विचार / लेख
-प्रकाश दुबे
जन्मदिन पर अपने-पराए बधाई देते हैं। नुक्स नहीं निकाले जाते। पूरा विदेश मंत्रालय इसी काम में लगा रहा। भारतीय राजदूत कतर के दोहा में बधाई देते रहे। विदेश सचिव महामारी के बीच अमेरिका पहुंचे। मंत्री चकरघिन्नी हैं। आपस में गले मिले या दूर से सलाम किया? पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के मुखिया जनरल फैज हमीद बता सके। काबुल पर तालिबान की जीत के दिन गोलियां दागकर जश्न मनाया जा रहा था। जनरल हमीद तालिबानी सरगना के साथ मिलकर उज्ज्वल भविष्य की प्रार्थना कर रहे थे। सरकार के जश्न में शामिल होने शनिवार को जनरल हमीद ने काबुल में कदम रखा। तालिबान के हमलावर दस्ते हक्कानी के उस्ताद वही हैं। आपस में गोलियां चलना दरअसल जनरल को सलामी देने जैसा है। भारत का अभिमन्यु सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता की चार दिन की चांदनी और ब्रिक्स में रूस-चीन की जोड़ी के चक्रव्यूह में फंसा है। सुरक्षा परिषद की सौ आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल नाम पूछकर विदेश मंत्री को मत सताना। भोला राम भारतीयों से निवेदन है-फिलहाल जय जय जयशंकर का जाप करना उचित होगा।
जन्म जन्म के फेरे
हरियाणा के किसानों के सिर फोडऩे का 28 अगस्त को आदेश देने वाले आईएएस आयुष सिन्हा पल भर में सबसे मशहूर अधिकारी बन गए। दो दिन तक राज्य सरकार ने कार्रवाई नहीं की। सोशल मीडिया प्रचारकों ने कहना शुरु किया-समय पड़ा बांका। काम आया राकेश काका। राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा और आयुष को चचा-भतीजा बताया गया। संबंध है। आयुष की मां हिमाचल प्रदेश में प्रोफेसर हैं। राकेश दिल्ली विश्वविद्यालय के कालेज में प्रोफसरी कर चुके हैं। राष्ट्रपति ने वर्ष 2017 में राकेश को राज्यसभा में मनोनीत किया। उसी बरस आयुष भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए। जातिनाम समान है। सिन्हा भाजपा में शामिल होने से पहले पार्टी का बचाव करते रहे हैं। गृह मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य हैं। पांच सितम्बर को जन्मदिन मनाते समय मीडिया प्रचार की कड़वाहट नहीं भूले। सोशल मीडिया प्रचारकों के आत्मघाती हमले से खफा सांसद को खीझकर चेतावनी देनी पड़ी-विवादास्पद अधिकारी से मेरा दूर दूर तक रिश्ता नहीं है। गलत प्रचार करने वालों के खिलाफ कानूनी कर्रवाई करने की धमकी दे डाली।
सूरज रे जलते रहना
साल 2019 में दुनिया की सबसे बड़ी खिलौना कंपनी बिकी। चीनी समूह ने करीब सवा छह अरब रुपए में भारतीय उद्योगपति ने खरीदी कर बिकाऊ खिलौनों की औकात बता दी। लोकसभा चुनाव नतीजों की घोषणा के महज दस दिन पहले सौदा हुआ। सवा खरब आबादी वाला भारत जाने कि कंपनी 50 हजार तरह के खिलौने बेचती है। फ्यूचर ग्रुप का भाग्य मुट्ठी में करने से महामारी भी नहीं रोक सकी। 35 खरब रुपए में जस्ट डायल का सौदा अब जाकर हुआ। संचार माध्यम अंगुली के इशारे पर था था थैया नाचने की तैयारी में है। सूरज को हनुमान की तरह गड़पने की तैयारी है। मुकाबला अडानी और सार्वजनिक उपक्रम एनटीपीसी से है। राष्ट्रीय ताप बिजली निगम गुजरात के कच्छ में सोलर पार्क लगाकर पांच गीगावाट से कम सौर ऊर्जा बनाने में जुटा है। गीगावाट कितना होता है? रिलायंस न्यू सोलर इनर्जी दस साल में सौ गीगावाट सौर ऊर्जा तैयार करेगी। बिजली मंत्री आर के सिंह कहते हैं-सूरज सबका है।
बरसी पर बुलावा
विमान दुर्घटना में 12 बरस पहले डॉ. वाय एस राजेशखर रेड्डी का निधन हुआ। जेल जाने के बाद बेटा जगन्मोहन आंध्र प्रदेश का मुख्यमंत्री बन गया। बेटी शर्मिला तेलंगाना के राजनीतिक अखाड़े में कूद चुकी है। रेड्डी की विधवा विजयलक्ष्मी ने पति की तेरहवीं में जय जयकार करने वाले चुनिंदा पुराने समर्थकों को खुद फोन कर 12 वीं बरसी पर भोज में आने का न्यौता दिया। दर्जन से अधिक विधायक और मंत्री तेलंगाना राष्ट्र समिति में शामिल हो चुके हैं। उनमें से किसी ने बरसी में मुंह नहीं दिखाया। राजशेखर सरकार में मंत्री सविता रेड्डी समेत कुछ मंत्री हैदराबाद छोडक़र दिल्ली उड़ गए। दिवंगत रेड्डी की बरसी के जमावड़े में हाजिरी लगाने वालों के साथ भूतपूर्व विशेषण लग चुका है। कोई मंत्री था, कोई सांसद, कोई महापौर। बड़े अरमान से किया इंतजाम। दस प्रतिशत लोग ही पहुंचे। राजशेखर कांग्रेस के मुख्यमंत्री थे। इसलिए जगन से दूरी के बावजूद कुछ कांग्रेस नेता श्रद्धांजलि देने जा पहुंचे।
(लेखक दैनिक भास्कर नागपुर के समूह संपादक हैं)