सामान्य ज्ञान

हिन्दू ग्रंथों में आम
11-May-2021 11:49 AM
हिन्दू ग्रंथों में आम

आम भारत का राष्ट्रीय फल है। इसका जिक्र सदियों से इतिहास और हिन्दू ग्रंथों में होता आया है। भारतीय प्रायद्वीप में आम की कृषि हजारों वर्षों से हो रही है। आम फलों का राजा है पर इसे राजा की पदवी यों ही नहीं मिली है। खाने में तो यह लाजवाब है ही गुणों में भी बेमिसाल है। कालिदास ने इसका गुणगान किया है और शतपथ ब्राह्मण में इसका उल्लेख मिलता है। वेदों में इसका नाम लिया गया है तथा अमरकोश में इसकी प्रशंसा इसकी बुद्धकालीन लोकप्रियता के प्रमाण हैं। वेदों में आम को विलास का प्रतीक कहा गया है। कविताओं में इसका उल्लेख हुआ और कलाकारों ने इसे अपने कैनवास पर उतारा।     पुर्तग़ाली व्यापारी भारत में आम लेकर आए थे। इसके बीजों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कठिनाई[2] के कारण संभवत: 1700 ई. में ब्राज़ील में इसे लगाए जाने से पहले पश्चिमी गोलार्द्ध इससे लगभग अपरिचित ही था, 1740 में यह वेस्ट इंडीज़ पहुंचा। कई नवाबों और राजाओं के नामों पर भी इसका नामकरण हुआ।

    आम का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। डी कैडल (सन 1844) के अनुसार  आम्र प्रजाति (मैंजीफ़ेरा जीनस) संभवत: बर्मा, स्याम तथा मलाया में उत्पन्न हुई, परंतु भारत का आम, मैंजीफ़ेरा इंडिका, जो यहां बर्मा और पाकिस्तान में जगह जगह स्वयं (जंगली अवस्था में) होता है, बर्मा-असम अथवा असम में ही पहले पहल उत्पन्न हुआ होगा। भारत के बाहर लोगों का ध्यान आम की ओर सर्वप्रथम संभवत:  बुद्धकालीन प्रसिद्ध यात्री, ह्वेन त्सांग (632-45) ने आकर्षित किया।  मुग़ल बादशाह अकबर ने बिहार के दरभंगा में 1 लाख  से अधिक आम के पौधे रोपे थे, जिसे अब लाखी बाग़  के नाम से जाना जाता है। स्वयं बुद्ध को एक आम्रकुंज भेंट किया गया था, ताकि वह उसकी छांव में विश्राम कर सकें।

 भारतवर्ष में आम से संबंधित अनेक लोकगीत, आख्यायिकाएं आदि प्रचलित हैं और हमारी रीति, व्यवहार, हवन, यज्ञ, पूजा, कथा, त्योहार तथा सभी मंगलकार्यों में आम की लकड़ी, पत्ती, फूल अथवा एक न एक भाग प्राय: काम आता है।   इस समय भारत में प्रतिवर्ष एक करोड़ टन आम पैदा होता है जो दुनिया के कुल उत्पादन का 52 प्रतिशत है। अनुकूल जलवायु मिलने पर आम का वृक्ष पचास-साठ फुट की ऊंचाई तक पहुंच जाता है। आम की लकड़ी गृहनिर्माण तथा घरेलू सामग्री बनाने के काम आती है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news