राजपथ - जनपथ
सिंहदेव के अलग दौरे का संदेश
सीएम भूपेश बघेल के साथ ही स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी जिलों का दौरा शुरू किया है। वैसे आज से चार मंत्री निकले हैं। स्वास्थ्य संभवत: शिक्षा विभाग के बाद सबसे बड़ा महकमा है। खासकर बस्तर जैसे जिलों में तो सुलभ स्वास्थ्य सेवा पहुंचाना चुनौती है, जहां नक्सल समस्या भी है। यूपीए सरकार ने एक नीति बनाई थी कि सभी जिला मुख्यालयों में एक मेडिकल कॉलेज होना चाहिए। एनडीए सरकार ने भी इसको आगे बढ़ाया। पर बस्तर में स्थिति बेहतर नहीं है। दंतेवाड़ा में मेडिकल कॉलेज खोलने की जरूरत है, पर अब तक उस पर काम आगे बढ़ नहीं पाया है। सबसे बड़ी दिक्कत बस्तर जैसी जगह पर काम करने के लिए डॉक्टरों को तैयार करना है। किरंदुल, भोपालपत्तनम, बीजापुर जैसी जगहों पर कई डॉक्टरों ने जगदलपुर, रायपुर में अटैचमेंट करा रखा है। डॉक्टरों की संख्या कम होने के कारण उन पर ज्यादा सख्ती बरती भी नहीं जाती।
ये तो हुई स्वास्थ्य समस्या की बात, पर सिंहदेव का अलग दौरा करने के कुछ राजनीतिक मायने हैं। जिनमे एक है अपने समर्थकों को जोड़े रखना। यह अलग बात है कि नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा अब थम चुकी है पर बकौल सिंहदेव ही कहें तो संभावनाएं कभी खत्म नहीं होती, परिवर्तन संसार का नियम है।
एक और टास्क दिया सीएम ने
एक मई को बोरे बासी खाने आह्वान सबने इतना पसंद किया कि सोशल मीडिया पर अधिकारियों नेताओं में इसे खाते हुए फोटो डालने की होड़ मच गई। यकीनन उनमें से कुछ लोगों का मन इसे दैनिक आहार में शामिल करने का होगा। इधर कुसमी प्रवास के दौरान सीएम से स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल की एक छात्रा ने उनकी फिटनेस का राज पूछ लिया। सीएम ने बताया किसानी, तैराकी और योग।
अफसर जो बासी बोरे खाते दिखे वे योगा करते तो दिख जायेंगे, मान लिया स्विमिंग भी करते दिख जायेंगे पर किसानी करते कैसे शो कर पाएंगे।
आखेट पर निकला मछुआरा, चार बांस की लकडिय़ों को ट्यूब पर रखकर बैठेगा, और फिर मछलियों का करेगा शिकार। बैकुंठपुर कोरिया जिले की एक तस्वीर।