रमोट कर रही हैं। वो गोपाल सिन्हा को प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी से भी मिला चुकी हैं। और तो और गोपाल को सह प्रभारी नितिन नबीन से मिलाने पटना भी गई थी। गोपाल पेशे से ठेकेदार हैं, और वो रेणुका सिंह से जुड़े रहे। इसके बाद रेणुका सिंह ने मंत्री बनने के बाद उन्हें अपना पीए बना लिया। गोपाल पार्टी कार्यक्रमों में जाते हैं, तो टिकट के बाकी दावेदारों की भौहें टेढ़ी हो जाती है।

इस गाड़ी की भी नम्बर प्लेट !!

हरियाणा-पंजाब तरफ लोग तरह-तरह के इंजन लगाकर गाडिय़ां बना लेते हैं और उस पर सवारियां ढोने का काम भी करते हैं। क्योंकि ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ जैसे महकमे इसके लिए जिम्मेदार हैं, तो वे कभी-कभी कमाई न होने पर इनका चालान भी कर देते हैं। छत्तीसगढ़ में अभी लगातार एक नए तरह की गाडिय़ां दिख रही है जिनमें किसी मोटरसाइकिल के सामने के हिस्से और इंजन के पीछे एक ठेला जोडक़र उसे सामान ढोने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, और लोहे के बड़े बड़े पाइप, बड़े लंबे सामान इन पर लादकर बड़ी रफ्तार से इन्हें सडक़ों पर दौड़ाया जाता है। अब दिलचस्प बात यह है कि ऐसी गाड़ी पर रजिस्ट्रेशन प्लेट भी लगी दिख रही है जबकि ऐसी किसी गाड़ी का कोई रजिस्ट्रेशन हो नहीं सकता। लगता है कि जिस मोटरसाइकिल का इंजन इस्तेमाल करके यह गाड़ी दौड़ाई जा रही है उसी मोटरसाइकिल की रजिस्ट्रेशन प्लेट को ऐसे टांग दिया गया है। शहर के बीच, राजधानी रायपुर में ऐसी गाडिय़ां सैकड़ों घूम रही हैं, लेकिन पुलिस को नहीं दिख रहीं। किसी दिन इनसे बड़ा हादसा होगा तो उस दिन आनन-फानन पुलिस ऐसी तमाम गाडिय़ों पर कार्रवाई करेगी।

संदीप को आइफा अवार्ड मिलना

वैसे छत्तीसगढ़ की अनेक प्रतिभाएं रंगमंच और फिल्मों की दुनिया में अपनी उपलब्धियों से प्रदेश का नाम रोशन करते रहे हैं, पर जब प्रतिष्ठित संस्थान उसे मान्यता दे तो बात दूसरी हो जाती है। छत्तीसगढ़ के संदीप श्रीवास्तव को आइफा अवार्ड मिलना इसी का एक उदाहरण है। ओटीटी पर बेहद हिट रही फिल्म शेरशाह की स्क्रिप्ट राइटिंग के लिए उन्हें आइफा अवार्ड दिया गया है। इसके पहले उनको काबुल एक्सप्रैस में संवाद और गीतों के लिए भी वी शांताराम अवार्ड मिल चुका है। अजीब बात यह है कि जिन लोगों ने बॉलीवुड और प्रदेश के बाहर जाकर अपनी महारत का सबूत दिया है, छत्तीसगढ़ी फिल्मों में उनको कोई निर्माता लेने के बारे में नहीं सोचता, जबकि ऐसा करने से छत्तीसगढ़ी फिल्मों का दर्जा और ऊपर उठ सकता है।

बटकी में रखे बासी के फायदे..

इंग्लैंड के बेलफास्ट स्थित क्वींस यूनिवर्सिटी का एक शोध बीते दिनों छपा था कि चावल को रात भर भिगो देने के बाद खाने से कौन से फायदे हैं। इसमें निष्कर्ष निकला कि इसे खाने से   हृदयरोग, मधुमेह और कैंसर से लडऩे के लिए शरीर में प्रतिरोधक क्षमता 80 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। यही नहीं चावल को पकाने से पहले भी रात भर भिगोकर रख देना चाहिए। इससे उसमें मौजूद आर्सेनिक का स्तर काफी कम हो जाता है, यानी विषाक्तता घट जाती है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने भी इसके फायदे पर शोध किए हैं। उन्होंने तो इसका वैज्ञानिक नाम भी रखा- व्होल नाइट वाटर सोकिंग राइस। इनके शोध में पाया गया कि यह हाईपर टेंशन से बचाता है, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है।

छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहा जाता है। यहां पीढिय़ों से बोरे और बासी खाया जाता है। इसे लेने के बाद घंटों शरीर के भीतर ठंडक बनी रहती है, काम पर निकलने वालों को लू से बचाता है और भूख भी नहीं सताती। गर्मी के दिनों में तो मठा या अचार के साथ इसे घर घर में लेने का चलन रहा है। नमक मिलाना तो जरूरी है ही। यह अलग बात है कि नई पीढ़ी इसके नाम से नाक भौं सिकोड़ती है।

इन मुद्दे पर जिक्र इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कल लोगों से अपील की, कि मजदूर दिवस के दिन बोरे बासी खाकर अपनी मिट्टी के खान पान की खूबियों का एहसास करें। वैसे इसे किसी एक दिन नहीं बल्कि रोज खाया जा सकता है। गर्मियों के लिए यह अद्भुत आहार है। इसे दुबारा चलन में लाने के लिए छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के स्टाल में रखा भी जाना चाहिए।

 

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