राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : बोरे-बासी फेस्टिवल...
03-May-2022 5:32 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : बोरे-बासी फेस्टिवल...

बोरे-बासी फेस्टिवल...

छत्तीसगढ़ में तमाम तरह के व्यंजन हैं, जिन्हें तलना, भूनना और छौंक लगाना पड़ता है। पर बोरे-बासी में ऐसा कुछ नहीं है। शाम का बचा चावल पानी में भिगो दें और सुबह उसका पानी निकालकर नए पानी में चुटकी भर नमक डालकर खा लें। कुछ ज्यादा रसीला बनाना है तो प्याज और अचार के टुकड़े भी डाल सकते हैं। यह पीढिय़ों से हर छत्तीगढिय़ा के घर में होता आया है पर सीएम ने मजदूर दिवस पर आह्वान कर इसे फेस्टिवल बना दिया। क्या कलेक्टर, क्या एसपी- सब के सब बोरे-बासी के साथ फोटू खैंच कर सोशल मीडिया पर डाल रहे थे। मलाई खाने वालों ने भी कम से कम इस एक दिन तो बासी खाया।

आलोचक चाहे जो कहें किंतु सीएम भूपेश बघेल ने जिस तरह से छत्तीसगढ़ के आम-आदमी, खासकर मैदानी इलाकों की जरूरतों पर खुद को फोकस किया है, उसका हाल-फिलहाल भाजपा के पास जवाब नहीं है। सीएम ने लगभग उन सभी उत्पादों को समर्थन मूल्य के दायरे में ला दिया है जिन्हें आदिवासी, दूसरे किसान उगाते या इक_ा करते हैं। धान की खरीदी पर उनका वादा कायम है। राम वन-गमन पथ को संवारने का उनका काम ऐसा है जिसे 15 साल की सरकार में भाजपा भी कर सकती थी क्योंकि राम उनकी राजनीति में शामिल है। 

अब यूपी में गोबर खरीदी...

गोबर खरीदने की छत्तीसगढ़ सरकार की योजना का पहले बड़ा मजाक बना था। भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया थी कि पढ़े-लिखे नौजवानों को गोबर बीनने के काम में लगा दिया गया है। पर गोबर का उत्सर्जन फालतू नहीं है। इसे ईंधन के तौर पर बरसों-बरस से गांवों में लोग इस्तेमाल करते आ रहे थे। जब से इसे खऱीदने की योजना लाई गई लोगों ने इसे अच्छी तरह सहेजना शुरू कर दिया। दूसरे राज्यों की बात करें तो भाजपा शासित मध्यप्रदेश में गोबर खरीदने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल से पास हो चुका है। अब यूपी में इस बारे में फैसला लिया गया है। वहां के पशुधन मंत्री ने घोषणा की है कि गोबर खरीदी की जाएगी। यूपी के लिए यह छत्तीसगढ़ से ज्यादा जरूरी था। गोबर के लिए अब आवारा घूमते पशुओं को बांधकर रखा जाएगा। आवारा पशुओं का विचरण वहां इतनी बड़ी समस्या रही है कि चुनाव के नतीजों पर भी असर पडऩे का अंदेशा था। पीएम नरेंद्र मोदी को भी इस बारे में अपनी चुनावी सभाओं में आश्वासन देना पड़ा था। यूपी मं डेढ़ रूपये किलो दर तय किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार को देखना होगा कि कहीं गोबर की तस्करी न हो, क्योंकि यहां 50 पैसे ज्यादा यानि 2 रुपये किलो दाम तय किया गया है।

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