राजनीति

(File Photo: IANS)
संदीप पौराणिक
भोपाल, 5 जुलाई | मध्य प्रदेश के देवास जिले के नेमावर में पिछले दिनों एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के मामले ने सियासत को गर्मा दिया है। इस हत्याकांड को लेकर आदिवासी समाज से लेकर कांग्रेस तक शिवराज सरकार पर हमलावर है, तो वहीं सरकार आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की बात कह रही है।
नेमावर में प्रेम प्रसंग के चलते एक ही परिवार के पांच लोगों की नृषंस हत्या कर शवों को गहरे गड्ढे में दफना दिया गया था। लगभग दो माह बाद राज खुला तब पुलिस शवों को बरामद करने के साथ आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफल हुई। उसके बाद से सामूहिक हत्याकांड को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। अब तो राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि नेमावर तक पहुंचने लगे हैं।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने पहले मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई है, तो वहीं सोमवार को खुद कुछ कांग्रेस के नेताओं के साथ पीड़ित परिवार तक जा पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान करते हुए पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की। साथ ही आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण और पुलिस पर हीला-हवाली का आरोप भी लगाया।
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के साथ नेमावर पहुंचे पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि, "मप्र में आपराधिक घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, क्योंकि अपराधियों को भाजपा का संरक्षण हासिल है। महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं, राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है।"
वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर शवों पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। राज्य के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस के मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ अलगाववादी राजनीति कर समाज में भय फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। नेमावर हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने ही किया है। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
डॉ. मिश्रा ने आगे कहा कि आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से फांसी के फंदे तक पहुंचाया जाएगा। सरकार ने इस मामले में पूरी संवेदनशीलता दिखाते हुए पीड़ित परिवार को तत्काल मुआवजा भी दिया है।
वहीं आदिवासियों के जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) ने हत्याकांड पर विरोध दर्ज कराया। जयस प्रमुख डॉ हीरालाल ने हत्याकांड की सीबीआई जांच के साथ पीड़ित परिवार को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की और चेतावनी दी कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
नेमावर के सामूहिक हत्याकांड ने सियासत को गर्मा दिया है। सियासी अखाड़ा मालवा निमांड अंचल बनने के आसार बनने लगे हैं क्योंकि इस इलाके के आदिवासी बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र जोबट और खंडवा लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव होने वाले हैं। कुल मिलाकर आने वाले दिनों में इस हत्याकांड को लेकर निमांड-मालवा इलाके की सियासत और तेज हो तो अचरज नहीं होना चाहिए। (आईएएनएस)