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माफी मांग कर भी नहीं बच पाये सूरजपुर कलेक्टर, तत्काल प्रभाव से हटाये गये
23-May-2021 12:03 PM
माफी मांग कर भी नहीं बच पाये सूरजपुर कलेक्टर, तत्काल प्रभाव से हटाये गये

   रायपुर जिला पंचायत सीईओ गौरव आज संभालेंगे कार्यभार  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर/सूरजपुर, 23 मई।
रिश्वत लेने, भालू को गोलियां मारने का आदेश देने की वजह से पहले ही विवादित रहे आईएएस रणबीर शर्मा अपनी पहली कलेक्टरी ही नहीं संभाल पाये। लॉकडाउन के दौरान सड़क पर निकले युवक का मोबाइल फोन तोड़ने, थप्पड़ मारने व लाठियां चलवाने के मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए उन्हें हटाकर नया कलेक्टर बिठा दिया गया है। कार्रवाई के पहले उनकी सोशल मीडिया पर भर्त्सना का सिलसिला चल पड़ा था, लेकिन अब भी सस्पेंड करने की मांग उठ रही है। कलेक्टर के अलावा एसडीएम पर भी कार्रवाई की मांग उठ रही है। उन्होंने भी कई राहगीरों पर हाथ चलाया था।

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सूरजपुर में कोविड महामारी के चलते इन दिनों लॉकडाउन है। प्रदेश के अन्य जिलों की तरह यहां भी लोगों को अनावश्यक घरों से बाहर निकलने की मनाही है। शनिवार को सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा ने भी पुलिस जवानों के साथ सड़क पर मोर्चा संभाल लिया था। इस दौरान उन्होंने सड़क पर निकले कई लोगों तमाचा जड़ा, उठक बैठक लगवाई और मोटरसाइकिल की चाबी भी छीन ली। इनमें से एक घटना की वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इस वीडियो में दिख रहा है कि कलेक्टर ने एक युवक के हाथ से मोबाइल छीन कर सड़क पर पटक दिया और तमाचे जड़ दिए। अपने गार्ड और पुलिसकर्मियों को बुलाकर लड़के पर डंडे भी बरसाए। वह कहते सुने गए कि मोबाइल पर या कुछ रिकॉर्ड कर रहा था, देखो इसको। पुलिस को कलेक्टर ने एफआईआर दर्ज करने का भी निर्देश दिया। इस मामले में पुलिस ने धारा 279 आईपीसी के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। इस दौरान एसडीएम प्रकाश राजपूत ने भी कुछ लोगों को थप्पड़ जड़े।

जिस युवक को कलेक्टर ने थप्पड़ मारा वह अपनी दादी के लिए दवा देने जा रहा था जो कोविड के इलाज के लिए एक अस्पताल में भर्ती हैं, उसने खाने का टिफिन भी रखा हुआ था। मगर कलेक्टर और वहां मौजूद दूसरे अधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहे थे।

वीडियो वायरल होते ही कलेक्टर के इस बर्ताव की जमकर निंदा होने लगी। सोशल मीडिया पर उन्हें उनकी इस हरकत को गुंडागर्दी करार दिया गया। वन्य प्राणी की हत्या और रिश्वतखोरी के आरोप से घिरा हुआ बताते हुए कलेक्टर पर कठोर कार्रवाई करने की मांग चलने लगी। ट्विटर पर सस्पेंड रणबीर शर्मा हेस्टैक चल रहा था जो अब भी चल रहा है और इसमें देशभर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। पूर्व गृह मंत्री रामसेवक पैकरा के साथ भाजपा के नेताओं ने उन्हें सस्पेंड करने की मांग पर कल प्रदर्शन भी किया। इधर सुबह-सुबह उनकी कलेक्टरी छिन गई। रायपुर जिला पंचायत के सीईओ गौरव कुमार सिंह को वहां का कलेक्टर बनाया गया है और रणबीर शर्मा को मंत्रालय में प्रतीक्षारत संयुक्त सचिव के पद पर भेजा गया है। यानि अभी वे किस विभाग में काम करेंगे यह तय नहीं है।

इस घटना के बाद आईएएस रणवीर शर्मा के पुराने मामलों की कुंडलियां भी लोगों ने निकालनी शुरू कर दी। रोहतक हरिणाया से आने वाले 2012 बैच के आईएएस अफसर रणवीर शर्मा पर अगस्त 2015 में भानुप्रतापपुर एसडीएम रहते हुए पटवारी से रिश्वत लेने का आरोप लगा था, जिसके बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने उन्हें ऑफिस के चपरासी गणेशराम सोरी के साथ हिरासत में लिया था। लेकिन बाद में सिर्फ सोरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। मामला एक पटवारी सुधीर लकड़ा को बर्खास्तगी से बचाने के लिए 40 हजार रुपये रिश्वत की मांग करने का था। पटवारी ने 30 हजार रुपये में सौदा किया। उसने ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ एसीबी से शिकायत की। एसीबी ने चपरासी को 10 हजार रुपये के साथ पकड़ा। यह भी बात सामने आई थी कि पटवारी अफसर को पहले ही फ्रीज माइक्रोवेव ओवन और वाशिंग मशीन रिश्वत के रूप में दे चुका था बार-बार रिश्वत मांगने से परेशान होकर उसने शिकायत दर्ज कराई थी। 

तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एसीबी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा था कि चपरासी ने आईएएस के लिए ही रिश्वत ली थी फिर अफसर को क्यों बख्शा गया है। बहरहाल, मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण में तत्परता से कार्रवाई का निर्देश दिया और शनिवार की शाम सामने आई घटना में अवकाश के दिन रविवार को आदेश जारी हो गया है। भारी आलोचना के बाद आईएएस ने शाम को एक 2 मिनट 40 मिनट का वीडियो जारी कर अपनी हरकत के लिये शर्मिंदगी व्यक्त की और माफी मांगी है लेकिन इससे उनका बचाव नहीं हो सका और कार्रवाई हो गई है। इस वीडियो में उन्होंने वायरल फुटेज को एडिटेड और सिर्फ मारपीट वाला हिस्सा होने की बात कही है। साथ ही यह भी बताया है कि जिस युवक को थप्पड़ पड़ा वह नाबालिग नहीं था। उन्होंने अपनी माता के कोरोना एक्टिव पेशेंन्ट होने और खुद तथा पिता के हाल ही में कोरोना से रिकवर होने की बात कही है।

कलेक्टर रणबीर शर्मा 2014 में भी चर्चा में आये थे जब गौरेला (अब जिला) के एसडीएम रहते हुए मरवाही वन मंडल में एक भालू को एक आदेश देकर गोलियों से भुनवा दिया था। घटना के दौरान कुछ लोगों ने कहा कि पुलिस से रिवाल्वर लेकर खुद ही रणबीर शर्मा ने गोली चलाई थी। बाद में शर्मा ने मीडिया से कहा था कि भालू आदमखोर हो गया था, मुझसे अनुमति मांगी गई तो मैंने आदेश दे दिया। जबकि वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अनुसार किसी भी जानवर को मारने का आदेश देने का अधिकार केवल प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्य प्राणी) ही दे सकते हैं।

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