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एक तरफ हिंदुस्तान में अलग-अलग कई प्रदेशों में लगातार हाथी मरते चले जा रहे हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है। अभी-अभी बिजली के झूलते हुए तारों से एक और हाथी की मौत छत्तीसगढ़ में हुई है।
देश का एक हाईकोर्ट यह फिक्र जाहिर कर रहा है कि एक तरफ जंगली जानवर घटते चले जा रहे हैं, और जंगल विभाग के अफसर बढ़ते चले जा रहे हैं। ऐसे में अफ्रीका के केन्या से एक अच्छी खबर आई है कि वहां पर एक हथिनी ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है, जो कि एक दुर्लभ घटना मानी जाती है।
सौ में से एक ही ऐसे मामले होते हैं जिनमें हथिनी के बच्चे जुड़वां होते हैं। इसमें भी दिक्कत यह रहती है कि इन बच्चों को दूध कम पड़ता है और कभी-कभी दोनों ही बच्चों की मौत भूख से हो जाती है। ऐसे में हाथियों की देखरेख करने वाले लोग अगर आसपास हों तो वे उन बच्चों को बचाने की बड़ी मेहनत करते हैं। उनका कहना है कि जन्म के कुछ दिन बाद तक का वक्त बड़ा नाजुक होता है। एक तो हथिनी स्तनपाई जानवरों में सबसे लंबे गर्भाधान वाली होती है और वह 22 महीनों के बाद जन्म देती है। यह गर्भाधान भी औसतन 4 वर्षों के बाद होता है। ऐसे में बच्चों को खतरा चाहे दलदल में फंसकर मरने का हो, चाहे दूध की कमी से हो, वह बहुत तकलीफ की बात रहती है।