विचार / लेख

सीधे पुजारी से ही खरीद लेते चंपत जी
16-Jun-2021 8:53 AM
सीधे पुजारी से ही खरीद लेते चंपत जी

-दीपक असीम 

राम मंदिर के लिए जितनी जमीन चाहिए, उतनी तो अदालत के आदेश से मिल गई है। मुफ्त ही मिल गई है। फिर ये आस पास की जमीनों की खरीद क्यों? जो पैसा राम मंदिर निर्माण के नाम पर मिला है, उससे ज़मीन की खरीदी अपने आप में चंदे का दुरुपयोग है। मंदिर निर्माण के लिए मिला पैसा ईंट, सीमेंट, पत्थर, सरिया खरीदने के लिए है। ट्रस्ट का काम मंदिर निर्माण है या फिर ट्रस्ट वहां जमीन का कारोबार कर रहा है। यह जमीन जो अठारह करोड़ में खरीदी गई, उसका क्या उपयोग होने वाला था?

अगर यह जमीन ठीक भाव में खरीदी गई है, तो पुजारी हरीश पाठक और उनकी पत्नी से सीधे ही क्यों नहीं खरीद ली गई? ऐसा क्यों किया गया कि पहले यह ज़मीन रवि मोहन और सुल्तान अंसारी ने दो करोड़ में खरीदी और पांच मिनिट बाद इसे ट्रस्ट ने 18 करोड़ 50 लाख में खरीद लिया? ऐसी क्या मजबूरी थी कि सदियों से इस ज़मीन के मालिक रहे हरीश पाठक और उनकी पत्नी को केवल दो ही करोड़ दिये गए, और पांच मिनट के मालिकों को लगभग दस गुना फायदा देकर साढ़े अठारह करोड़ दे दिये गए। अगर वाकई मंदिर ट्रस्ट ईमानदार था, तो उसने पुजारी हरीश पाठक से सीधे बात क्यों नहीं की?

गाइडलाइन के हिसाब से ज़मीन पांच करोड़ के आस पास की है। कोई भी ट्रस्ट कैसे कोई जमीन गाइडलाइन से महंगे दाम पर खरीद सकता है?उत्तर प्रदेश सरकार को चाहिए कि इस मामले में जांच का आश्वासन दे, मगर उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य कह रहे हैं कि सपा के हाथ खून से रंगे हैं और आम आदमी पार्टी दुर्भावना के चलते आरोप लगा रही है। यह तो भ्रष्टाचार उजागर करने वालों पर ही गुस्सा करना हुआ। साफ है कि इस मामले में भ्रष्टाचार हुआ है। यह पहली बार नहीं है कि जब देश को राम के नाम पर इन फर्जी रामभक्तों ने ठगा है। 1990 से राममंदिर और रामभक्तों के नाम पर तरह तरह के चंदे हो रहे हैं। विहिप पर 1400 करोड़ डकार जाने का आरोप संत समुदाय ही लगाता रहा है। राहत की बात यह है कि 2024 तक राम मंदिर का काम पूरा हो सकता है। मगर चिंता इस बात की है कि इन चंदाखोरों और चंदाचोरों के मुंह में खून लग चुका है। ये लोग अब कोई दूसरा विवाद उठाएंगे ताकि उसके नाम पर चंदा करते रह सकें। इस मुद्दे की सीबीआई जांच गैरज़रूरी है। कोई निष्पक्ष पटवारी और तहसीलदार ही बता सकता है कि क्या झोल-झाल है। मगर भाजपा नहीं मानेगी कि कोई गड़बड़ हुई, क्योंकि अगर मान लिया तो अगले चुनाव में दिक्कत हो जाएगी। 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news